RFOI Awards 2024: नीतूबेन पटेल के सिर सजा 'रिचेस्ट फार्मर ऑफ इंडिया' अवार्ड का ताज: कृषि उद्यमिता और प्राकृतिक खेती में अद्वितीय योगदान की मिली मान्यता RFOI Awards 2024: युवराज परिहार को MFOI अवार्ड्स 2024 में मिला ‘फ़र्स्ट रनर-अप रिचेस्ट फार्मर ऑफ इंडिया’ अवार्ड MFOI Award 2024: भारत के प्रगतिशील किसानों का भव्य सम्मान समारोह, कार्यक्रम में सैकड़ों कृषकों ने लिया भाग केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 12 June, 2020 1:30 PM IST

खेतीबाड़ी में सिंचाई का अपना एक अलग महत्व होता है. किसान खेतों में उगाई जाने वाली फसलों की सिंचाई कई प्रकार की तकनीक द्वारा करते हैं. इसमें एक तकनीक ड्रिप इरिगेशन (Drip irrigation) यानी बूंद सिंचाई भी शामिल है. इस तकनीक से फसलों की सिंचाई करने से पानी की बचत होती है, साथ ही पैदावार भी अच्छी प्राप्त होती है. इसी कड़ी में केंद्र सरकार ने “पर ड्रॉप मोर क्रॉप”  के तहत विभिन्न राज्य के किसानों को 4 हजार करोड़ रुपए आवंटित कर दिए हैं. इसका उद्देश्य है कि खेती में कम पानी का उपयोग करके अधिक पैदावार प्राप्त की जा सके.

केंद्र सरकार ने सिंचाई में पानी की एक-एक बूंद का उपयोग करने के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PM Krishi Sinchayee Yojana) चलाई हुई है. इस योजना के तहत ही 'पर ड्रॉप मोर क्रॉप- माइक्रो इरीगेशन' (More crop per drop) कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इसके तहत सिंचाई की आधुनिक तकनीकों पर जोर दिया रहा है.  इसके साथ ही विभिन्न राज्य के किसानों को 4000 करोड़ रुपए आवंटित कर दिए हैं. इस कार्यक्रम का लक्ष्य सूक्ष्म सिंचाई (Micro Irrigation) तकनीक जैसे ड्रिप (Drip irrigation) और स्प्रिंक्लर इरिगेशन सिस्टम द्वारा खेतों में पानी का कम उपयोग करके अधिक पैदावार लेना है.

ये खबर भी पढ़े: Monsoon 2020: खेती के लिए वरदान है मानसून की बारिश, लेकिन इन फसलों को होगा नुकसान

क्या है ड्रिप इरिगेशन

इस तकनीक में न सिर्फ पानी की बचत होती है, साथ ही उर्वरकों की खपत कम होती है. इसके अलावा मजदूरी का खर्चा भी घट जाता है. इस तरह किसानों की खेती में कम लागत लगती है और पैदावार बढ़ जाती है. कृषि मंत्रालय की मानें, तो राज्यों के किसानों को इस कार्यक्रम के तहत आवंटित धनराशि की सूचना दी जा रही है.

जानकारी के लिए बता दें कि राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) के पास  हजार करोड़ रुपए का सूक्ष्म सिंचाई फंड बनाया गया है. इससे माइक्रो सिंचाई (Micro Irrigation) परियोनाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है. अभी तक नाबार्ड (NABARD)  द्वारा सूक्ष्म सिंचाई से आंध प्रदेश और तमिललाडु को  करोड़ों रुपए जारी कर दिए गए हैं.

राज्य सरकार देती हैं सब्सिडी

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PM Krishi Sinchayee Yojana) के तहत छोटे 90 प्रतिशत सब्सिडी उपलब्ध काई जाती है. इसके साथ ही सामान्य किसानों को 80 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है. इसके लिए कृषि विभाग के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना पड़ती है. इस योजना को हर राज्य की सरकार अपने अनुसाल संचालित करती है.

ये खबर भी पढ़े: प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत लगे फार्म पॉन्ड से किसान बने आत्मनिर्भर, लगातार बढ़ रही आमदनी

English Summary: Modi government 4 thousand crore rupees given to drip irrigation, this will boost 'per drop more crop
Published on: 12 June 2020, 01:34 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now