खेतीबाड़ी में सिंचाई का अपना एक अलग महत्व होता है. किसान खेतों में उगाई जाने वाली फसलों की सिंचाई कई प्रकार की तकनीक द्वारा करते हैं. इसमें एक तकनीक ड्रिप इरिगेशन (Drip irrigation) यानी बूंद सिंचाई भी शामिल है. इस तकनीक से फसलों की सिंचाई करने से पानी की बचत होती है, साथ ही पैदावार भी अच्छी प्राप्त होती है. इसी कड़ी में केंद्र सरकार ने “पर ड्रॉप मोर क्रॉप” के तहत विभिन्न राज्य के किसानों को 4 हजार करोड़ रुपए आवंटित कर दिए हैं. इसका उद्देश्य है कि खेती में कम पानी का उपयोग करके अधिक पैदावार प्राप्त की जा सके.
केंद्र सरकार ने सिंचाई में पानी की एक-एक बूंद का उपयोग करने के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PM Krishi Sinchayee Yojana) चलाई हुई है. इस योजना के तहत ही 'पर ड्रॉप मोर क्रॉप- माइक्रो इरीगेशन' (More crop per drop) कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इसके तहत सिंचाई की आधुनिक तकनीकों पर जोर दिया रहा है. इसके साथ ही विभिन्न राज्य के किसानों को 4000 करोड़ रुपए आवंटित कर दिए हैं. इस कार्यक्रम का लक्ष्य सूक्ष्म सिंचाई (Micro Irrigation) तकनीक जैसे ड्रिप (Drip irrigation) और स्प्रिंक्लर इरिगेशन सिस्टम द्वारा खेतों में पानी का कम उपयोग करके अधिक पैदावार लेना है.
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क्या है ड्रिप इरिगेशन
इस तकनीक में न सिर्फ पानी की बचत होती है, साथ ही उर्वरकों की खपत कम होती है. इसके अलावा मजदूरी का खर्चा भी घट जाता है. इस तरह किसानों की खेती में कम लागत लगती है और पैदावार बढ़ जाती है. कृषि मंत्रालय की मानें, तो राज्यों के किसानों को इस कार्यक्रम के तहत आवंटित धनराशि की सूचना दी जा रही है.
जानकारी के लिए बता दें कि राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) के पास हजार करोड़ रुपए का सूक्ष्म सिंचाई फंड बनाया गया है. इससे माइक्रो सिंचाई (Micro Irrigation) परियोनाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है. अभी तक नाबार्ड (NABARD) द्वारा सूक्ष्म सिंचाई से आंध प्रदेश और तमिललाडु को करोड़ों रुपए जारी कर दिए गए हैं.
राज्य सरकार देती हैं सब्सिडी
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PM Krishi Sinchayee Yojana) के तहत छोटे 90 प्रतिशत सब्सिडी उपलब्ध काई जाती है. इसके साथ ही सामान्य किसानों को 80 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है. इसके लिए कृषि विभाग के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना पड़ती है. इस योजना को हर राज्य की सरकार अपने अनुसाल संचालित करती है.
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