Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 20 February, 2020 5:03 PM IST

पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा 2016 में शुरू की गई पीएमएफबीवाई के तहत, ऋणदाता किसानों को इस योजना के तहत बीमा कवर लेना अनिवार्य था लेकिन मोदी सरकार की तरफ से बुधवार को किसानों के हित में एक बड़ा फैसला लिया गया है. दरअसल केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में संशोधन को मंजूरी देकर इसे किसानों के लिए स्वैच्छिक बना दिया. इस मंजूरी से किसानों को ये फायदा होगा कि वे अब  खुद तय कर पाएंगे कि वह अपनी फसल का बीमा कराना चाहते हैं या नहीं.

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना में कई बदलावों को मंजूरी दी है. तोमर ने कहा कि बीमा योजना को अब किसानों के लिए वैकल्पिक बना दिया गया है.

PMFBY  की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए, कृषि मंत्री ने कहा कि बीमा कार्यक्रम में खेती के लिए 30 प्रतिशत योग्य क्षेत्र शामिल है. तोमर ने कहा कि बीमा में 60,000 करोड़ रुपये की निकासी की गई है और 13,000 करोड़ रुपये का प्रीमियम एकत्र किया गया है. इसके उन्होंने कहा कि फसल बीमा पॉलिसी लेने की आवश्यकता के बारे में किसानों के बीच जागरुकता पैदा करने के लिए हम एक अभियान भी शुरू करेंगे.

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना क्या है?

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत ऐसे प्राकृतिक जोखिमों से किसान की खेती को हुए नुकसान के लिए बीमा सहायता दी जाती है जिन्हें टाला नहीं जा सकता. इसमें फसल बुवाई से पहले और कटाई के बाद तक के लिए व्यापक फसल बीमा सुरक्षा प्रदान की जाती है. इसमें खरीफ फसलों के लिए दो प्रतिशत, रबी फसलों के बीमा संरक्षण के लिए 1.5 प्रतिशत और बागवानी एवं वाणिज्यिक फसलों के लिए अत्यंत कम पांच प्रतिशत की दर से प्रीमियम रखा गया है.

English Summary: Modi cabinet has approved crop insurance where farmers can decide for themselves
Published on: 20 February 2020, 05:08 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now