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Updated on: 30 July, 2022 8:32 PM IST
Millet Festival

बाजरा (Millet) अनाज प्रोटीन, फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट में उच्च होते हैं और प्राकृतिक रूप से ग्लूटेन फ्री होते हैं. यह अनाज इतने स्ट्रांग होते हैं कि इन्हें किसी भी उर्वरक या कीटनाशकों के उपयोग के बिना उगाया जा सकता है. ऐसा इसलिए है, क्योंकि बाजरा छोटे आकार और कठोर बनावट का होता है जो सूखे और कीटों से लड़ने में सक्षम है. बाजरा का आकार और बनावट इसे मौसम की कठोर परिस्थितियों से बचने में मदद करता है और यही विशेषताएं इसे भारत में खेती के लिए आदर्श बनाती है.

अंतरराष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023 (International Millet Year 2023)

इसी संदर्भ में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि पोषक-अनाज को हमारे भोजन की थाली में पुनः सम्मानजनक स्थान मिलना चाहिए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय पोषक-अनाज वर्ष घोषित किया है, जिसके तहत पोषक-अनाज को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री जी द्वारा मंत्रियों के समूह को जवाबदारी भी सौंपी गई है. केंद्र सरकार द्वारा स्थानीय, राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनेक कार्यक्रमों की आयोजना की गई है.

केंद्रीय मंत्री तोमर ने यह बात आज दिल्ली हाट में पोषक-अनाज पाक महोत्सव में कही. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा आयोजित यह पाक महोत्सव भारत की अगुवाई में अंतरराष्ट्रीय पोषक-अनाज वर्ष (IYoM)- 2023 मनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जहां लाइव कुकरी शो के माध्यम से विभिन्न व्यंजनों में मिलेट्स के उपयोग को प्रदर्शित किया जा रहा है, जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों के प्रख्यात खानसामों ने भी भागीदारी की है.

स्वस्थ थाली, मिलेट वाली (Millet Benefits)

महोत्सव के माध्यम से, मिलेट से बनाए जा रहे भोजन के पौष्टिक-स्वादिष्ट व्यंजनों का स्वाद लेने का अवसर आमजन को मिल रहा है. दिल्ली हाट में इस महोत्सव के दौरान पोषण के बारे में जानकारी प्रदान की जा रही है. मिलेट के कारण होने वाले पर्यावरणीय लाभ, उद्यमशीलता के प्रदर्शन का अवसर एवं आमजन के लिए नियमित आहार योजना में पोषक-अनाज को बढ़ावा देने का भी यह एक बड़ा अवसर है, जिसमें अनेक स्टार्टअप व अन्य भागीदार भी शामिल हुए हैं. 'छोटे पैमाने के उद्योगों व उद्यमियों के लिए व्यावसायिक संभावनाएं और संभाव्यताएं' विषय पर पैनल परिचर्चा, नुक्कड़ नाटक तथा प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं सहित महोत्सव के विभिन्न आकर्षण हैं, जिनके माध्यम से मिलेट के गुणों का प्रसार किया जा रहा है. यह महोत्सव 31 जुलाई तक चलेगा.

स्वास्थ्य राज, पोषक आनाज (Why Millet is Important)

कम से कम पानी की खपत, कम कार्बन फुटप्रिंट तथा सूखे की स्थिति में भी मिलेट की उपज संभव हो जाती है, अत: ये जलवायु अनुकूल फसलें हैं. शाकाहारी खाद्य पदार्थों की बढ़ती मांग के दौर में मिलेट एक वैकल्पिक खाद्य प्रणाली का निर्माण करता है. मिलेट संतुलित आहार के साथ-साथ सुरक्षित पर्यावरण में भी योगदान देता है. ये मानव जाति के लिए प्रकृति की देन हैं. मिलेट बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन और खनिजों जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों का भंडार है, जिनकी कमी है.

आईसीएआर-आईआईएमआर, आईएचएम (पूसा) और आईएफसीए के सहयोग से आयोजित इस महोत्सव में मुख्य अतिथि  तोमर ने कहा कि मिलेट गरीबों का भोजन है, यह कहकर इसे त्याज्य नहीं करना चाहिए, बल्कि इसे भारत द्वारा पूरे विश्व में फैलाए गए योग के महत्व की तरह प्रचारित-प्रसारित किया जाना चाहिए क्योंकि स्वास्थ्य की दृष्टि से यह अत्यंत महत्वपूर्ण है. भारत, मिलेट की फसलों और उनके उत्पादों का अग्रणी उत्पादक और उपभोक्ता है.  तोमर ने कहा कि मिलेट के सेवन और इससे होने वाले स्वास्थ्य लाभों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए मैं इस प्रकार अन्य अनेक आयोजनों की अपेक्षा करता हूं.

इस अवसर पर केंद्रीय राज्यमंत्री  कैलाश चौधरी, कृषि सचिव मनोज अहूजा, अतिरिक्त सचिव  लिखी, ICAR के महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन महापात्र, मध्यप्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव  अजित केसरी, कृषि मंत्रालय की संयुक्त सचिव और आयोजन की मुख्य समन्वयक मती शुभा ठाकुर, संयुक्त सचिव मती विजयलक्ष्मी, केंद्रीय बागवानी आयुक्त  प्रभात कुमार भी उपस्थित थे. इसमें के.के पंत, प्राचार्य, आईएचएम, पूसा द्वारा धन्यवाद दिया गया.

मिलेट और खाद्य सुरक्षा पर नुक्कड़ नाटक का प्रदर्शन होटल प्रबंधन केटरिंग तथा पोषाहार संस्थान, पूसा के विद्यार्थियों ने किया. मंत्रीजी ने मिलेट के विभिन्न स्टालों का निरीक्षण भी किया और पुरस्कार वितरण किया. डॉ. दयाकर राव ने स्वागत किया. डॉ. डी.के. यादव, एडीजी, आईसीएआर और IIMR, हैदराबाद की निदेशक सु रत्नावती सहित अन्य गणमान्य भी उपस्थित थे.

English Summary: millet, nutritious food grains should be given a respectable place in the food: Agriculture Minister Tomar
Published on: 30 July 2022, 05:29 PM IST

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