माथे से टपकता पसीना.. आंखों में टूटती उम्मीदों का दर्द...चेहरे पर झलकती मायूसी...कुछ पता लगा किसकी बात हो रही है. यहां इस देश किसानों की बात हो रही है. वादे कितने भी कर लिए जाए. सभाएं कितनी भी कर ली जाए, मगर अफसोस किसानों का दर्द जस का तस ही बना रहता है. कभी फसलों का वाजिब दाम नहीं मिल पाता, तो कभी बाजार नहीं मिल पाता. उनके दर्द को हमेशा से अनसुना कर दिया जाता है. अगर कभी उनका दर्द सुन भी लिया जाए तो उस दर्द का सियासी कारोबार शुरू कर दिया जाता है.
इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे कारोबारीयों के धोखाधाड़ी के बारे में बताएंगे, जिन्होंने महज कुछ लाभ के लिए किसानों को चूना लगाया है. इस लेख में हम आपको यह भी बताएंगे कि जब प्रशासन के संज्ञान में यह मामला आया तो किस तरह के कदम उठाए गए? पढ़िए यह खास रिपोर्ट...!
जानिए, पूरा मामला क्या है
उपरोक्त प्रश्नों के उत्तर तलाशने से पहले यह जान लीजिए कि आखिर पूरा माजरा क्या है? दरअसल, यह पूरा मामला आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा का है, जहां कुछ दुकानदार अधिक लाभ कमाने की मंशा से किसानों को MRP कीमत से अधिक कीमत पर खाद बेच रहे थे. इस तरह का काम महज एक दुकानदार के द्वारा किया जाता तो कोई और बात होती, लेकिन यह काम विजयवाड़ा के कई दुकानदारों के द्वारा किया जा रहा था. वहीं, ताज्जुब की बात तो यह रही है कि जब किसानों द्वारा इसका विरोध किया जाता, तो दुकानदारों द्वारा किसानों को उल्टी पट्टी पढ़ाई जाती. चलिए, अब यह जान लेते हैं कि आखिर जब यह पूरा प्रशासन के संज्ञान में आया तो किस तरह के कदम उठाए गए.
प्रशासन ने उठाया ऐसा कदम
वहीं, जब यह पूरा माजरा आईएएस अधिकारी सूर्य परवीन चंद के संज्ञान में आया, तो उन्होंने इन दुकानदारों के इस करतूत को उजागर करने के लिए बड़ा गजब का रास्ता निकाला. वे किसान बनकर दुकानदारों के पास पहुंच गए और उनसे खाद खऱीदने की पेशकश कर डाली. जब उन्हें दुकानदार द्वारा ऊंची कीमत पर खाद दी जाने लगी, तो आईएएस परवीन चंद (जो किसान का भेष धारण कर दुकान पहुंचे थे) ने इसका विरोध किया, लेकिन जब दकानदार नहीं माना और जोर जबरदस्ती करने लगा तो अपनी टीम के साथ पहुंचे आईएएस अफसर परवीन चंद ने उन्हें फौरन पकड़ लिया. अब उन सभी दुकानदारों पर नकेल कसने की कवायद शुरू हो चुकी है, जो इस तरह की हरकत कर किसान भाइयों को चूना लगा रहे हैं.
बताया जा रहा है कि इस तरह की हरकत दुकानदारों द्वारा लंबे समय से की जा रही है, लेकिन किसी ने उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की जहमत नहीं उठाई थी, जिसको ध्यान में रखते हुए आईएएस परवीन द्वारा उठाया गया यह कदम काफी प्रसांगिक माना जा रहा है. अब ऐसे में इस पूरे मामले पर प्रशासन द्वारा आगे क्या कुछ कदम उठाए जाते हैं. यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा. तब तक के लिए आप कृषि जगत से जुड़ी हर बड़ी खबर से रूबरू होने के लिए पढ़ते रहिए...कृषि जागरण.कॉम