अगर आप आम खाना चाहते हैं तो फिर आपके मुंह पर मलिहाबाद का नाम सबसे पहले आता है. मलिहाबाद से दशहरी आम के पेड़ नर्सरी से पूरे देश में निर्यात होते हैं और इसकी बागवानी से आमदनी भी अच्छी होती है. लेकिन पिछले-तीन सालों के अंदर मलिहाबाद अपने अमरूदों के लिए देशभर में ख्याति बटोर रहा है. दरअसल यहां पर तैयार अमरूद के पेड़ों की मांग पूरे देश भर में होती है. यही वजह है कि मलिहाबाद के आम के बागीचों के साथ ही अमरूद के पेड़ों की नर्सरी भी हर जगह देखी जा सकती है.
कई किस्में हो रही हैं विकसित
कलीमुल्ला का कहना है कि मलिहाबाद से अमरूद के पेड़ों की मांग गुजरात, राजस्थान और दक्षिण भारत के राज्यों में तेजी से बढ़ रही है और हर साल करोड़ों पेड़ मलिहाबाद से इन राज्यों में निर्यात हो रहे हैं.
ऐसे बिकता है आम
दशहरी आम का एक छोटा पौधा अधिकतम 50 रूपये में बिकता है. ऐसे में आप अमरूद के कलम ले लेते हैं तो यह पौधे 80 से 100 रूपये में आसानी से मिल जाते है. इसका सबसे बड़ा फायदा है- कम लागत और अधिक उत्पादन. यही सबसे खास वजह है कि मलिहाबाद का आम सबसे ज्यादा मशहूर हो रहा है. इसके अलावा आम और अमरूदों के दामों में भारी अंतर देखने को भी मिल रहा है. इसके अलावा सीजन में दशहरी जहां पर 15 से 20 रूपये प्रति किलो तक मिलता है वहीं अगर अमरूद के दामों की बात करें तो इसके दाम किसी भी सूरत में 40 रूपये प्रति किलो से नीचे नहीं आ रहे है. यही असली वजह है कि अब आम के लिए मशहूर मलिहाबाद अमरूद की दुनिया में काफी तेजी से पहचान बना रहा है.