Poultry Farming: बारिश के मौसम में ऐसे करें मुर्गियों की देखभाल, बढ़ेगा प्रोडक्शन और नहीं होगा नुकसान खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुशखबरी! अब कृषि यंत्रों और बीजों पर मिलेगा 50% तक अनुदान, किसान खुद कर सकेंगे आवेदन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 15 June, 2019 3:13 PM IST

भारत के पांरपरिक आदिवासी जगहों में मशहूर महुआ ड्रिंक का नाम तो आपने सुना ही होगा. दरअसल यही महुआ ड्रिकं भारत के आदिवासी इलाकों में मशहूर है. इसी महुआ ड्रिंक को शहरवासियों खासकर की दिल्ली, मुंबई जैसे मेट्रो शहरों के लिए तैयार किया गया है. खास बात तो यह है कि आदिवासी गौरव के नाम से मशहूर इसकी मर्केटिंग अनार, अदरक और अमरूद के फ्लेवर में उपलब्ध करवाया जाएगा.

आईआईटी दिल्ली ने मिलकर तैयार किया फार्मूला

आदिवासियों के जीवन में रचा बसा महुआ न सिर्फ उनके खान-पान का हिस्सा है बल्कि उनके जीविकापार्जन का साधन भी है. इस पेय के ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए ट्राइफेड अब उसे उपभोक्ता बाजार में उतारने की तैयारी कर रहा है. ट्राइफेड ने आईआईटी दिल्ली के साथ मिलकर विशेष फार्मूला तैयार किया है. जिससे पारंपरिक महुआ पेय को फलों के स्वाद के साथ शहरी उपभोक्ताओं के लिए बाजार में पेश किया जा सकें.

हेरिटेज ड्रिंक के सहारे बनेगा पेय

दरअसल केंद्र सरकार की ओर से चलाई जा रही जन धन योजना के तहत ट्राइफेड ने महुए के फूलों से हेरिटेज ड्रिंक बनाने और शहरी बाजारों में बेचने की परियोजना पर काम शुरू कर दिया है. ट्राइफेड के प्रबंध निदेशक का कहना है कि हम लोग आदिवासियों के उसी ज्ञान का उपयोग कर रहे है जो कि उनके पास हजारों सालों से पहले से मौजूद है. महुआ ड्रिंक के उत्पादन और विपणन के हर स्तर पर आदिवासियों की भागीदारी होगी और इसके वितरण के काम में भी आदिवासियों को सीधे प्राथमिकता दी जाएगी. यह सारी कवायद छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के आदिवासियों को मुख्यधारा में जोड़ने में मदद करेगी. फिलहाल महुए का समर्थन मूल्य केंद्र सरकार द्वारा 25 रूपए प्रति किलो तय किया गया है. आदिवासी जिस विधि से महुआ ड्रिंक बनाते है उसी विधि को थोड़ा सुधार करके हेरिटेज ड्रिंक बनाया जाएगा.

अनार और अदरक के फ्लेवर मिलेंगे

टीम का कहना है कि उन्होंने अदरक, आम, अमरूद फ्लेवर के साथ महुआ ड्रिंक बनाने में सफलता प्राप्त की है. यह हेरिटेज ड्रिंक पीने में मूल स्वाद से थोड़ा मृदु होगा. इस तरह के हेरिटेज ड्रिंक में अल्कोहल की मात्रा 5 से 30 प्रतिशत होगी. ट्राइफेड ने छत्तीसगढ़ के जगदलपुर और महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के तलूजा में महुआ हेरिटेज ड्रिकं के वाणिज्यिक उत्पादक हेतु प्लांट को स्थापित किया है. ट्राइफेड ने गोवा की एक कंपनी के साथ पार्टनरशिप की है.जो महुआ ड्रिंक के प्रचार प्रसार का काम कर रही है.जून के अंत से महुआ ड्रिंक अलग-अलग फ्लेवर में बाजार में आ सकता है.

English Summary: Mahua drink will be now pomegranate, taste like ginger
Published on: 15 June 2019, 03:19 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now