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Updated on: 30 September, 2024 6:55 PM IST
महाराष्ट्र में देशी गाय को मिला ‘राज्य माता’ का दर्जा (प्रतीकात्मक तस्वीर)

महाराष्ट्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए देशी गाय को राज्यमाता घोषित कर दिया है. जारी आदेश में कहा गया है कि स्वदेशी गाय को भारतीय संस्कृति में वैदिक काल से ही महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है. धार्मिक, चिकित्सा और कृषि में गाय का बेहद महत्व है और इसके कई फायदे भी देखने को मिलते हैं. मानव आहार में गाय का दूध अपने उच्च पोषण के चलते काफी लाभदायक भी माना जाता है. इसी को देखते हुए महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने गाय को अब से राज्यमाता घोषित किया है.

आपको बता दें, भारत में गाय को माता का दर्जा पहले से मिला हुआ है और इनकी हिंदू धर्म में पूजा भी की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गाय में सभी देवी-देवताओं का निवास होता है. इन्हीं मान्यताओं के चलते पिछले लंबे समय से देशभर में गाय को राष्ट्रमाता घोषित किए जाने की मांग हो रही है.

कैबिनेट बैठक में लिया गया फैसला

सोमवार यानी 30 सितंबर को महाराष्ट्र सरकार की कैबिनेट बैठक में इस फैसले को लिया गया है. बैटक में देसी गायों के पालन-पोषण के लिए प्रतिदिन 50 रुपये की सब्सिडी योजना को भी लागू करने का निर्णय लिया गया है. बता दें, सरकार इस योजना को महाराष्ट्र गोसेवा आयोग के द्वारा ऑनलाइन लागू कर सकती है. इसके तहत राज्य के प्रत्येक जिले में एक जिला गोशाला सत्यापन समिति होगी.

देशी गाय की संख्या में कमी

महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि, मानव जीवन में प्राचीन काल से ही गाय एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही हैं. गाय को कामरेणु नाम प्राचीन काल से ही दिया गया है, क्योंकि गाय का ऐतिहासिक, वैज्ञानिक और आध्यात्मिक महत्व है. उन्होंने आदेश में कहा, भारत में गायों की विभिन्न नस्लें मौजूद है, लेकिन देशी गायों की संख्या में काफी तेजी से कमी आ रही है.

English Summary: maharashtra government gives Rajya Mata status to the indigenous cow
Published on: 30 September 2024, 07:00 PM IST

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