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Updated on: 15 April, 2023 12:08 PM IST
मध्य प्रदेश के शरबती गेहूं को मिला जीआई टैग

मध्य प्रदेश के शरबती गेहूं को पिछले कई सालों से जीआई टैग दिलवाने का प्रयास किया जा रहा था. जिसे मार्च 2023 में जीआई टैग का दर्जा प्राप्त हुआ है. यह टैग प्राप्त होने के बाद इस गेहूं की देश-विदेश में और भी मांग बढ़ जाएगी.

क्या ख़ास है शरबती गेहूं में

इस गेहूं से बनी रोटियां हर किसी को पसंद आती हैं और आनी भी चाहिए आखिर ख़ास ही इतना होता है. यह सुनहरे रंग का सोने सी चमक रखने वाला गेहूं खाने में थोड़ा मीठा स्वाद देता है. इसके दाने की बात करें तो यह वजन में अन्य दानों से थोड़ा भारी होता है. मध्य प्रदेश में यह कई स्थानों पर उत्पादित किया जाता है. जिसमें सीहोर, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, हरदा, अशोकनगर, भोपाल और मालवा में प्रमुख रूप से पाया जाता है.

कौन से तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं

यह गेहूं अन्य से ख़ास होने के इसके अपने कारण हैं. यह कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है. अगर इसके 30 ग्राम मात्रा की बात करें तो इसमें 113 कैलोरी के साथ 1 ग्राम वसा, आहार फाइबर और 21 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 5 ग्राम प्रोटीन, 40 मिलीग्राम कैल्शियम और 0.9 मिलीग्राम आयरन की मात्रा प्राप्त होती है.

बाज़ार में रखता है सबसे ज्यादा कीमत

शरबती गेहूं खाने में बहुत स्वादिष्ट होता है. यही कारण है कि यह लोगों की पसंद बना हुआ है. बाज़ार में गेहूं की अन्य किस्मों की अपेक्षा इसकी कीमत सबसे ज्यादा होती है. इसलिए इसे बाज़ार में सबसे महंगा बिकने वाला गेहूं भी कहते हैं. अगर हम सामान्य गेहूं की बात करें तो इनकी कीमत 2 से 3 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक होती है. जबकि शरबती गेहूं कीमत इसी बाज़ार में 4500 रुपये से लेकर 5000 के बीच में होती है.

क्या होता है GI Tag

यह टैग एक प्रकार का संकेत होता है. इसका पूरा नाम GI Tag  यानी जियोग्राफिकल इंडिकेशंस टैग होता है. भारतीय संसद में इसे वर्ष 1999 में पारित किया गया था. रजिस्ट्रेशन एंड प्रोटेक्शन एक्ट के तहत ‘जियोग्राफिकल इंडिकेशंस ऑफ गुड्स को संसद द्वारा पारित कर पूरे देश में लागू कर दिया गया.

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 यह किसी विशेष क्षेत्र में प्रचलित वस्तु को दिया जाता है. जिससे उस वस्तु की एक अलग पहचान बनी रहती है.

English Summary: Madhya Pradesh's Sharbati wheat got GI tag, know why it got this tag
Published on: 15 April 2023, 12:38 PM IST

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