व्यक्ति को स्वस्थ रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कि मिलेट अनाज योजना को बढ़ावा देने के लिए जहां एक ओर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कामयाबी मिली है तो वहीं मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने राज्य के किसानों के लिए “मध्यप्रदेश राज्य मिलेट मिशन योजना” को कैबिनेट में मंजूरी दे दी है. राज्य सरकार ने इस योजना के लिए 23 करोड़ 25 लाख का बजट रखा है.
बता दें कि मध्यप्रदेश के कृषि विभाग ने कैबिनेट की बैठक में मिलेट अनाज को लेकर एक प्रस्ताव रखा था, जिसे शुरू करने का निर्णय शिवराज सरकार ने लिया है. जैसा कि मिलेट अनाज को मोटा अनाज भी कहा जाता है, इसमें कोदो, कुटकी, सांबा, ज्वार, बाजरा शामिल हैं.
कृषि मंत्री एवं किसान नेता कमल पटेल ने मध्यप्रदेश कैबिनेट में मिलेट अनाज को लेकर लिए गए निर्णय के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि योजना का उद्देश्य श्री अन्न (मिलेट्स/मोटे अनाज) की खेती को बढ़ावा देना, किसानों को 80% अनुदान पर उन्नत प्रमाणित बीज उपलब्ध कराना, प्रशिक्षण, कार्यशाला का आयोजन, उत्पादों का प्रचार प्रसार करना है.
कृषि मंत्री पटेल ने मोटे अनाज की विशेषता बताते हुए कहा कि श्री अन्न (मिलेट्स) फसलों में पोषक तत्व आयरन, कैल्शियम, फाइबर भरपूर होते हैं और वसा का प्रतिशत कम होता है जिससे हृदय और डायबिटीज के रोगियों के लिए भी इनका उपयोग सुरक्षित पाया गया है. जैसा की कोरोना के बाद लोग स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हुए हैं. प्रदेश में पहले यह फसलें केवल आदिवासी क्षेत्र के किसान करते थे लेकिन अब इस योजना के माध्यम से इन फसलों को पूरे प्रदेश में बड़े स्तर पर करने की योजना तैयार की गई है.
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राज्य सरकार द्वारा मध्य प्रदेश राज्य मिलेट मिशन योजना को स्वीकृति मिलने के बाद किसानों के बीच मिलेट फसलों की खेती करने के लिए जागरूकता और बढ़ेगी. इसके साथ ही इस योजना के तहत मिलेट फसलों से तैयार व्यंजनों का प्रचार-प्रसार भी तेजी से हो सकेगा.
बता दें कि इस कैबिनेट में सरकारी कार्यक्रमों और मध्यान्ह भोजन में बच्चों को मोटे अनाज का भोजन देने का निर्णय भी लिया गया है.