ग्रामीण समुदायों के लिए आय के स्रोत के रूप में सबसे महत्वपूर्ण उद्योग पशुपालन होता है. पशुपालन से किसानों को अधिक पैसा कमाने में मदद मिलती है. मध्यप्रदेश सरकार इस शृंखला के माध्यम से प्रदेश के आदिवासी समाज में बेरोजगारी को कम करने के लिए लोगों को पशुपालन से जोड़ने का प्रयास कर रही है.
मध्य प्रदेश में काफी संख्या में आदिवासी लोग रहते हैं. राज्य के बैगा, भारिया और सहरिया समुदायों को पशुपालन से परिचित कराने के लिए सरकार उन तक पहुंचने की कोशिश कर रही है. इन समुदाय के परिवारों को दो पशु मुफ्त में दिए जाएंगे. जिनमें भैंस या गाय शामिल होंगी. प्रत्येक किसान को कुल मिलाकर 1500 गाय और भैंस प्रदान की जाएगी. इसके अतिरिक्त, इन पशुओं के चारे के लिए सभी खर्चों का 90% सरकार द्वारा वहन किया जाएगा.
मुख्यमंत्री दुधारू गाय प्रदाय कार्यक्रम
इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए सरकार को वित्तीय वर्ष 2022-2023 और 2023-2024 में 750-750 गाय और भैंस प्रदान करेगी. इसके लिए सरकार ने 29 करोड़ 18 लाख रुपये का बजट आवंटन किया है. गाय की आपूर्ति के लिए एक लाख 89 हजार रुपये और भैंस के लिए दो लाख 43 हजार रुपये की राशि निर्धारित की गई है. कुल 1 लाख 70 हजार 325 रुपये का सरकारी अनुदान गायों की खरीद में तथा 2 लाख 18 हजार 700 भैंस प्रदाय हेतु दिया जाएगा.
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मध्य प्रदेश राज्य सहकारी डेयरी संघ और भारतीय स्टेट बैंक के बीच समझौता ज्ञापन के अनुसार, मध्य प्रदेश के किसान अब बिना किसी गारंटी के 10 लाख रुपये तक के ऋण के लिए पात्र होंगे. इससे राज्य में दूध का उत्पादन भी बढ़ेगा. राज्य के प्रत्येक जिले में एमओयू के अनुसार दुधारू पशुओं की खरीद के लिए सीमित संख्या में बैंक शाखाओं के माध्यम से किसानों को ऋण उपलब्ध कराया जाएगा.