जब से देश पर कोरोना वायरस का संकट छाया है, तब से देशभर में लॉकडाउन की स्थिति बनी हुई है. हालांकि, सरकार द्वारा कृषि कार्यों को जारी रखने की छूट मिल गई है, लेकिन फिर भी किसानों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा है. लॉकडाउन के दौरान अधिकतर किसान आर्थिक तंगी से जूझ रहे है, लेकिन कई किसान ऐसे भी हैं, जो इस दौरान लाखों रुपए का मुनाफ़ा भी कमा रहे हैं. जहां किसान फसल की बिक्री न होने के कारण मायूस है, तो वहीं मध्य प्रदेश को उरिया जिले के कई गांव के किसान लॉकडाउन में तरबूज की खेती से लाखों रुपए कमा रहे हैं.
तरबूज की खेती से कमा रहे लाखों
आपको बता दें कि लॉकडाउन में भी कई किसान तरबूज की खेती से लाखों रुपए का मुनाफ़ा कमा रहे हैं. किसानों की उपज थोक व्यापारी द्वारा लगातार सीधे खेतों से खरीदी जा रही है. इस तरह उन्हें अपनी उपज बेचने के लिए बाहर भी नहीं जाना पड़ रहा है.
किसान लॉकडाउन का कर रहे सदुपयोग
यहां सभी किसान लॉकडाउन के दौरान अपने समय का सदुपयोग कर रहे हैं. खास बात है कि किसान कृषि विज्ञान केंद्र उमरिया द्वारा तरबूज की जैविक खेती का प्रशिक्षण ले रहे हैं. इसके साथ ही उन्हें बीज और जैविक उर्वरक भी उपलब्ध कराई गई है.
कृषि विज्ञान केंद्र ने की मदद
किसानों का कहना है कि कृषि वैज्ञानिकों द्वारा जैविक विधि से तरबूज की खेती का प्रशिक्षण दिया गया. इसके बाद किसानों ने जैविक खाद और कल्चर के उपयोग से तरबूज की खेती की. अब उन्हें फसल का दोगुना उत्पादन मिल रहा है. इससे रोजाना 2 से 3 हजार रुपए तक की आमदनी मिल रही है. लॉकडाउन के दौरान भी थोक व्यापारी खेतों से ही तरबूज खरीद कर रहे हैं. इस तरह किसानों के इस वक्त तरबूज की खेती वरदान साबित हुई है. जब देश का हर वर्ग लॉकडाउन की वजह से आर्थिक तंगी झेल रहा है, तब इन किसानों ने खेती में एक बड़ी ये सफलता हासिल की है. यह देश और समाज के लिए बहुत अच्छा उदाहरण है.
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