लम्पी वायरस का कहर रूकने का नाम नहीं ले रहा है. स्थिति इतनी बदतर हो चुकी है कि अब गायों को दफनाने के लिए जगह भी नहीं मिल पा रही है. ताजा आंकड़ों को देखें तो अब तक कुल देशभर में 57 हजार के अधिक गायों के मौत चुकी है. इसका सबसे ज्यादा असर राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और गुजरात में देखने को मिल रहा है. सबसे अधिक ग्रस्त राज्य राजस्थान है. वहां का हाल कुछ यूं है कि चारों तरफ गायों के शव ही शव है. यहां पर सबसे अधिक 37 हजार मौतें दर्ज की गई हैं.
टीकाकरण में तेजी लाने के निर्देश
सरकार ने लोगों से अपील की है कि है वह अपने पशुओं का टीकारकरण जरूर करवाएं. जिसके लिए राज्य सरकारों को भी टीकाकरण में तेजी लाने को कहा गया है. सरकार का कहना है कि गुजरात में लम्पी वायरस की स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ है तो वहीं पंजाब और हरियाणा में स्थिति काबू में है. जबकि राजस्थान में लम्पी वायरस पूरी तरह से फैल चुका है और सबसे अधिक मौतें यहीं दर्ज की गई है.
लम्पी वायरस और इसके लक्षण
लम्पी वायरस पशुओं में पाया जाना वाला बहुत ही खतरनाक व घातक वायरस है. यह एक जानवर से दूसरे जानवर में मक्खियों और मच्छरों द्वारा फैलता है. लम्पी वायरस से संक्रमित जानवरों को बुखार, त्वचा पर गांठ, आंखों और नाक से पानी, दूध उत्पादन में कमी और खाने में कठिनाई हो सकती है. इसके अलावा पूरे शरीर पर गोल उभरी हुई गांठें बन जाती हैं. इसके साथ ही पैरों में काम करने की क्षमता भी कम हो जाती है. चरम मामलों में जानवर की मौत हो जाती है. गर्भवती गायों और भैंसों को अक्सर इस बीमारी के कारण गर्भपात हो जाता है.
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दिल्ली में लम्पी वायरस के केस दर्ज
राजधानी में लम्पी वायरस के 137 केस सामने आए हैं. जिसके चलते पड़ोसी राज्य उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल में लम्पी फैलने का खतरा और अधिक बढ़ गया है. तो वहीं आंकड़े देखें तो अब तक पूरे देश में कुल 10 लाख से अधिक पशु लम्पी वायरस की चपेट में आ चुके हैं. लोगों के बीच खौफ है कि कहीं यह वायरस पशुओं से इंसानों तक न आ जाए. हांलाकि विशेषज्ञ की मानें तो इससे इंसानों को खतरा नहीं है. मगर पशुओं पर फैल रहे इन लम्पी वायरस से पशुपालकों को बेहद नुकसान हो रहा है.