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Updated on: 11 November, 2021 9:03 AM IST
Litchi Business in India

भारत के किसानों के लिए लगातार खुशियों की बारिश हो रही है. कभी किसानों को पेंशन मिलने की घोषणा हो रही होती है तो कभी बारिश से बर्बाद हुए फसलों के लिए मुआवजा का ऐलान किया जा रहा है.

इन तमाम घोषणाओं का श्रेय चुनावी मौसम को जाता है. ऐसे में एक खबर लीची का उत्पादन कर रहे किसानों के लिए आई है.आपको बता दें लीची उत्पादन करने वाले किसानों के लिए खुशखबरी है. अचानक लगे लॉकडाउन के कारण जो किसान अपनी फसल को बाजार भेजने में असफल रहे और इस वजह से उनकी कमाई नहीं हो पाई, उनके लिए अगले पांच साल तक बेहतर कमाई का मौका मिल सकता है. क्योंकि अनुमान लगाया जा रहा है कि अवधि (2021-2026) के दौरान वैश्विक लीची बाजार में सीएजीआर 3.5% हो सकता है. साल 2020 दुनिया भर के लीची किसानों के लिए बहुत आशाजनक नहीं रहा. दुनिया भर में लंबे समय तक तालाबंदी के कारण किसान अपनी उपज को बाजारों तक नहीं पहुंचा पा रहे थे, जिससे किसानों को नुकसान हुआ.

फलों में लीची की बात करें तो भारत में उगाए जाने वाले प्रमुख फलों में से एक है. दुनिया भर में  बढ़ती मांग के कारण, उत्पादन और खेती के क्षेत्र में काफ़ी  झुकाव की प्रवृत्ति का सामना करना पड़ रहा है.

बागवानी के आंकड़ों के अनुसार, भारत, 2016 में, लीची के तहत खेती का क्षेत्र 90,000 हेक्टेयर था, और यह अब तक बढ़कर लगभग  96,000 हेक्टेयर हो गया. इसी तरह 2016 में लीची का उत्पादन 559,000.0 मीट्रिक टन था और यह बढ़कर 721,000.0 मीट्रिक टन हो गया.

बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और असम देश के प्रमुख लीची उत्पादक राज्य  हैं. उत्पादक राज्य की  एक  खासियत  होती  है की वहां की खपत उपज पर निर्भर होती है. 2019 में, बिहार में देश के कुल उत्पादन का लगभग 65% हिस्सा था, इसके बाद क्रमशः झारखंड, छत्तीसगढ़ और असम का स्थान है. शाही लीची भारत के प्रमुख लीची उत्पादक राज्यों में लीची की सबसे अधिक खेती की जाने वाली किस्मों में से एक है. बिहार के कई इलाकों में साही लीची की खेती की जाती है. वहीं मुज्जफरपुर के सही लीची को GI टैग भी मिल चूका है.

दुनिया भर में उभरते और विकासशील देशों में ताजा उपज की बढ़ती मांग और प्रमुख उत्पादकों से बढ़ते व्यापार और प्रमुख उत्पादक देशों में अनुकूल सरकारी पहल के कारण बाजार का विकास हो रहा है. 2019 के अंत में, वियतनाम ने जापान को लीची के निर्यात के लिए लीची किसानों के साथ एक समझौता किया. हालांकि, महामारी व्यापार प्रतिबंध वियतनाम से निर्यात के लिए एक प्रमुख मार्ग के रूप में सामने आए. मांग और आपूर्ति की दोनों बाजार शक्तियों के कामकाज में पर्याप्त अभूतपूर्व व्यवधान बाजार में उपभोक्ताओं सहित सभी हितधारकों के लिए बाधा के रूप में सामने आया.

भारत सरकार द्वारा शुरू की रही एक नया पहल (A new initiative being launched by the Government of India)

भारत में, सरकार और निजी कंपनियां अधिक मूल्यवर्धन, निर्यात और किसानों के मूल्य प्राप्ति को बढ़ावा देने के लिए पहल कर रही हैं. उदाहरण के लिए, 2020 में, कोका-कोला इंडिया, देहात, नेशनल रिसर्च ऑन लीची (NRCL), और केडिया फ्रेश पार्टनर ने उन्नति लीची नामक एक पहल शुरू की. इस पहल का उद्देश्य कृषि मूल्य श्रृंखला की दक्षता को बढ़ाना और उच्च घनत्व वाले वृक्षारोपण पर किसानों की क्षमता निर्माण, अच्छी कृषि प्रथाओं के लिए किसान प्रशिक्षण (जीएपी), और उपयुक्त प्रौद्योगिकी हस्तक्षेपों के माध्यम से डेमो बागों का निर्माण करना है. इस प्रकार, उपरोक्त कारक बाजार का अध्ययन कर रहे हैं, जो पूर्वानुमान अवधि के दौरान बढ़ने का अनुमान है.

ये भी पढ़ें: लीची की खेती की पूरी जानकारी

दुनिया भर में उभरते और विकासशील देशों में ताजा उपज की बढ़ती मांग और प्रमुख उत्पादकों से बढ़ते व्यापार और प्रमुख उत्पादक देशों में अनुकूल सरकारी पहल के कारण बाजार का विकास हो रहा है. 2019 के अंत में, वियतनाम ने जापान को लीची के निर्यात के लिए लीची किसानों के साथ एक समझौता किया.

हालांकि, महामारी व्यापार प्रतिबंध वियतनाम से निर्यात के लिए एक प्रमुख मार्ग के रूप में सामने आए. मांग और आपूर्ति की दोनों बाजार शक्तियों के कामकाज में पर्याप्त अभूतपूर्व व्यवधान बाजार में उपभोक्ताओं सहित सभी हितधारकों के लिए बाधा के रूप में सामने आया.

English Summary: Litchi farmers will get good news, the government extended a helping hand
Published on: 11 November 2021, 09:09 AM IST

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