23 मई के चुनावी नतीजों से पहले जाने कैसे होती है मतगणना
दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में लोकसभा चुनाव संपन्न हो चुके है. देश में चुनाव आयोग ने अप्रैल 11 से लेकर 19 मई तक सात चरणों में इस बार 543 सीटों पर लोकसभा और चार राज्यों के विधानसभा चुनावों को संपन्न करवाया है. 23 मई की सुबह 8 बजे से पूरे देशभर में मतगणना शुरू हो जाएगी. इसी दिन वोटों की गिनती के साथ यह तय हो जाएगा कि कौन-सी पार्टी केंद्र में सरकार बनाने जा रही है. यह च़ुनाव ईवीएम(EVM) के जरिए हुए है. इसीलिए हम आपको बता रहे है कि ईवीएम से किस तरह से मतगणना होती है. इस बार के चुनाव में ईवीएम के साथ में वीवीपैट मशीनों को भी साथ में जोड़ा गया है, इस बार चुनावों में इन वीवीपैट मशीनों की पर्चियों का भी मिलान किया जाएगा. देश में पहली बार इस तरह की व्यवस्था की गई है.
ऐसे होगी मतगणना
सबसे पहले प्रक्रिया के मुताबिक ईवीएम के कंट्रोल यूनिट के रिजल्ट बटन से वोटों की गणना की जाएगी. उसके बाद में पांचों वीवीपैट मशीनों के परिणाम से कंट्रोल यूनिट से मिले आंकड़ों को मिलान किया जाएगा. पिजन हॉल बॉक्स की पर्चियों की संख्या से भी वोटो की संख्या का मिलना किया जाएगा. ये वही पर्चियां है जो कि आपको वोट डालते समय ईवीएम की दाई तरफ से निकलती हुई दिखाई पड़ी थी. इन पर्चियों की गणना भी वोटों की गिनती के साथ ही हुई थी.
जाने ! क्यों हुआ था विवाद
पिछली बार ईवीएम को लेकर विवाद पैदा हुआ था, इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा था और कोर्ट के निर्णय के बाद पहली बार पांच वीवीपैट का वोटों की गिनती में इस्तेमाल हो रहा है. इससे वोटों की गिनती में किसी भी प्रकार की हेराफेरी की गुजाइंश काफी कम हो जाती है.
यह भी जानें कि किस तरह होगी गिनती
मतदान के बाद स्ट्रांग रूम में रखे गए ईवीएम मतगणना के दिन ही निकाले जाएंगे. उसके बाद देश के मतगणना केंद्रों पर वोटों की गिनती को शुरू किया जाएगा. 23 मई की सुबह 8 बजे से लोकसभा की 543 लोकसभा सीटों पर वोटों की गिनती शुरू होगी. जिसके आधे घंटे बाद ही चुनावों के रूझान आने तेजी से शुरू हो जाएंगे. मतगणना स्थल पर चुनाव करते रिटर्निंग ऑफिसर के अलावा चुनाव में खड़े प्रत्याशी इलेक्शन एजेंट, काउंटिंग एंजेट भी मौजूद रहेंगे, ऑफिशियल कैमरे से इसकी वीडियोग्राफी भी की जाएगी
सबसे पहले मतगणना केंद्रों पर पोस्टल बैलेट की गिनती की जाएगी. पोस्टल बैलेट सर्विस वोटरों के होते है. इसके आधे घंटे बाद ही ईवीएम खुलना शुरू हो जाते है. पोस्टल बैलेट में भी अब ईवीएम के साथ काउटिंग टेबल पर पहुंच जाते है. एक बार में अधिकतम 14 ईवीएम की गिनती की जाती है. मतगणना केंद्र पर तैनात चुनाव पर्यवेक्षक की मुख्य डयूटी यही से शुरू हो जाती है, वह पहले ईवीएम की सुरक्षा की जांच करते है, वे इस बात की पुष्टि करते है कि ईवीएम से छेड़छाड़ तो नहीं की गई है. बटन को दबाकर वोट की गणना करने का काम चुनाव अधिकारी का ही होता है. उसके बाद ईवीएम का कंट्रोल यूनिट का रिजल्ट बटन दबाने पर ही कुल वोटों का पता चल जाता है. साथ ही यह पता चलता है कि किस प्रत्याशी को कितने वोट मिले वोटो की गिनती का मिलान पांचों वीवीपैट से करके रिटार्निंग ऑफिसर को भेजा जाता है.