लोहड़ी एक पंजाबी त्यौहार है. जो मकर संक्रांति से दो दिन पहले ही मनाया जाता है. पंजाब के लोग लोहड़ी को नए साल की शुरुआत में मानते हैं. क्योंकि किसान इस दिन फसल की कटाई करके उसके ताज़ा गेहूं से रोटी और गुड़ बनाते है. लोगों की मान्यता है कि लोहड़ी के पावन दिन शीत-ऋतु ख़त्म होकर बसंत ऋतु का आगमन हो जाता है. जिससे पेड़-पौधों में नए पत्ते और फूल उगने लग जाते है.
इस दिन पंजाब में भांगड़ा किया जाता है और खूब लोकगीत सुनाये जाते है. हर किसी के चेहरे पर हर्ष व उल्लास की अलग चमक दिखाई देती है. शाम को लोहड़ी जलाई जाती है. आग में तिल, मूंगफली, गुड़, गन्ने की आहुति दी जाती है और कामना की जाती है कि खेतों में अच्छी पैदावार हो और दिन दुगनी रात चौगुनी तरक्की हो.
दुल्ला भट्टी की कहानी -
लोहड़ी पर एक लोककथा भी प्रसिद्ध है जो पंजाब से जुड़ी हुई है. आज से कईं हज़ार सालों पहले मुगल काल में बादशाह अकबर के राज में एक व्यक्ति था. जिसका नाम दुल्ला भट्टी था. एक बार कुछ व्यापारी चीज़ों के बदले गांव की लड़कियों का सौदा कर रहे थे.
उस वक्त दुल्ला भट्टी ने अपनी जान की परवाह ना करते हुए वहां पहुंचकर लड़कियों को व्यापारियों के चंगुल से मुक्त करवाया और उन सभी लड़कियों की शादी हिन्दू रीति-रिवाज़ के तहत हिन्दू लड़कों से करवाई. जिसके बाद से दुल्ला भट्टी को नायक कहा जाने लगा और लोहड़ी के दिन उनकी याद में 'सुंदर मुंदरिए' गीत गाया जाने लगा है. आज भी पंजाब में लोहड़ी के ख़ास त्यौहार पर जब लोहड़ी जलाई जाती है तो बुजुर्ग लोग यह कहानी सुनाते हैं और गीत गाते है.
लोहड़ी पर दोस्तों, रिश्तेदारों को भेजे जाने वाले बेहतरीन संदेश
हम आप के दिल मे रहते हैं,
इसलिए हर गम सहते हैं,
कोई हम से पहले ना कह दे आप को,
इसलिए एक दिन पहले ही आप को हैप्पी-लोरी कहते है!
जैसे-जैसे लोहड़ी की आग तेज़ हो,
वैसे-वैसे हमारे दुखों का अंत हो,
लोहड़ी का प्रकाश आपकी ज़िन्दगी को प्रकाशमय कर दे
लोहड़ी पर सिर्फ लकड़ियां ही नहीं...
जलने वालो को भी जलाओ.....
Happy Lohri..!
पॉपकॉर्न की खुशबु, मूंगफली रेबड़ी की बहार,
थोड़ी सी मस्ती, अपनों का प्यार..
आपको मुबारक हो लोहरी का त्यौहार
हैप्पी लोहरी 2021.