Groundnut Variety: जून में करें मूंगफली की इस किस्म की बुवाई, कम समय में मिलेगी प्रति एकड़ 25 क्विंटल तक उपज खुशखबरी! अब किसानों और पशुपालकों को डेयरी बिजनेस पर मिलेगा 35% अनुदान, जानें पूरी डिटेल Monsoon Update: राजस्थान में 20 जून से मानसून की एंट्री, जानिए दिल्ली-एनसीआर में कब शुरू होगी बरसात किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 28 May, 2019 7:04 PM IST

सूखे की मार झेल रहे बाड़मेर, जैसलमेर सहित दूसरे समीपवर्ती जिलों के किसानों के लिए बेहद ही चिंताजनक खबर है. क्योंकि जैसलमेर जिले के पोकरण फिल्ड फायरिंग रेंज स्थित काहला और लोहार की ग्राम पंचायत के मंगलियों की छाणी के पास बड़ी संख्या में टिड्डी के दल देखे गए है. ऐसे में जायद के साथ-साथ खरीफ फसल पर भी पूरी तरह से संकट गहरा सकता है.हालांकि इस साल सूखे के चलते किसनों ने जायद पसलों की बुवाई नहीं की है. लेकिन नियंत्रण के अभावमें बड़ा नुकसान भी संभव है. गौरतलब है कि टिड्डी दल नजर आने के साथ ही प्रशासन और किसानों में अलर्ट को जारी कर दिया गया है. वही नियंत्रण के लिए टिड्डी प्रतिरक्षा और निरोधक विभाग के साथ-साथ कृषि विभाग के अधिकारियों ने मैदान संभालना तेजी से शुरू कर दिया है।

फिर दिखा टिड्डी दल

कृषि अधिकारी मदनसिंह चंपावत ने बताया कि पोकरण फिल्ड फायरिंग रेंज में स्थित पुराने गौर आबाद काहला गांव और लौहार की ग्राम पंचायत के मंगलियोंकी छाणी में टिड्डी दल को देखा गया है। जैसलमेर, फलोदी, नागौर, बाड़मेर, जालौर आदि के टीमों के अधिकारी के साथ अभिलेख निरीक्षकों ने भी इस क्षेत्र का दौरा किया है. साथ ही मौके पर पहुंचकर काहला और मंगलियों की ढाणी में जमीन पर लगी घास, झाड़ियों आदि पर चिड्डी दल पर स्प्रे किया.साथ ही उन्होंने ग्रामीणों की बैठक लेकर उन्हें मादा-नर टिड्डी की पहचान करवाई और टिड्डी दल दिखाई देने पर इसकी सूचना तत्काल सूचना प्रशासन, पटवारी, आरआई और कृषि पर्य़वेक्षक आदि को देने की बात कही, ताकि ठीक समय रहते इसका उचित नियंत्रण किया जा सकें.

पशुपालकों को हिदायत

टिड्डी प्रतिरक्षा निरोधक दल के अधिकारियों पशपालकों को प्रभावित क्षेत्र में पशु नहीं चराने की सलाह दी जा रही है. साथ ही अधिकारियों का कहना है कि मरू वनस्पति पर कीटनाशक का छिड़काव किया हुआ है. ऐसे में चराई के दौरान पश कीटनाशक स्प्रे की हुई वनस्पति को खा लेता है, तो उनकी मौत अथवा बीमार हो जाने से इंकार नहीं किया जा सकता है.

पाक से आया है यह टिड्डी दल

कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार चिड्डी दल की आमद पाकिस्तान से हुई है. पाकिस्तान के रास्ते से टिड्डी दल ने प्रवेश कर रामदेवरा ग्राम पंचायत के गैर आबाद गलर गांव के आसापसा डेरा डाला.किसानों से सूचना मिल जाने के बाद जैसलमेर, जोधपुर, जालौर, फलोदी, पाली, बीकानेर, नागौर से कृषि और टिड्डी प्रतिरक्षा निरोधक विभाग के अधिकारी अपनी टीम, मशीन और साजो सामान के साथ मौके पर पहुंच गए. उन्होंने टिड्डी के दल पर स्प्रे कर उन्हें खत्म करने की कार्रवाई को अंजाम देना शुरू कर दिया है।

English Summary: Ladders come from Pakistan to produce products in Jaisalmer
Published on: 28 May 2019, 07:09 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now