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Updated on: 7 July, 2020 3:24 PM IST

लद्दाख को लेकर आम लोगों की समझ यही है कि वहां की भूमि खेती लायक नहीं है. यही कारण है कि बंजर समझे जाने वाले लद्दाख को सुरक्षा की दृष्टि से तो अहम माना जाता है, लेकिन खेती की दृष्टि से अधिक लाभकारी नहीं माना जाता. 1962 में चीन से लड़ाई के समय जवाहर लाल नेहरू ने तो संसद में ये तक कह दिया था कि “लद्दाख में तिनके के बराबर भी घास नहीं उगती, वो बंजर इलाका है, इसलिए हमने उसे छोड़ दिया.” हालांकि उनका वो बयान आज भी कांग्रेस को पानी-पानी कर देता है, लेकिन आम धारणा यही है कि लद्दाख में खेती कार्य नहीं हो सकते.

लद्दाख में होती है खेती

ऐसा नहीं है कि लद्दाख के लोग खेती नहीं करते. वहां भी कई तरह के फसलों की खेती होती है. कम ही लोगों को जानकारी होगी कि लद्दाख में दुर्लभ औषधीय पौधों, जड़ी-बूटियों आदि के भंडार हैं. शायद यही कारण है कि अब केंद्र सरकार ने लद्दाख में मिशन ऑर्गेनिक डेवलपमेंट इनिशिएटिव (मोदी) योजना लॉन्च करने का निर्णय लिया है.

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अगले पांच सालो में जैविक प्रदेश होगा लद्दाख

इस योजना का लक्ष्य लद्दाख को अगले पांच सालो के अंदर जैविक प्रदेश बनाना है. इस योजना के आने से प्रदेश के युवाओं को रोजगार मिलेगा एवं लद्दाख के क्षेत्र भारत के बाकि राज्यों से जुड़ पाएगा.

जैविक उत्पादों की बढ़ेगी मांग

इस योजना के सहारे देश में जैविक उत्पादों की मांग बढ़ाई जाएगी और लद्दाख के किसानों को मार्केट रेट से 30 गुणा अधिक दाम देने की कोशिश की जाएगी. इस कार्य के लिए सेना का सहयोग भी लिया जाएगा. सेना की मदद से भारी बर्फ में भी ग्रीनहाउस प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा.

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English Summary: ladakh will become organic state within five years know more about mission modi and ladakh organic farming
Published on: 07 July 2020, 03:28 PM IST

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