राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए यह कार्यक्रम छात्रों/संकायों/उद्यमियों/नवप्रवर्तनकर्ताओं व अन्य लोगों को फसल सुधार के लिए नवाचार को बढ़ावा हेतु अभिनव दृष्टिकोण व प्रौद्योगिकी समाधान प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करेगा.
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के मार्गदर्शन में इस तरह की पहल से सीखने की क्षमता, नवाचार व समाधान, रोजगार क्षमता व उद्यमशीलता, फसल क्षेत्र में वांछित तीव्र परिणाम को बल देगी. इसके साथ ही देश में प्रौद्योगिकी सक्षम समाधानों को अधिक से अधिक अपनाने को बढ़ावा मिलेगा.
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आईसीएआर के उप महानिदेशक (कृषि शिक्षा) व एनएएचईपी के राष्ट्रीय निदेशक डॉ. राकेश चन्द्र अग्रवाल के अनुसार, कृतज्ञ (KRITAGYA) की व्याख्या इस प्रकार है- कृ (KRI) से तात्पर्य है कृषि, त (TA) से आशय है तकनीक और ज्ञ (GYA) से तात्पर्य है ज्ञान. इस प्रतियोगिता में देशभर के किसी भी विश्वविद्यालय/तकनीकी संस्थान के छात्र, संकाय और नवप्रवर्तनकर्ता/उद्यमी आवेदन कर सकते हैं व समूह के रूप में कार्यक्रम में भाग ले सकते हैं. भाग लेने वाले समूह में अधिकतम 4 प्रतिभागी शामिल होंगे, जिसमें छात्र के साथ, एक से अधिक संकाय-सदस्य और/या एक से अधिक नवोन्मेषक या उद्यमी नहीं होंगे. भाग लेने वाले छात्र स्थानीय स्टार्ट-अप, प्रौद्योगिकी संस्थानों के छात्रों के साथ सहयोग कर सकते हैं और 5 लाख रुपये तक जीत सकते हैं.
आयोजन के लिए पंजीकरण 26 सितंबर 2022 तक होगा. वर्ष 2020-21 व 2021-22 के दौरान एनएएचईपी ने आईसीएआर के कृषि इंजीनियरिंग व पशु विज्ञान प्रभागों के सहयोग से क्रमशः फार्म मशीनीकरण व पशु विज्ञान में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए हैकथॉन 1.0 व 2.0 का आयोजन किया गया. इन आयोजनों में देशभर से अपार भागीदारी हुई, जहां 784 से अधिक टीमों यानी, तीन हजार प्रतिभागियों ने हैकथॉन 1.0 में सक्रिय रूप से भाग लिया और 269 से अधिक टीमों ने हैकाथॉन 2.0 में हिस्सा लिया. राष्ट्रीय स्तर पर कृतज्ञ एगटेक हैकथॉन के लिए चयनित टीमों में से 4 टीमों को 9 लाख रु. के नकद पुरस्कार से केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री तोमर द्वारा सम्मानित किया गया. यह आयोजन आईसीएआर के समर्थन से एग्री बिजनेस इन्क्यूबेटर्स, एमएसएमई व अन्य निवेशकों के सहयोग से उनके अवधारणा प्रस्तावों और भविष्य की योजनाओं में आगे के विकास के लिए समर्थन का विस्तार भी कर रहा है.
आईसीएआर ने नवंबर-2017 में विश्व बैंक की सहायता से एनएएचईपी शुरू की थी, जिसका समग्र उद्देश्य छात्रों को अधिक प्रासंगिक व उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने में भाग लेने वाले कृषि विश्वविद्यालयों (एयू) और भाकृअनुप का समर्थन करना है.
पंजीकरण और भागीदारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए nahep.icar.gov.in इस लिंक पर जाकर देक सकते हैं.