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Updated on: 16 July, 2022 11:55 AM IST
‘फार्मर द जर्नालिस्ट’

देशभर में कृषि और ग्रामीण मीडिया को बढ़ावा देने के लिए कृषि जागरण हमेशा नए-नए प्रयास करता रहता है. इसी क्रम में किसानों और ग्रामीण समुदाय को सशक्त बनाने के लक्ष्य से कृषि जागरण अपने ‘फार्मर द जर्नालिस्ट’ मुहिम के तहत कृषि पत्रकारों द्वारा उन्हीं के मुद्दों, चिंताओं, समस्याओं और उपलब्धियों को अन्य किसानों और सरकार के समक्ष रखने के लिए एक मंच प्रदान कर रहा है. जिस पर कृषि पत्रकार बनने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है.

बता दें कि FTJ के माध्यम से किसान अपने राज्य से लेकर देश के बाकी हिस्सों में अपने विचार, समस्याएं और कहानियां साझा कर सकते हैं. इसके अलावा FTJ इन आवाजों को लेख, यूट्यूब वीडियो आदि के रूप में अपने मंच पर साझा करके आगे बढ़ावा देता है.

एम.सी डोमिनिक बने किसानों की आवाज

इसी संबंध में कृषि जागरण के प्रधान संपादक एम.सी डोमिनिक कहते हैं कि उन्होंने किसानों की आवाज बनने के मकसद से FTJ  की शुरुआत की थी. जैसे ही कृषि जागरण ने किसान समुदाय के साथ जुड़ना शुरू किया,  उन्होंने महसूस किया कि किसान समुदाय के भीतर मीडिया क्षेत्र में अपने विचारों और भावनाओं को दर्शाने के लिए पर्याप्त साधन नहीं हैं. उस समस्या को हल करने के लिए हमने FTJ पहल शुरू की, जहां हम किसान समुदाय की सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को पत्रकार बनने के लिए ट्रेनिंग देते हैं. हम विशेष रूप से युवा पीढ़ी को शामिल करते हैं, क्योंकि अब हमारे पास स्मार्टफोन जैसी तकनीक है, जो किसानों को अपनी प्रथाओं और समस्याओं के वीडियो कैप्चर करने में सक्षम बनाती है, फिर भले ही वे लिखने में सक्षम न हों. FTJ पहल के माध्यम से किसान पत्रकार बनेंगे और दुनिया के हर कोने में ज्ञान का प्रसार करने के लिए अपने प्रशिक्षित कौशल का उपयोग करेंगे.

क्या है FTJ शुरू करने का मुख्य उद्देश्य

विगत कई वर्षों से कृषि क्षेत्र में किसी भी प्रकार की तकनीकी एवं कृषि विषय पर जिसे एग्रीकल्चर एक्सटेंशन कहा जाता है कि रिपोर्टिंग सामान्यत: उन पत्रकारों द्वारा की जाती है, जिनके पास कृषि की बारीकियाँ एवं तकनीकी ज्ञान सीमित रहता है. मगर मौजूदा वक्त में कृषि जागरण एक ऐसा प्लेटफॉर्म बन गया है, जहां हर किसान पत्रकार बन सकता है. इसके साथ ही किसानों के लिए कृषि पत्रकारिता को सरल बनाने के लिए कृषि जागरण समय-समय पर वेबिनार आयोजित करता है, जिसके माध्यम से किसानों को प्रशिक्षण दिया जाता है, ताकि वह कृषि पत्रकारिता में अपना कैरियर बना सकें. इसके अलावा खाली समय का उपयोग कर कृषि पत्रकारिता द्वारा अन्य किसानों को जागरूक कर सकें औऱ धन भी कमा सकें.

जैसे ही हमने  किसानों के लिए FTJ  की पहल शुरू की, वैसे ही हमें विभिन्न राज्यों से कई किसान भाइयों ने संपर्क कर इस क्षेत्र में काम करने की इच्छा प्रकट की.

प्रयास के तौर पर हमने कुछ किसान भाइयों का चयन कर उन्हें पत्रकारिता के गुर सिखाए तथा उन्हें पत्रकार बनने के लिए ट्रेनिंग दी. कुछ ही समय बाद हमारा यह प्रयास रंग लाया  और उन पत्रकारों ने अपनी प्रतिभाओं के माध्यम से हमें कुछ विशिष्ट वीडियो व प्रचार सामग्री बना कर दी. उनके इस प्रयोग से उत्साहित होकर कृषि जागरण  ने इसे कार्यसूची में शामिल कर विशेष प्रशिक्षण का आयोजन वेबिनर के माध्यम से किया.

'फार्मर द जर्नालिस्ट' प्रशिक्षण सत्र:

FTJ सत्र, कृषि जागरण की वरिष्ठ पत्रकार श्रुति निगम जोशी और कोऑर्डिनेटर आयशा राय द्वारा संचालित इंटरैक्टिव सत्र हैं. प्रत्येक सूचनात्मक सत्र के दौरान, किसानों को कृषि पत्रकारिता के निम्नलिखित पहलुओं पर प्रशिक्षित किया जाता है:

  • वीडियो सामग्री कैसे बनाएं?

  • FTJ वीडियो सामग्री की शूटिंग के लिए दिशा-निर्देश क्या हैं?

  • किस प्रकार की सामग्री बनानी है?

  • किसान पत्रकार के लिए किन विषयों को कवर करना है?

  • किसानों और वैज्ञानिकों का साक्षात्कार कैसे करें?

अतुल त्रिपाठी

FTJ मंच पर प्रदर्शित किए गए किसान:

1. नाम- अतुल त्रिपाठी

  • राज्य- जिला जालौन, उत्तर प्रदेश

  • शैक्षिक पृष्ठभूमि- बी.एससी, एमए, बी.एड, पीजीडीसीए

हनुमान पटेल

नाम- हनुमान पटेल

  • राज्य- संत कबीर नगर, उत्तर प्रदेश

  • शैक्षिक पृष्ठभूमि- स्नातक

शोभा राम

नाम- शोभा राम

  • राज्य- उत्तर प्रदेश

  • शैक्षिक पृष्ठभूमि- हाई स्कूल स्नातक

विनोद चौहान

नाम- विनोद चौहान

  • राज्य- मध्य प्रदेश

  • शैक्षिक पृष्ठभूमि- हाई स्कूल स्नातक

राधिका बोरा दासो

नाम- राधिका बोरा दासो

  • राज्य- असम

  • शैक्षिक पृष्ठभूमि- बीए

रामकृष्ण गुबरेले

नाम- रामकृष्ण गुबरेले

  • राज्य- उत्तर प्रदेश

  • शैक्षिक पृष्ठभूमि- बीई

राजकुमार

नाम – राजकुमार

  • राज्य- मध्य प्रदेश

  • शिक्षा – एमएससी कृषि विज्ञान

पंकज कुमार

नाम - पंकज कुमार

  • राज्य- उत्तरप्रदेश

  • शिक्षा- स्नातक

डॉ नारायण सिंह

नाम- डॉ नारायण सिंह

  • राज्य- उत्तराखंड

  • शैक्षिक पृष्ठभूमि- PSD कृषि-वानिकी

जियारुल हक

नाम- जियारुल हक

  • राज्य- असम

  • शैक्षिक पृष्ठभूमि- एम.ए, एम.बीए

 FTJ का सदस्य होने के लाभ:

  • 'फार्मर द जर्नलिस्ट' के सफलतापूर्वक सदस्य बनने के बाद किसानों को कृषि जागरण से एक मीडिया कार्ड दिया जायेगा. जिससे वे फ्री लांसर पत्रकार बन सकते हैं और कृषि सम्बंधित जानकारियां मीडिया हाउस तक पहुंचा सकते हैं.

  • FTJ द्वारा हर क्षेत्र से ऐसा किसान पत्रकार उभर कर सामने आयेगा. जो अपने क्षेत्र के किसानों की समस्याओं और उपलब्धियों को हमारे माध्यम से लोगों के समक्ष रखेगा.  

  • उन सभी पत्रकारों कों जिन्होंने हमारे माध्यम से प्रशिक्षण प्राप्त किया है. उन्हें समय -समय पर कार्यशाला, वेबिनर, सेमिनार आदि के लिए आमंत्रित किया जायेगा.

  • FTJ के सदस्य बनने के बाद उन्हें कृषि पत्रकारिता के क्षेत्र के अनुभवी पत्रकारों से भी परिचय करने का मौका मिलेगा.

  • FTJ के सदस्य बनने के फलस्वरूप उन्हें समय -समय पर कृषि के क्षेत्रों में होने वाले विकास को साझा करने का भी मौका मिलेगा.

  • इसके अलावा किसानों को प्रति सफल वीडियो को मीडिया हाउस द्वारा स्वीकार करने पर मौद्रिक पुरस्कार भी दिया जायेगा. 

'फार्मर दा जर्नलिस्ट' सदस्यता के लिए आवेदन कैसे करें?

  • 'फार्मर द जर्नलिस्ट' की सदस्यता पाने के लिए कृषि जागरण की आधिकारिक वेबसाइट  पर इस लिंक के माध्यम से जाएं

  • फार्मर द जर्नलिस्ट या (एफटीजे) ऑनलाइन फॉर्म तक पहुंचने के लिए वेबसाइट को नीचे स्क्रॉल करें.

  • फॉर्म में पूछे गए सभी प्रकार के प्रश्नों के उत्तर जैसे- अपना नाम, जिला, राज्य, आपके द्वारा उगाई जाने वाली प्रमुख फसलें, मोबाइल या फोन नंबर, पर्सनल ईमेल आईडी, और आपको फार्मर दा जर्नलिस्ट यानि एफटीजे के बारे में कैसे पता चला, उसे लिखकर उत्तर दें.

  • सही उत्तर भरने के बाद अपना फॉर्म सबमिट कर दें.

English Summary: Krishi Jagran's 'Farmer the Journalist' (FTJ) is giving journalism training to farmers
Published on: 16 July 2022, 12:02 PM IST

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