हैदराबाद में राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान (मैनेज) का द्वारा कृषि फ़िल्म महोत्सव – 2023 का 22 फरवरी 2024 को आयोजन किया गया है. यहां कृषि विज्ञान केंद्र, उजवा, दिल्ली ने कृषि-वोल्टाइक (सौर फार्म प्रदर्शन) पर सर्वश्रेष्ठ हिन्दी भाषा फिल्म का प्रथम पुरस्कार जीता है. यह अवार्ड कृषि प्रणाली का सौर ऊर्जा के साथ समन्वय स्थापित करते हुए ऊर्जा के उत्पादन के साथ-साथ सब्जी उत्पादन के विभिन्न मॉडल के साथ कृषि कार्य (कृषि-वोल्टाइक) प्रणाली के सफलतापूर्वक स्थापित करने पर दिया गया है.
बता दें, कृषि फ़िल्म महोत्सव – 2023 में फ़ैज़ अहमद किदवई (आईएएस, अतिरिक्त सचिव, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार), डॉ.पी. चन्द्र शेखर (महानिदेशक, मैनेज, हैदराबाद) की गरिमामय उपस्थित में डॉ. देवेन्द्र कुमार राणा (अध्यक्ष, कृषि विज्ञान केंद्र, उजवा, दिल्ली) ने एक प्रमाण पत्र और स्मृति चिन्ह के साथ प्राप्त किया है.
कृषि-वोल्टाइक प्रणाली का मॉडल -
कृषि विज्ञान केन्द्र, उजवा, दिल्ली में कृषि प्रणाली का सौर ऊर्जा के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए दिल्ली सरकार के द्वारा ‘मुख्यमंत्री कृषि आय बढ़ोत्तरी परियोजना’ के तहत पायलट प्रोजेक्ट के रुप में देश का पहला 110 किलोवाट सौर खेती ऊर्जा प्रदर्शन इकाई की स्थापना की गई. जिसमें सौर ऊर्जा के उत्पादन के साथ-साथ सब्जी उत्पादन के कार्य किए जा रहे हैं.
ये भी पढ़ें : विजयनगरम में कल से शुरू होगा दो दिवसीय 'रायथु सम्मेलन', क्लिक कर जानें मेले में क्या कुछ रहेगा खास
बिजली के साथ खेती के कार्य
केन्द्र के द्वारा इस कृषि-वोल्टाइक प्रणाली को इस तरह डिजाइन और विकसित किया गया है, जिसके माध्यम से बिजली के साथ-साथ खेती का कार्य भी सम्पन्न हो रहे हैं. वर्तमान एक एकड़ भुमि से केन्द्र अलग-अलग मॉडल से 80 प्रतिशत क्षेत्र से सब्जियों की खेती की जा रही है. विगत दो वर्षो के दौरान भिंडी, टमाटर, बैंगन, प्याज और लोबिया की कुछ चुनिंदा फसलें का बूंद-बूंद सिचाई प्रणाली के माध्यम से उगाई गई जिनका उत्पादन सराहनीय रहा है.
आय उत्पन्न करने के लिए थ्री टायर क्रॉपिंग पैनल
इसके साथ ही कृषि विज्ञान केन्द्र, दिल्ली ने फसल प्रणाली के साथ साथ सौर कृषि प्रदर्शन इकाई के पैनल से आय उत्पन्न करने के लिए तीन टायर फसल प्रणाली विकसित की है. इस थ्री टायर क्रॉपिंग पैनल में कुकरबिटेसी फसल (जैसी लौकी, तुरई, लौकी, करेला) हरी पत्तियाँ पालक, मेथी व धनिया को लगाया गया है. ये सभी फसलें कृषि-वोल्टाइक प्रणाली के लिए सर्वाधिक उपयुक्त हैं.