कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने को एवं किसानों को खेती के प्रति जागरूक करने के लिए कृषि जागरण द्वारा एक साप्ताहिक वेबिनर का आयोजन किया गया है. इसे जय किसान, जय विज्ञान का नाम दिया गया. कृषि जागरण ने 23 से 29 दिसंबर तक वेबिनार का आयोजन किया. आज इस वेनियार का आखिरी दिन है.
इस वेबिनार के आखिरी दिन फसल पोषण और संरक्षण के महत्व (Importance Of Crop Nutrition And Protection) पर चर्चा की गई. इस वेबिनार में कई बड़े विशेषज्ञों ने भाग लिया. तो आइए इस संबंध में अधिक जानकारी देते हैं.
कई विशेषज्ञों ने भाग लिया (Many Experts Participated)
इस वेबिनार में मुख्य अतिथि के रूप में कृषि जागरण के फाउंडर और एडिटर इन चीफ एमसी डोमनिक (Founder and Editor-in-Chief MC Dominic) मौजूद थे. इसके साथ ही डॉक्टर शेलेन्द्र सिंह जो एग्रो केमिकल फ़ेडरेशन के डायरेक्टर जनरल (Dr. Shelendra Singh, Director General of Agro Chemical Federation) हैं.
बुलंदशहर के प्रोग्रेसिव फार्मर रविंदर तेवतिया (Ravinder Teotia who is Progressive Farmer Buland Shahar), इंटरनेशनल जिंक एसोसिएशन के डायरेक्टर सुमित्रा दास (Sumitra Das of International Zinc Association), डॉ. संजीव गुप्ता ICAR के एडिशनल डायरेक्टर जनरल (sanjeev gupta additional director general of ICAR, रमेश पटेल मेघामानी ओर्गानिक्स के एक्सीक्यूटीव डायरेक्टर (Ramesh Patel, Executive Director, Meghamani Organics ), डॉ. राजकपूर एफ एम सी कारपोरेशन के डायरेक्टर (Dr. Raj Kapoor Director of FMC Corporation), ओमप्रकश सिंह मैनेजिंग डायरेक्टर ऑफ़ बायो एग्रोटेक लिमिटेड (Omprakash Singh Managing Director of Bio Agrotech Lt.) मौजूद रहे.
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वेबिनार में संतुलन पोषक तत्व पर हुई चर्चा (Discussion On Balancing Nutrients In Webinar)
इस वेबिनार में सभी विशेषज्ञों ने फसल पोषण और संरक्षण के महत्व पर अपने विचार व्यक्त किये. बता दें कि सभी विशेषज्ञों ने अपने विचारों को व्यक्त करते हुए कहा कि फसल में अच्छे उत्पादन के लिए जरूरी है. उनकी भूमि में सुधार होना, भूमि का समय – समय पर मृदा परीक्षण करवाना जरूरी है. इससे फसल का अच्छा उत्पादन मिलता है. इसके साथ ही मिटटी में कार्बनिक तत्व की कमी को पूरा किया जा सकता है.
उन्होंने अपने शब्दों को बढ़ाते हुए कहा कि अगर आर्गेनिक खाद का इस्तेमाल अपने खेतों में करते हैं, तो फसलों में कार्बोन जैसे सल्फर, जिंक, कार्बन और मेगनीस की कमी को दूर किया जा सकेगा. फसलों में तत्वों की कमी होने से फसल के उत्पादन में भी कमी आयेगी, साथ ही इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होगा. ऐसे में फसल के अच्छे उत्पादन के लिए समय पर मृदा परिक्षण जरूरी है.