कहते हैं न मेहनत करने वालों की कोशिश कभी बेकार नहीं जाती है. देर से ही सही लेकिन मेहनत का फल जरूर मिलता है. आज हम आपको ऐसे ही एक व्यक्ति के बारे में बताने जा रहे हैं, जो काफी समय में खेती-किसानी में अपना अहम योगदान दे रहे हैं. इनकी कड़ी मेहनत के चलते ही आज इनका नाम Worldwide Book Of Records में दर्ज किया गया है. जिनकी हम बात कर रहे हैं, उनका नाम किरणपाल सिंह है.
फल-पौधे लगाने का बनाया विश्व रिकॉर्ड
किरणपाल सिंह (उत्तराखंड, भारत) 10 जुलाई, 1989 को जन्म हुआ था. किरणपाल ने भारत में 24 मार्च 2023 को एक ही स्थान पर सबसे अधिक संख्या में फल-पौधे लगाने का विश्व रिकॉर्ड (World Record for fruit Plantation) बनाया है. उन्होंने 21 दिनों में नागौर फार्म चकराता, देहरादून, उत्तराखंड, भारत में सरकारी उद्यान में कुल 16951 फल-पौधे लगाए और दुनिया भर में Worldwide Book Of Records के लिए एक रिकॉर्ड बनाया.
इनकी मेहनत के चलते साल 2022-23 में राजकीय उद्यान नगउ (Chakrata) में शीतकाल में अल्प अवधि में शीतकालीन फल पौध रोपण के संबंध में किए गए कार्यों को Worldwide Book Of Records में दर्ज किया गया है. साथ ही इन्हें एक पत्र से भी सम्मानित किया गया है. जिसमें लिखा गया है कि राज्य स्तरीय जागरूकता कार्यक्रम में तहत राजकीय उद्यान नगउ, चकराता को गिनीज वर्ल्ड ऑफ बुक रिकार्ड में लाने हेतु अथक प्रयास फलीभूत हुए हैं.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस संदर्भ में किरणपाल का कहना है कि दिसम्बर 2022 में जम्मू-कश्मीर में नर्सरी निरीक्षण / भ्रमण कार्यक्रम मेरे लिए अत्यधिक जागरूक कार्यक्रम रहा है. इस दौरान नई प्रजाति के उच्च गुणवत्ता युक्त पौधे मैसर्स ग्रीन नर्सरी जम्मू-कश्मीर से प्राप्त लेआउट किए गये. साथ ही आपके कुशल नेतृत्व एवं प्रेरणा समय-समय पर दिये गये. तकनीकी मार्ग निर्देशों व प्रतिदिन दूरभाष पर दिये गये आदेशों को सार्थक करने हेतु मेरे द्वारा अथक प्रयास किया गया. राजकीय उद्यान नगउ (Chakrata) में 13 हेक्टेयर क्षेत्रफल में विभिन्न प्रकार की नई प्रजातियों के उच्च गुणवत्ता युक्त 11661 सेब के क्लोनल रूट स्टॉक, 1100 आडू, 1200 प्लम, 1050 कीवी, 590 चेरी, 1100 खुवानी तथा 250 अखरोट ग्राफ्टिंग पौधों (Walnut Grafting Plants) को अलग-अलग मातृवृक्ष ब्लाक तैयार किए गये. इन सभी को नवीनतम तकनीक अपनाते हुये मात्र 21 दिनों के अंतर्गत सभी शस्य क्रियाएं पूर्ण करते हुए रोपित कराया गया.
सभी उद्यान में आधुनिक तकनीकि के उपयोग हेतु 2460 मीटर सोलर फेंसिंग, 13.00 हेक्टेयर क्षेत्रफल में सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली, सिंचाई हेतु 04 जीओलाइट जिंक टैंक का निर्माण भी कराया गया, जिसके फलस्वरूप मेरे द्वारा अल्प अवधि में किये गये कार्यों को संज्ञान में लेते हुये मुझे Worldwide Book of Records में दर्ज करते हुए संबंधित सर्टिफिकेट तथा मैडल से सम्मानित किया गया है, इसके लिए मैं स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं.
किसानों के लिए बने प्रेरणा (Inspiration for Farmers)
उल्लेखनीय है कि मात्र 21 दिनों के सूक्ष्म अंतराल में सभी आवश्यक नवीनतम तकनीक अपनाते हुए 13.00 हे0 क्षेत्रफल में कुल 16951 फल पौधों का रोपण यू०पी० शाही तत्कालीन मुख्य उद्यान अधिकारी देहरादून तथा निदेशक महोदय के कुशल मार्ग निर्देशन एवं नेतृत्व में ही सम्भव हुआ है.
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मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास भी है कि भविष्य में भी उच्चाधिकारियों द्वारा इसी प्रकार का मार्ग निर्देशन एवं प्रेरणा मिलती रहेगी, जिससे कि मेरे सहित समस्त उद्यान कर्मी भी अपने निर्धारित लक्ष्यों को पूर्ण करते हुये प्रदेश हित एवं जनहित में सौंपे गये राजकीय कार्यों का निर्वहन पूर्ण लग्न, निष्ठा एवं समर्पण की भावना से कर सकेंगे. इनके कार्यों को देखते हुए प्रदेश के अन्य किसान भी खेती से संबंधित कार्यों में अपना योगदान दे रहे हैं.