राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और हरियाणा के बीच पराली को लेकर बरसों से तकरार चली आ रही है. दिल्ली के लोगों को सर्दियों की शुरुआत के साथ ही वायु प्रदूषण के उच्च स्तर का सामना करना पड़ता है.
माना जा रहा है कि दिल्ली में हवा की गुणवत्ता अक्टूबर के मध्य से बिगड़नी शुरू हो जाएगी, क्योंकि इस मौसम में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान खेतों में धान की पराली जलाते हैं. इसके मद्देनजर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पड़ोसी राज्य सरकारों पर पराली जलाने के मुद्दे पर किसानों का समर्थन करने के लिए कोई कार्रवाई ना करने का आरोप लगाया है.
उन्होंने कहा कि वर्तमान में दिल्ली में हवा 'अच्छी' और 'संतोषजनक' है. मगर दिल्ली की हवा की गुणवत्ता अक्टूबर के मध्य पराली जलाने से खराब होगी. अभी तक राज्य सरकारों ने अपने किसानों का समर्थन करने के लिए कार्रवाई नहीं की.
केजरीवाल ने किया ट्वीट
दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने ट्वीट किया कि 18 सितंबर को वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 69 (0 से 50 - अच्छा, 51 से 100 - संतोषजनक), PM10- 67, PM2.5 - 27 (0 से 30 अच्छा, 31 से 60 संतोषजनक) है. इसके चलते दिल्ली सरकार पूसा बायो-डीकंपोजर को अपनाने के लिए दबाव बना रहा है, जो एक माइक्रोबियल समाधान है, जो कथित तौर पर पराली को खाद में बदल सकता है. केंद्र से पड़ोसी राज्यों से इसे किसानों के बीच मुफ्त में वितरित करने के लिए कहने का आग्रह किया है.
इस हफ्ते की शुरुआत में केजरीवाल ने कहा था कि केंद्र सरकार की एजेंसी वैपकोस के तीसरे पक्ष के सर्वेक्षण में पाया गया है कि बायो-डीकंपोजर का उपयोग पराली से छुटकारा पाने में प्रभावी है. इससे किसानों द्वारा जलाई जाने वाली पराली पर रोका लगा सकते हैं.
उन्होंने आगे यह भी कहा था कि वह दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में बायो-डीकंपोजर के उपयोग पर जोर देने के लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से मिलेंगे. बता दें कि दिल्ली सरकार ने पिछले साल 39 गांवों में 1,935 एकड़ कृषि भूमि पर किसानों द्वारा उपयोग किए जाने वाले बायो-डीकंपोजर को मुफ्त में वितरित किया था. वाप्कोस द्वारा किए गए सर्वेक्षण में बायो डीकंपोजर के उपयोग पर बहुत उत्साहजनक परिणाम मिले हैं.
उन्होंने कहा था कि इसका इस्तेमाल करने वाले 90 प्रतिशत किसानों ने दावा किया है कि इससे 15 से 20 दिनों में पराली को खाद में बदल दिया गया. हाल ही में दिल्ली सरकार ने केंद्र के वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) को पूसा बायो-डीकंपोजर की ऑडिट रिपोर्ट सौंपी है. इसके साथ ही राजधानी के आसपास के राज्यों में इस उपाय को लागू करने का आग्रह किया है.
इतना ही नहीं, दिल्ली सरकार ने दिवाली त्यौहार के समय उच्च वायु प्रदूषण के स्तर को देखते हुए पटाखों के भंडारण, बिक्री, खरीद और उपयोग पर भी रोक लगा दी है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शहर में निर्माण कार्य में लगी निजी एजेंसियों को 15 दिनों के भीतर धूल प्रदूषण को रोकने के लिए मानदंडों का पालन करने का निर्देश दिया.