किसानों को सस्ती दर पर लोन मुहैय्या कराया जा रहा है. कोरोना के इस दौर में किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए लाभ दिलाया जा रहा है.
कोरोना वायरस के इस दौर में सबसे ज्यादा असर देश की अर्थव्यवस्था पर देखने को मिला है. कोरोना वायरस की वजह से देश के सभी सेक्टरों में गिरावट देखने को मिल रही है. वहीं इस दौर में भी कृषि सेक्टर का प्रदर्शन बेहतर रहा है. कुछ कृषि जानकारों की अगर मानें तो इस वक्त देश की अर्थव्यवस्था को मुश्किल से निकालने के लिए कृषि सेकटर ही कारगर साबित हो सकता है. साथ ही सरकार ने भी कृषि सेक्टर को उबारने में कोई कमी नहीं रख रही है. हाल ही में सरकार द्वारा किसानों के लिए कई तरह के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है.
किसानों को सशक्त बनाने और उनको आत्मनिर्भर बनाने में किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) भी अहम भूमिका निभा रहा है. किसानों को रियायती लोन मुहैय्या कराने के केसीसी के द्वारा वर्तमान में एक विशेष परिपूर्णता अभियान चलाया जा रहा है. इस क्रम में अभी 17 अगस्त 2020 तक 1.22 करोड़ किसान क्रेडिट कार्डों को 1,02,065 करोड़ रुपए की लोन सीमा के साथ स्वीकृति दी गई है. इस फैसले से देश के कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने औऱ विकास को गति देने में काफी मदद मिलेगी.
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ऐसा माना जाता है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था पूरी तरह से कृषि पर आधारित है और सरकार का भी मानना है कृषि क्षेत्र में दिए जाने वाली योजनाओं से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी. हाल के दिनों में लागू की गयी योजनाओं की बात करें तो सरकार ने रियायती लोन की व्यवस्था करते हुए 2 लाख करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गयी है और इसके तहत लगभग 2.5 करोड़ मछुआरों, डेयरी किसानों सहित अन्य किसानों को लाभ मिलने की आशा है.
किसान क्रेडिट कार्ड कि शुरुआत केंद्र सरकार द्वारा किसानों को साहुकारों से छुटकारा दिलाने के लिए किया गया था. इसके तहत किसानों को क्रेडिट कार्ड प्रदान किया जाता है जिससे वो सस्ते दर पर बैंको से लोन ले सकें. यह लोन किसानों को खेती-किसानी के कार्यों के लिए दिया जाता है. किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने वाले किसान अपनी फसलों का बीमा भी करवा सकते हैं जिसके बाद अगर उनकी फसलें नष्ट होती हैं तो उनको मुआवजा मिल सकेगा.