मोदी सरकार किसानों के लिए हर प्रयास कर रही है, जिससे उनकी आय और मुनाफा दोनों बढ़ सके. ऐसे में मोदी सरकार और कैबिनेट ने किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) बनाने पर विशेष ध्यान दे रही है. ताकि किसानों को साहूकारों से मोटे ब्याज पर कर्ज ना लेना पड़े.
इससे ना सिर्फ किसानों को उनके साथ हो रहे शोषण से बचाया जा सकता है बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर भी बनाया जा रहा है. इस वक्त पशुपालकों और मछलीपालकों का केसीसी बनाने का अभियान चल रहा है.
इससे पहले खेतिहरों के लिए केसीसी बनाने का अभियान चलाया गया है. जिसके मार्च 2020 से 12 नवंबर 2021 तक देश में 26,059,687 किसानों को लाभ दिया गया है. इसमें महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और आंध्र प्रदेश के किसान सबसे अधिक लाभ मिल रहा है. अगर आप भी इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं और अब तक आपने इसके लिए अप्लाई नहीं किया है, तो जल्दी कीजिए और उठाईए सबसे सस्ते लोन का लाभ.
नजदीकी सरकारी, सहकारी या प्राइवेट बैंक में जाकर आवेदन करना होगा. अब केसीसी को सरकार ने पीएम किसान निधि स्कीम के रिकॉर्ड से लिंक कर दिया है. इसलिए इसे बनवाना काफी आसान हो गया है. केसीसी का फार्म भी पीएम किसान स्कीम की वेबसाइट से ही ले सकते हैं. सिर्फ एक पेज के फार्म को भरना है. किसानों को किसी तरह की कोई कठिनाई ना हो इसके लिए सरकार नियमों में लगातार बदलाव करती रहती है. और किसानों को इसका लाभ भी मिलता है.
किसान क्रेडिट कार्ड के लिए कुछ जरूरी दस्तावेज (Some Required Documents for Kisan Credit Card)
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पूरा भरा हुआ अप्लीकेशन फार्म
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पहचान का प्रमाण पत्र
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इसमें मतदाता पहचान पत्र, पैन कार्ड, पासपोर्ट, आधार कार्ड (Aadhaar), डीएल में से कोई एक.
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किसी और बैंक में कर्जदार न होने का शपथ पत्र.
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आवेदक की फोटो
किसको मिलेगा लाभ और कहाँ करें आवेदन (Who will get the benefit and where to apply)
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व्यक्तिगत खेती या संयुक्त कृषि कर रहे किसान दोनों इसके लिए पात्र हैं.
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पट्टेदार, बटाईदार किसान और स्वयं सहायता समूह केसीसी स्कीम का लाभ ले सकते हैं.
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सभी सरकारी, निजी, सहकारी और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को केसीसी बनाना होगा.
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आप कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के जरिए भी आवेदन कर सकते हैं.
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पशुपालन, मछलीपालन के लिए 2 लाख रुपये तक का लोन मिलेगा.
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खेती के लिए केसीसी के लोन की लिमिट 3 लाख रुपये हैं.
सिर्फ 15 दिन के अंदर बनाना होगा कार्ड (Card must be made within 15 days only)
बैंक प्रबंधन को जरूरी दस्तावेज के साथ अप्लीकेशन स्वीकार होने के बाद 15 दिन के भीतर केसीसी बनाना होगा. कृषि मंत्रालय ने बैंकर्स एसोसिएशन को निर्देश देते हुए कहा है कि वो गांवों में कैंप लगाकर किसानों के केसीसी बनाएं और उन्हें इस बारे में पूरी जानकारी दें. आपको बता दें इसे बनाने की प्रोसेसिंग फीस माफ कर दी गई है. जिसमें पहले 4000 से 5000 रुपये लगते थे अब सरकार की और से यह निशुल्क कर दिया गया है. एसबीआई (SBI), पीएनबी (PNB), एचडीएफसी (HDFC) और आईसीआईसीआई (icici) सहित सभी बैंक केसीसी बनाते हैं.
किन राज्यों में ज्यादा बना कार्ड (Which states made more cards)
कृषि मंत्रालय के मुताबिक विशेष अभियान के तहत महाराष्ट्र में रिकॉर्ड 3,949,144 नए किसानों को यह सुविधा दी गई है. उत्तर प्रदेश में 3,320,356 जबकि राजस्थान में 2,338,383 किसानों को केसीसी दिया गया है. आंध्र प्रदेश के 1,958,165, मध्य प्रदेश के 1,711,609 एवं कर्नाटक के 1,680,099 किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ मिला है.
कितना लगता है ब्याज? (How much is interest?)
किसान क्रेडिट कार्ड पर ली गई रकम पर ब्याज दर 9 फीसदी है. सरकार 2 फीसदी छूट देती है. समय पर पैसा लौटाने वाले को 3 फीसदी और छूट मिलती है. इस तरह प्रभावी ब्याज दर सिर्फ 4 परसेंट रह जाता है.