महाराष्ट्र सरकार ने इस साल के बजट (Budget) में किसानों के हित में कई फैसले लिए हैं. वित्त मंत्री अजीत पवार ने घोषणा की थी कि किसानों को कृषि योजना के अलावा व्यक्तिगत लाभ मिलना चाहिए. बैठक में सहकारिता मंत्री बालासाहेब पाटिल ने किसानों का कर्ज माफ किया. उल्लेखनीय है कि महात्मा ज्योतिबाराव फुले किसान कर्जमाफी योजना (Mahatma Jyotibarao Phule Farmer Loan Waiver Scheme) में शेष किसानों की कर्जमाफी का मामला पिछले दो साल से लंबित था.
राज्य के 54 हजार किसानों के कर्ज होंगे माफ़ (Loans of 54 thousand farmers of the state will be waived)
वहीं विपक्षी विधायकों ने इसे लेकर विधानसभा के बहिष्कार का आह्वान किया था. ऐसे में पाटिल ने कहा है कि शेष किसानों की कर्जमाफी मार्च के अंत यानि 31 मार्च 2022 तक कर दी जाएगी. प्रदेश के 54 हजार किसानों को 200 करोड़ रुपये की कर्जमाफी दी जाएगी. इस महीने के अंत तक 54,000 किसानों का कर्ज का बोझ कम हो जाएगा.
ठाकरे सरकार के सत्ता में आते ही 2 लाख किसानों की कर्जमाफी का ऐलान हो गया. इस बीच, राज्य के 31 लाख 73 हजार किसान इस योजना से लाभान्वित हुए हैं. इसके लिए राजकोष पर 20,250 करोड़ रुपये का बोझ डाला गया है.
हालांकि, राजकोष और कोरोना की कमी के कारण शेष 54,000 किसानों में से 2 लाख रुपये तक की प्रोत्साहन राशि और ऋण माफी नहीं की गई. लेकिन अब इस मार्च में कर्जमाफी को अंतिम रूप दिया जाएगा.
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राज्य सरकार ने 2 लाख रुपये तक की कर्ज माफी की घोषणा की, लेकिन यह स्पष्ट नहीं था कि इसे कब लागू किया जाएगा. इसलिए भाजपा नेताओं ने विधानसभा और परिषद में सवाल उठाया कि यह योजना हवा है. लेकिन सहकारिता मंत्री बालासाहेब पाटिल ने जवाब दिया कि मार्च के अंत तक 54 हजार किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा. इसके लिए बैंकों ने सरकार को 35 लाख किसानों की जानकारी दी थी. जिनका कर्ज माफ किया जाएगा.
सरकार ने क्यों लिया कर्जमाफी का फैसला (Why did the government take the decision of loan waiver)
आपको बता दें कि महाराष्ट्र में ज्यादातर किसान कर्ज के बोझ तले अपनी जान गंवाते हैं. ऐसे में यहां जो भी सरकार रहेगी, कर्जमाफी का दबाव रहेगा. सरकार किसानों की उपज का सही मूल्य पाने में विफल रहती है और अंततः कर्जमाफी का जुआ खेलना पड़ता है. किसान नेताओं का कहना है कि अगर सरकार किसानों को फसलों की कीमत पर 50 फीसदी लाभ देती है तो कर्जमाफी की कोई संभावना नहीं रहेगी.