अमूल जल्द लॉन्‍च करने जा रहा है 'सुपर म‍िल्‍क', एक गिलास दूध में मिलेगा 35 ग्राम प्रोटीन पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान से जुड़ी सभी जानकारी, जानें कब, कैसे और किस प्रक्रिया का करें इस्तेमाल 150 रुपये लीटर बिकता है इस गाय का दूध, जानें इसकी पहचान और विशेषताएं भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! आम की फसल पर फल मक्खी कीट के प्रकोप का बढ़ा खतरा, जानें बचाव करने का सबसे सही तरीका
Updated on: 11 November, 2021 4:23 PM IST
Jute Beg

जूट (Jute) एक महत्वपूर्ण रेशे वाली फसल है. देश में कपास के बाद रेशे वाली फसलों में जूट की  खेती (Jute Ki Kheti)  दूसरे स्थान पर की आती है. इसकी खेती कर किसान काफी अच्छा मुनाफा भी कमा रहे हैं. किसानों को इसकी खेती से और ज्यादा लाभ हो, इसके लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक भी की गई. इस बैठक में सरकार द्वारा किसानों के लिए एक बड़ फैसला लिया गया है.

दरअसल, सरकार की तरफ से कहा गया है कि अनाज और चीनी की पैकिंग के लिए जूट की बोरियों का इस्तेमाल करना अनिवार्य होगा. सरकार का मानना है कि इस फैसले से जूट की खेती करने वाले किसानों और इससे संबंधित श्रमिकों को अच्छा लाभ होगा. इसके साथ ही जूट की बोरियों की सप्लाई भी किसानों की तरफ से की जाएगी.

जूट की बोरियों का इस्तेमाल करना जरूरी (It is necessary to use jute sacks)

आपको बता दें कि जब से प्लास्टिक बैग की डिमांड बढ़ी है, तब जूट का प्रयोग कम हो गया था. इस वजह से जूट की खेती करने वाले किसानों की आजीविका पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा. किसानों की इस मुश्किल का समाधान करने के लिए केंद्र सरकार ने इसका निस्तारण करने की ठान ली. इसके बाद फैसला लिया गया कि अनाज की पैकिंग के लिए जूट की बोरियों का ही इस्तेमाल किया जाएगा. 

इतना ही नहीं, पैकिंग में किसी और चीज का इस्तेमाल करने पर पूरी तरह से पाबंदी की जाएगी. इसके साथ ही चीनी की पैकिंग के लिए 20 प्रतिशत जूट की बोरियां इस्तेमाल की जाएंगी.

उत्तर प्रदेश के किसानों को भी होगा लाभ (Farmers of Uttar Pradesh will also benefit)

उत्तर प्रदेश के कुछ तराई इलाके, बाकी बिहार, बंगाल, उड़ीसा और असम मिलाकर करीब 16 लाख एकड़ जमीन में जूट पैदा किया जाता है. बता दें कि करीब 38 लाख गांठ (एक गाँठ का भार 400 पाउंड) जूट पैदा होता है. यानि सरकार के इस फैसले से उत्तर प्रदेश के हजारों किसानों को लाभ होगा.

ये खबर भी पढ़ें: जून में बुवाई: जूट की खेती करने का तरीका, संकर किस्में, बीजोपचार और फसल प्रबंधन

भारत बनेगा आत्मनिर्भर (India will become self-reliant)

मोदी सरकार का यह फैसला भारत को आत्मनिर्भर बनाने में बहुत मदद करेगा, क्योंकि देश में ही जूट पैकेजिंग का कच्चा माल तैयार होगा. 

खास बात यह है कि किसानों और व्यापारियों को ऑनलाइन बाजार से जोड़ने के लिए जीईएम पोर्टल (GeM Portal) (Government e-Marketplace Portal)  भी लॉन्च किया गया है. इस पोर्टल पर ही जूट की बोरियों को बेचा जा सकेगा.

English Summary: Jute sacks will be used for packing grains
Published on: 11 November 2021, 04:26 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now