आज 21 जुलाई, 2022 को भारतीय कृषि पत्रकार संघ (Agriculture Journalist Association of India, AJAI) ने एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया. इस मौके पर भारतीय कृषि पत्रकार संघ (AJAI) ने अपना Logo और आधिकारिक वेबसाइट लॉन्च किया. इस कार्यक्रम का शुभारंभ केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला द्वारा किया गया, साथ ही उन्होंने AJAI के Logo से पर्दा भी हटाया.
इसके अलावा AJAI की आधिकारिक वेबसाइट का अनावरण इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ एग्रीकल्चर जर्नलिस्ट्स (IFAJ) की अध्यक्ष Ms. Lena Johansson द्वारा हुआ. इस समारोह में कृषि और संबद्ध क्षेत्र की प्रतिष्ठित हस्तियां मौजूद रहीं, जिन्होंने इस कार्यक्रम की शोभा को बढ़ाया. इस प्रोग्राम को हाइब्रिड मोड पर आयोजित किया गया, जिसमें कई किसान पत्रकार तथा जाने माने कृषि अधिकारी, वैज्ञानिक, कृषि कार्यकर्ता तथा कृषि से जुड़े अन्य विशेषज्ञों के साथ अन्य पत्रकार भी शामिल हुए. इसके साथ ही वर्तमान परिदृश्य में कृषि-पत्रकारिता के महत्व पर चर्चा भी की.
लोगो प्रस्तुत करने के बाद मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने अपने भाषण में AJAI के आयोजन की पहल की सराहना करते हुए कहा कि AJAI एक अभिनव कदम है, जिसे पहले पेश किया जाना चाहिए था. उन्होंने AJAI के सदस्य निकाय और कृषि पत्रकारों को बधाई दी और किसानों के लिए एक मंच प्रदान करने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि कृषि भारत की संस्कृति है और खेतों से सीधे रिपोर्टिंग करने वाले कृषि पत्रकार सराहनीय कार्य कर रहे हैं.
अपने लंबे समय के सपने को हकीकत में बदलने के बारे में बात करते हुए कृषि जागरण और एग्रीकल्चर वर्ल्ड के एडिटर-इन-चीफ और फाउंडर एम सी डोमिनिक ने कहा, “मैंने हमेशा माना है कि कृषि हमारी भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ रही है. यह स्पष्ट है कि यह क्षेत्र कई मुद्दों से ग्रस्त है, जो संबंधित अधिकारियों द्वारा अनदेखी किए जाते हैं. निस्संदेह, भारतीय कृषि क्षेत्र को न केवल कृषक समुदाय के मामलों को संबोधित करने के लिए मीडिया से उचित विचार की सख्त आवश्यकता है, बल्कि उन्हें निर्णय लेने वाले अधिकारियों की मेज पर भी पहुंचाना है. अफसोस की बात है कि देश में एक समर्पित मीडिया पत्रकार संघ की कमी है, जो पूरी तरह से कृषि क्षेत्र के लिए काम करता है. यहीं पर हमारी प्रतिबद्ध पहल 'एग्रीकल्चर जर्नलिस्ट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (AJAI)' इस रिक्त स्थान को भरने के लिए सामने आती है. एक दर्जन बार मुझे किसानों की एक बहुत ही सामान्य शिकायत मिली है कि उनकी आवाज़ सत्ता में बैठे लोगों तक नहीं पहुँचती है, जो सत्ता में हैं, जो उद्योग में बदलाव ला सकते हैं. यही कारण है कि अजय की स्थापना इस उद्देश्य से की गई थी कि हमें किसानों की आवाज सुनने और उनकी मांगों को कृषि-पत्रकारों के रूप में पूरा करने की जिम्मेदारी निभानी चाहिए. आखिरकार, कम से कम इंसानों के रूप में, हमारा उन हाथों के प्रति लंबे समय से दायित्व है, जो हमें खिलाते हैं. ”
Ms. Lena Johansson, President, IFAJ द्वारा AJAI की वेबसाइट लॉन्च होने पर एम सी डोमिनिक और AJAI के सदस्यों को बधाई देते हुए, Lena Johansson ने कहा, "जब मेरा संगठन आईएफएजे 1950 के दशक में शुरू हुआ था, तो यह एक तरह से दूसरे विश्व युद्ध का परिणाम था. यूरोप में लोग भूख से मर रहे थे और अधिक उत्पादन करने के लिए कृषि में सुधार की आवश्यकता थी, लेकिन इसे प्रबंधित करने के लिए किसानों को उचित और प्रासंगिक जानकारी की आवश्यकता थी, इसलिए कृषि पत्रकारों का एक समूह एक दूसरे के नेटवर्क और समर्थन के लिए एक साथ आया. IFAJ में अब 60 सदस्य देश हैं. हमारे सदस्य प्रेस की स्वतंत्रता को गले लगाते हैं. हम कृषि पत्रकारों और संचारकों को पेशेवर विकास और अंतरराष्ट्रीय नेटवर्किंग के लिए एक मंच प्रदान करते हैं. भारत में लोकतंत्र और प्रेस की स्वतंत्रता का एक लंबा इतिहास रहा है. यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण कृषि प्रधान देश है, इसलिए यह दिलचस्प होगा कि हम जल्द ही आईएफएजी के माध्यम से भारतीय सहयोगियों के साथ अपने नेटवर्क को मजबूत कर सकें. हम अजय के साथ एक उपयोगी संबंध की आशा कर रहे हैं. मैं आपको भविष्य के उपक्रमों के लिए शुभकामनाएं देती हूं."
इसके अलावा कृषि उद्योग के कई प्रतिष्ठित हस्तियां जैसे, डॉ. ए.के सिंह, डीडीजी एक्सटेंशन, आईसीएआर, एडलबर्टो रॉसी, महासचिव, आईएफएजे, डॉ. एस के मल्होत्रा, परियोजना निदेशक - डीकेएमए, आईसीएआर, डॉ जे पी मिश्रा ओएसडी (नीति योजना और भागीदारी) और एडीजी (आईआर), आईसीएआर, ड्रियन बेल, कोषाध्यक्ष, आईएफएजे, डॉ बीआर काम्बोज, वीसी, सीसीएस हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार, डॉ कृष्ण कुमार, वीसी, आरपीसीएयू, पूसा, समस्तीपुर, बिहार, डॉ वी प्रवीण राव, वीसी, पीजे तेलंगाना राज्य कृषि विश्वविद्यालय, हैदराबाद, डॉ ए के कर्नाटक, वीसी, उत्तराखंड कृषि विश्वविद्यालय, डॉ. आर एस कुरील, वीसी, एमजीयूएचएफ, छत्तीसगढ़, प्रो. प्रभा शंकर शुक्ला, वीसी, नॉर्थ-ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी, शिलांग, ह्यूग मेनार्ड, वैश्विक प्रबंधक, IFAJ, चौधरी मोहम्मद इकबाल, कृषि निदेशक, श्री नगर कश्मीर, अवधेश कुंवर, एडीए प्रसार, कृषि निदेशक, उत्तर प्रदेश, सोराज सिंह, पूर्व कृषि निदेशक, उत्तर प्रदेश, डॉ. एस भट्टाचार्जी, पूर्व प्रबंध निदेशक, नेरैमैक लिमिटेड सरकार, इस्माइल उगुरल, अध्यक्ष, टीजीएजे, कंवल सिंह चौहान, पद्म श्री पुरस्कार विजेता, प्रगतिशील किसान, आनंद त्रिपाठी, पूर्व जेडीए ब्यूरो, कृषि विभाग, उत्तर प्रदेश, डॉ. वी.वी. सदामते, पूर्व सलाहकार कृषि योजना आयोग, डॉ कल्याण गोस्वामी, डीजी, एसीएफआई, संजीव मुखर्जी, बिजनेस स्टैंडर्ड ऑनलाइन माध्यम कार्यक्रम में शामिल हुए.
AJAI की प्रमुख विशेषताओं की बात करें, तो देशभर में कृषि और ग्रामीण मीडिया को बढ़ावा देने के लिए तमाम माध्यम हैं, लेकिन फिर भी किसानों को खेती से जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इसी परेशानी को देखते हुए किसानों को एक ऐसा मंच प्रदान किया जा रहा है, जहां वो बहुत ही आसानी से अपनी समस्याओं को रख सकते हैं और उनका समाधान भी पा सकते हैं. इसके माध्यम से किसानों और ग्रामीण समुदाय को सशक्त बनाया जाएगा. इसका लक्ष्य कृषि पत्रकारों द्वारा किसानों के मुद्दों, चिंताओं, समस्याओं और उपलब्धियों को अन्य किसानों, आम जनता एंव सरकार के समक्ष रखने का है.
एग्रीकल्चर जर्नलिस्ट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (AJAI) एक राष्ट्रीय स्तर का मंच है, जो दो साल पहले पत्रकारों और फोटोग्राफरों सहित संचारकों के बीच पत्रकारिता के उच्चतम मानकों को बढ़ावा देने के लिए अस्तित्व में आया.
हमें यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि जमीनी स्तर पर प्रभाव पैदा करने के लिए AJAI एक ऐसा मंच है, जिसके तहत लगभग 200 ग्रामीण पत्रकारों को अब तक प्रशिक्षित किया जा चुका है और आने वाले 10 वर्षों में देशभर के पाँच हज़ार से अधिक पत्रकारों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा है, जो गाँव की वास्तविक और तथ्यात्मक स्थिति की रिपोर्ट तैयार करेंगे. हमें यकीन है कि यह न केवल राष्ट्रीय स्तर पर कृषि की वास्तविक स्थिति को उजागर करेगा, बल्कि कृषि क्षेत्र में होने वाली कठिनाइयों और सफलता की कहानियों को वैश्विक स्तर पर चर्चा का हिस्सा बनाने में भी मदद करेगा.
कृषि पत्रकारिता के लिए AJAI एक प्रभावशाली मंच
हम सभी सहमत हैं कि भारतीय कृषि क्षेत्र के ग्रामीणों की चिंताओं को दूर करने के लिए मीडिया को गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है, क्योंकि इतने बड़े विशाल देश में कई प्रतिबद्ध कृषि पत्रकार उपलब्ध हैं. जिनके लिए अपना कोई वैचारिक मंच नहीं है तथा कृषि के क्षेत्र में होने वाले शोध एंव विकास की तकनीकी को इस मंच से साझा कर अन्य मंचों तक पहुंचाया जाएगा.
बता दें कि AJAI विचारों के आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाने, सेमिनार, प्रदर्शनियों का आयोजन करने और भारत के कृषि क्षेत्र को दुनिया के सामने लाने के लिए एक प्रभावशाली मंच प्रदान करने के लिए पूरी तरह तैयार है. हमारा उद्देश्य आगामी युवाओं और इच्छुक पत्रकार को कृषि पत्रकारिता के अपने पसंदीदा पेशे के रूप में चुनने के लिए सक्षम करना है.