सरकार द्वारा अलग-अलग योजनाओं और बीमा की मदद से किसानों की मदद करने की हर संभव कोशिश की जा रही है. किसानों के लिए सरकार से मिली या जुड़ी चीज़ें काफी खास होती है. वहीं आज भी देश के कई इलाकों के किसान अपनी खेती बाड़ी के लिए पूरी तरह से प्रकृति पर निर्भर होते हैं.
ऐसे में झारखण्ड ने कृषि को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की योजनाएं चला रही है. साथ ही राज्य में कृषि के साथ पशुपालन और मछलीपालन को बढ़ावा मिल रहा है.
इन योजनाओं के जरिये राज्य के किसानों को प्रोत्साहित करने का काम किया जा रहा है, ताकि वो और भी अच्छे से खेती कर अपना मुनाफा बढ़ाने के अलावा, अपनी खेती में बेहतर प्रदर्शन करें. सरकार का मकसद यह भी रहता है कि कृषि के जरिए रोजगार की संभावनाओं को बढ़ाया जा सके.
इसके साथ ही किसानों की आय को डबल करना भी सरकार का उद्देश्य है. इन सभी चीजों को मद्देनजर झारखण्ड सरकार ने किसानों की उन्नति और उनकी समस्याओं का हल निकालते हुए कृषि ऋण माफ़ योजना को लेकर आई है.
कृषि ऋण माफ़ योजना
झारखंड की लगभग 75% आबादी कृषि या इससे संबंधित क्षेत्र पर अपनी रोजी रोटी के लिए निर्भर है. इसके साथ ही झारखंड की कुल आबादी का 43% रोजगार कृषि या उससे संबंधित क्षेत्र से जुड़े हुए हैं. पर इससे मिलने वाली जीएसडीपी काफी कम होती है. इस सभी परिशानियों को ध्यान में रखते हुए, झारखंड सरकार द्वारा 2020-21 और 2021-22 में कृषि के लिए कई योजनाएं चलायी गयी है. जिसके पीछे का उद्देश्य झारखंड में कृषि को बढ़ावा मिल सके. इनमें लोन माफी योजना एक महत्वपूर्ण योजना है. इसके तहत किसानों का लोन माफ करने के लिए वर्ष 2020-21 में 2000 करोड़ का फंड जारी किया गया था. इससे काफी किसानों को काफी मदद भी मिले. खास कर उन किसानों को जिनकी आय बहुत काम है और कर्ज बहुत ज्यादा।किसानों ने इस योजना का लाभ उठाते हुए खुद को कर्ज मुक्त भी किया.
इस साल 2021 के फरवरी महीने में इस योजना का सुबह आरम्भ किया गया था. योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2020 -21 में 2000 करोड़ और वित्तीय वर्ष में 1200 करोड़ रुपए आवंटित किये गए हैं. योजना के तहत पहले 50 हज़ार तक की ऋण राशि को माफ़ करने के प्रावधान था, लेकिन योजना में बदलाव के बाद इसे बढ़ाकर1 लाख रुपए तक कर दिया गया है.
बिरसा ग्राम योजना
इस योजना के तहत बिरसा जिले के प्रत्येक जिले में एक बिरसा ग्राम के तौर पर एक गांव का चयन किया जाएगा और उसे बिरसा ग्राम के तौर पर नामित भी किया जाएगा. इसके पीछे का उद्देश्य है कि उन जगहों पर किसान सर्विस सेण्टर की स्थापना कर किसानों को नई तकनीक और कृषि सम्बंधित चीजों या योजनाओं की जानकारी दें सकें. इस तरह से किसानों को आगे लेकर आने का काम सरकार कर रही है.
शहरों में फसलों की खेती के लिए योजना
इस योजना के तहत शहरी इलाकों में खाली जमीनों का इस्तेमाल किस तरह से किया जा सके इस पर आधारित है. शहरों में घरों के आस पास फल और हरी सब्जियों की उपज को सुनिश्चित करना है. इसके लिए 2021-22 में 5000 गृह वाटिका यानि घरों के आस पास या घरों में की जाने वाली बागवानी के लिए 2 करोड़ रुपए की लागत से विकसित किए जाएंगे. इसका एक लक्ष्य शहर के प्रदूषण को कम करना और स्वच्छता को बढ़ावा देना है.
इन सभी योजनाओं के तहत झारखण्ड ने किसानों को सुदृढ़ बनाने का हर संभव प्रयास किया है. सरकार के तरफ से दी गयी योजनाओं का सभी किसान लाभ उठा सकें सरकार इस बात का भी पूरा ध्यान रखती है.