झारखंड सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि राज्य के किसानों की आमदनी को दुगुना किया जा सके. इसके लिए कृषि से जुड़े अन्य कार्यों के लिए भी किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है.
इसी क्रम में राज्य सरकार द्वारा दूध उत्पादक किसानों को राहत पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है. दरअसल, अब राज्य सरकार दूध उत्पादक किसानों को 1 रुपए प्रति लीटर की दर से सब्सिडी प्रदान करेगी. मतलब यह है कि अब किसानों को प्रति लीटर एक रुपए की कमाई अधिक होगी. इस योजना का लाभ उन किसानों को दिया जाएगा, जो किसी भी दुग्ध उत्पादक फेडरेशन से जुड़े हुए हैं.
झारखंड मिल्क फेडरेशन द्वारा मेधा कृषि उत्सव आयोजित किया गया. इसमें झारखंड के कृषि मंत्री बादल पात्रलेख (Agriculture Minister Badal Patil) मौजूद रहे. उन्होंने दूध उत्पादक किसानों के लिए इस योजना का शुभांरभ किया. इसके अलावा कई किसानों को चेक भी वितरित किये.
झारखंड सरकार किसानों के लिए तैयार
इस कार्यक्रम में कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि झारखंड में दुग्ध उत्पादन का बेहतर भविष्य है. राज्य सरकार की तरफ से किसानों की हर संभव मदद की जाएगी.
कृषि मंत्री ने बताया कि राज्य के किसानों को बिरसा किसान के नाम से जाना जाएगा. इसके अलावा झारखंड मिल्क फेडरेशन द्वारा कहा गया कि अब तक झारखंड की पहचान सिर्फ माइनिंग से होती थी , लेकिन अब यह दूध उत्पादन के लिए भी जाना जाएगा. इस तरह दूध से ताकत आएगी और कोयले से पैसा.
मिल्क फेडरेशन से जुड़े हैं 40 हजार किसान
राज्य में मिल्क फेडरेशन को मेधा ब्रांड के नाम से जाना जाता है. यह पिछले 6 सालों से बेहतर कार्य कर रहा है, जिसमें एनडीडीबी का पूरा सहयोग है. आज मेधा डेयरी से 18 जिलों के 40 हजार किसान जुड़े हुए हैं. इससे जुड़े हुए 40 हजार परिवार रोजाना करीब 1.30 लाख लीटर दूध का उत्पादन करते हैं.
फिलहाल, राज्य में करीब 1.40 लाख लीटर मिल्क प्रोसेसिंग क्षमता युक्त 4 डेयरी प्लांट चल रहे हैं, जो कि रांची के होटवार, कोडरमा, लातेहार और देवघर में स्थित हैं. इनका संचालन भी झारखंड मिल्क फेडरेशन द्वारा किया जा रहा है.
नए 3 मिल्क प्रोसेंसिग प्लांट का निर्माण
खास बात यह है कि झारखंड के देवघर, पलामू और साहिबगंज में दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्रों (मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट्स) का निर्माण कार्य चल रहा है. इसका लाभ दुग्ध उत्पादक किसानों को खूब मिलेगा, साथ ही उत्पादन क्षमता भी बढ़ेगी.
इसके अलावा दूध उत्पादन की लागत कम करने के लिए होटवार में कैटल फीड प्लांट की स्थापना की गई है. इस तरह झारखंड मिल्क फेडरेशन द्वारा दुग्ध उत्पादक किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए कार्य लगातार किया जा रहा है. इससे किसानों को कई तरह की सुविधाएं भी मिल पा रही हैं.