झारखण्ड सरकार द्वारा किसानों के लिए मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना शुरू करने की घोषणा की गई है. इस योजना को इस साल लागू किया जायेगा. इस योजना के अंतर्गत राज्य के किसानों को खरीफ की फसल की खेती करने के लिए पांच हजार रुपये प्रति एकड़ दिए जायेंगे. झारखण्ड में किसानों की सहायता के लिए इन्वेस्टमेंट सपोर्ट स्कीम लागू करने की तैयारी भी हो रही है. जिसके अंतर्गत खेती करने वाले किसानों को आर्थिक तौर पर सहायता दी जाएगी.
झारखण्ड ने अपने राज्य के किसानों को कृषि क्षेत्र में बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना को शुरू करने का निर्णय किया है. पहले भी झारखण्ड सरकार ने राज्य की बेटियों के लिए ‘मुख्यमंत्री सुकन्या योजना’ की शुरूआत की थी. जो काफी हद तक सफल भी रही.
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इस योजना को सफल बनाने के लिए सरकार काफी कदम उठा रही है. 2019- 20 में जिले के डेढ़ लाख से भी ज्यादा किसानों को मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना का लाभ दिया जायेगा . इस योजना के अंतर्गत किसानों को खेती में बढ़ावा देने के लिए 5 हज़ार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से दिया जायेगा.
यह राशि डीबीटी के माध्यम से किसानों के अकाउंट में जमा की जाएगी. कृषि गणना में सम्मेलित किसान ही इस योजना का लाभ उठा सकेंगे. जिले में कृषि गणना के तहत डेढ़ लाख किसान चिह्नित हैं.
क्या लाभ होगा इस योजना से ?
1. इस योजना का लक्ष्य झारखंड में कृषि के उत्पादन को बढ़ाना है जिससे कृषि में होने वाली समस्याओं से किसानों को निजात मिलेगी.
2. इससे प्रत्येक किसान को प्रति एकड़ 5000 रुपये की राशि दिए जायेंगी. जिससे आर्थिक सहायता मिलेगी और खरीफ की फसल भी ज्यादा होगी.
3. जिन किसानों के पास 1 एकड़ से कम जमीन है, उन्हें भी इस योजना के तहत वित्तीय सहायता दी जाएगी. यह सहायता राशी सभी किसानों के खातों में डीबीटी द्वारा पहुंचाई जाएगी.
4. यह योजना लगभग 23 लाख किसानों की सहायता के रूप में चलाई गई है.
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कौन कर सकता है आवेदन ?
1. इस योजना का लाभ सिर्फ झारखण्ड में रहने वाले किसानों ही उठा सकते है.किसानों को आवेदन फॉर्म के साथ मूल निवासी पत्र की भी फोटो कॉपी भी जमा करवानी है.
2. इस योजना का पूरा लाभ सिर्फ राज्य के छोटे और सीमांत किसान ही ले सकते है.
3. झारखण्ड सरकार इस योजना के अंतर्गत उन किसानों को भी शामिल करेगी, जिनके पास 5 एकड़ या उनसे कम भूमि है. इसके लिए किसानों को अपनी भूमि के कागजात की कॉपी जमा करवानी होगी.
4. इसके साथ ही किसानों के पास अपने आधार कार्ड से लिंक बैंक अकाउंट की पासबुक भी होनी चाहिए. राज्य सरकार डायरेक्ट बेनिफिट ट्रान्सफर (DBT) के द्वारा ही किसानों को लाभ देगी.
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