इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल का समापन 24 जनवरी को भोपाल में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के मुख्य आतिथ्य में समारोहपूर्वक हुआ. इस अवसर पर तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी का तेजी से विकास हो रहा है. हर क्षेत्र में इसकी उपयोगिता बढ़ी है. यह क्षेत्र केंद्र सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है.
केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि विज्ञान भारती, राज्य सरकार, केंद्र सरकार ने मिलकर देशभर के विद्यार्थियों, वैज्ञानिकों व स्टार्टअप्स के लिए इस आयोजन के माध्यम से एक सक्षम मंच उपलब्ध कराया. फेस्टिवल में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं व युवाओं को आमंत्रित किया गया. हमारा देश, युवा देश है. युवा ऊर्जा ही हमारे देश की सबसे बड़ी ताकत है.
आज जो समय चल रहा, उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी अमृतकाल बोलते हैं. यह ऐसा समय है, जब युवा आबादी के बल पर देश बड़ी से बड़ी अपेक्षा और लक्ष्य को पूरा कर सकता है. इसके लिए भारत सरकार विज्ञान-प्रौद्योगिकी को बढ़ावा दे रही है. जब हम सरकार में आए उस समय साइंस और टेक्नालॉजी के लिए लगभग दो हजार करोड़ रुपये की राशि थी, जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने इस मंत्रालय की क्षमता बढ़ाने व विस्तार के लिए छह हजार करोड़ रु. से अधिक करने का काम किया है.
सरकार की प्राथमिकता को इस बात से भी समझा जा सकता है कि तत्कालीन पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान-जय किसान का नारा दिया था और प्रधानमंत्री रहते अटल बिहारी वाजपेयी ने इसे विज्ञान से जोड़ा और अब मोदी ने जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान के साथ जय अनुसंधान को भी जोड़ दिया है.
तोमर ने कहा कि विज्ञान का हमारे जीवन में बड़ा महत्व है. आज देश-दुनिया के परिदृश्य में इसे महसूस किया जा सकता है. आज दुनिया में जो प्रतिस्पर्धा है, उसमें भारत का भी स्थान बना है लेकिन देश जिस स्थान को प्राप्त करने की क्षमता रखता है, वहां तक पहुंचने के लिए छोटी से छोटी चीज का भी वैज्ञानिक महत्व हमें पता होना चाहिए, तभी हम दुनिया की प्रतिस्पर्धा में आगे जा सकेंगे. तोमर ने कहा कि साइंस और टेक्नालॉजी से आज कोई भी क्षेत्र अछूता नहीं है. कृषि क्षेत्र में भी टेक्नालॉजी की वजह से काम करना आसान हो गया है, नुकसान कम हो रहा है और समय की बचत हो रही है.
ड्रोन टेक्नालॉजी का उपयोग किसानों के लिए सुलभ किया जा रहा है. डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन के माध्यम से किसानों को काफी लाभ मिलेगा. कृषि क्षेत्र में जिस प्रकार से अनुसंधान हो रहा है, उसके आधार पर हम कह सकते हैं कि आने वाले कल में तकनीक का इस्तेमाल करते हुए भारत अपनी उत्पादन व उत्पादकता को बढ़ाएगा. अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ दुनिया के प्रति दायित्व का निर्वहन करने में भी सफल होगा.
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मध्य प्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने भी संबोधित किया. इस अवसर पर केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सचिव डा. चंद्रशेखर, अंतरिक्ष विभाग के सचिव एस. सोमनाथ, विज्ञान भारती के महासचिव सुधीर भदौरिया, मध्य प्रदेश शासन के सचिव निकुंज वास्तव, डॉ. सुधांशु वृत्ति, डॉ. अनिल कोठारी भी उपस्थित थे.