पड़ोसी देशों में बढ़ती महंगाई (rising inflation in countries) के कारण लोगों का रोजमर्रा के सामानों को खरीदना भी बहुत मुश्किल होता जा रहा है. बता दें कि भारत का पड़ोसी देश श्रीलंका (Srilanka) लगभग दिवालिया होने के कगार पर आ खड़ा हुआ है. दरअसल, श्रीलंका में लोगों का जीवन यापन करना बेहद मुश्किल भरा हो गया है. खाने-पीने से लेकर पेट्रोल के दाम सातवें आसमान पर जा पहुंचे हैं.
ब्रेड और आटे की कीमत में वृद्धि (Rise in the price of bread and flour)
आपको बता दें कि शुक्रवार से श्रीलंका में कई जरूरतमंद वस्तुओं की कीमतों में अचानक से काफी वृद्धि की गई है. जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय बैंक के द्वारा श्रीलंकाई रुपया (एलकेआर) (Sri Lankan rupee) (LKR)) को 230 रुपये प्रति अमेरिकी डॉलर के अवमूल्यन कर दिया गया है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, ऑल सीलोन बेकरी ओनर्स एसोसिएशन (All Ceylon Bakery Owners Association) ने एक ब्रेड के पैकेट की कीमत में लगभग 30 एलकेआर तक वृद्धि की गई है. यानी की देखा जाए, तो अब श्रीलंका के बाजार में नए ब्रेड की कीमत 110 से 130 श्रीलंकाई रुपए तक है. वहीं देश के सबसे बड़े गेहूं आयात प्राइमा ने भी श्रीलंका में गेहूं के आटे की कीमत(wheat flour price in shreelanka) में करीब 35 एलकेआर की बढ़ोत्तरी की है. जिससे आम लोगों के जीवन पर फर्क साफ देखने को मिल सकता है.
पेट्रोल के दाम में वृद्धि (Petrol price hike)
जहां देश की सभी बड़ी कंपनी अपने सामानों की कीमतों में वृद्धि कर रही हैं, तो इसी बीच देश की दूसरे सबसे बड़े खुदरा ईंधन वितरक लंका इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने भी गुरुवार की रात को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भारी वृद्धि की है. बताया जा रहा है कि श्रीलंका में डीजल में 75 एलकेआर प्रति लीटर और पेट्रोल में 50 एलकेआर प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी हुई है. इस कीमत के बढ़ने से तिपहिया और बस संचालकों के मालिकों की एसोसिएशन ने बताया की यात्रियों के किराए में भी भारी वृद्धि होगी. न्यूनतम बस का किराया 30 से 35 एलकेआर के बीच तय किया जाएगा.
एयरलाइन कीमतों में 27 प्रतिशत तक वृद्धि (Airline prices hiked by up to 27 percent)
इस महंगाई के बीच जहां एक तरफ सभी जरूरतमंद सामानों की कीमतों में वृद्धि की जा रही है. तो इसी बीच श्रीलंका के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (MINISTRY OF CIVIL AVIATION) ने भी एयरलाइन टिकटों की कीमत में 27 प्रतिशत तक वृद्धि की गई है. जिससे चीन के कर्ज से श्रीलंका को जल्द छुटकारा मिल सके.
इस महंगाई के कारण श्रीलंका के आम लोगों को अपना पेट तक भरना बेहद मुश्किल हो रहा है. श्रीलंका देश की विदेशी मुद्रा भंडार का स्तर लगातार नीचे गिरता जा रहा है और महंगाई की लगातार मार जनता की कमर तोड़ रही है.