Titar Farming: किसानों के लिए है बेहद फायदेमंद तीतर पालन, कम लागत में होगी मोटी कमाई ग्रीष्मकालीन फसलों का रकबा बढ़ा, 7.5% अधिक हुई बुवाई, बंपर उत्पादन होने का अनुमान Rural Business Idea: गांव में रहकर शुरू करें कम बजट के व्यवसाय, होगी हर महीने लाखों की कमाई आम को लग गई है लू, तो अपनाएं ये उपाय, मिलेंगे बढ़िया ताजा आम एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! Guar Varieties: किसानों की पहली पसंद बनीं ग्वार की ये 3 किस्में, उपज जानकर आप हो जाएंगे हैरान!
Updated on: 29 May, 2020 4:46 PM IST

इनेक्टस विद्यार्थियों, शिक्षाविदों एवं व्यवसायिकों का वैश्विक समुदाय है, जो 36 देशों में फैला हुआ है जिसका उद्देश्य उद्यमी क्रियाओं द्वारा लोगों के जीवन में परिवर्तन लाना है. द्वारका स्थित नेताजी सुभाष प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय NSUT (भूतपूर्व NSIT) एक प्रख्यात प्रौद्योगिकी संस्थान है. इनेक्टस NSUT 80 सदस्यों का एक संगठन है जो कि 5 उद्यमी परियोजनाओं पर कार्य कर रहा है.

आहार परियोजना

भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहाँ कृषि एवं कृषि संबंधित अन्य गतिविधियां ग्रामीण भारत के 80% से अधिक की आय का मुख्य स्रोत है| भारत के सकल घरेलू उत्पाद’ (GDP) में इसका 18% योगदान है. हालांकि, आधुनिक कृषि तकनीकों और व्यापकता के बारे में जागरूकता की कमी है और

पारंपरिक खेती के तरीकों से फसल खराब होने की संभावना बढ़ जाती है. हमारी टीम के प्रयासों से, हमने खेती की  हाइड्रोपोनिक्स विधि का उपयोग करके  सफलतापूर्वक 30 लघु एवं सीमांत किसानों की मासिक आय में 25% वृद्धि की है.

इसके अलावा, हम भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ‘(ICAR) एवं कृषि विज्ञान केंद्र’ (KVK)  के प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों द्वारा हमें परामर्श दिए जाने पर हम स्वयं को गौरवान्वित महसूस करते हैं.

 हम दो स्तरों में काम करते हैं: स्तर 1 उत्पादन पक्ष और बढ़ाई जाए तथा स्तर 2 हमारे किसानों की उपज के विक्रय-पक्ष को बढ़ाई जाए.

पहला स्तर : अपनी फ़सल की उपज़ बढ़ाने के लिए हम कृषकों को कोकोपीट तकनीक(coco peat method) का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित कर रहें है . अधिकांश कृषक इस नई तकनीक को अपनाने में संकोच प्रकट करते है , इसलिए इस तकनीक के लिए आवश्यक कुछ शुरुआती निवेश हमारी टीम द्वारा किए जाते है .

कोकोपीट ही क्यों ?: Cocopeat, Vermiculite, Perlite का एक निश्चित अनुपात में तैयार मिश्रण सम्पूर्ण फ़सल चक्र को उर्वरकों एवं कीटनाशकों की आवश्यकता से मुक्त करने के साथ साथ मिट्टी की पानी प्रतिधारण करने की क्षमता को भी बढ़ाता है जिसके परिणामस्वरूप सिंचाई में उपयोग किए जाने वाले पानी की 50% तक की बचत संभव है. यह मिश्रण मिट्टी को अवांछित कीड़ो से भी बचाने में सहायक सिद्ध होता है और उत्पादन को लगभग 20% तक बढ़ाने में सक्षम है .

दूसरा स्तर( Farm to Fork model ) : इस स्तर पर हमारा मुख्य उद्देश्य किसानों को उनके उत्पादन का उचित दाम दिलवाना रहता है . इसके लिए हम मुख्य रूप से विभिन्न आवासीय समूहों’ (RWA) की सहायता से हर छोटे बड़े आवासीय परिसरों में अस्थायी दुकान स्थापित करवा कृषकों को उनका उत्पादन बेचने का एक सशक्त मंच उपलब्ध कराते है . एक और जहाँ इस कार्य से किसानों की आमदनी में इज़ाफ़ा होता है वहीं साथ साथ लोगों को भी बिना मिलावट के सीधे खेतों से सामान उपलब्ध हो रहा है.

अपने इस परियोजना को बढ़ावा देने के लिए हम हीड्रोपोनिक्स (Hydroponics) kits भी उन्हीं किसानों की पत्नियों द्वारा बनवा कर लोगों तक उपलब्ध करा रहें है . हम इन किटों को बागवानी के शौकीनों को बेचते हैं| इन किट्स की बिक्री से हुआ लाभ कृषकों को कोकोपीट तकनीक का उपयोग करने के लिए प्रेरित कर रहा है .

ये खबर भी पढ़े:PMVVY: इस योजना के तहत बुजुर्ग दंपती को मिलेगी 18,500 रुपये की मासिक पेंशन, पढ़ें पूरी खबर

English Summary: Inectus is enhancing the knowledge of farmers through new technologies
Published on: 29 May 2020, 04:51 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now