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Updated on: 18 March, 2021 11:58 AM IST
National Millet Research Institute

बाड़मेर में उत्पादित होने वाले प्रमुख खाद्यान्न बाजरा के लिए अनुसंधान संस्थान की दशकों पुरानी किसानों की मांग पूरी होने वाली है. केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री एवं स्थानीय बाड़मेर जैसलमेर सांसद कैलाश चौधरी के अथक प्रयासों से भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की शाखा के रूप में राष्ट्रीय स्तर के बाजरा अनुसंधान संस्थान को केंद्रीय कृषि मंत्रालय की ओर से स्वीकृति मिलने के बाद अब आगे की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है.

इसको लेकर सम्भाग स्तर से जिला प्रशासन को उपयुक्त जमीन तलाशने को लेकर दिशा निर्देश मिल गए हैं. ऐसे में जिले सहित पूरे क्षेत्र के किसानों की दिशा और दिशा बदलने वाली यह महत्वाकांक्षी परियोजना शीघ्र ही जमीनी हकीकत पर फलीभूत होती नजर आएगी.

इसको लेकर आज कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि प्रदेश में सर्वाधिक बाजरे की बुवाई (9.50 लाख हैक्टेयर) कर रहा है, उत्पादन भी 5 लाख 86 हजार मेट्रिक टन है. साथ ही बाजरा मारवाड़ का प्रमुख खाद्य है और इसका उत्पादन इसी कारण बरसों से यहां सर्वाधिक हो रहा है. बाजरे के उत्पादन के बावजूद रेगिस्तान के इलाके में गुणवत्ता के बीज और बाजरे की उन्नत किस्म के लिए गुजरात व अन्य राज्यों के भरोसे किसान रहा है. कैलाश चौधरी ने कहा कि यहां के संसदीय प्रतिनिधि होने के नाते रेगिस्तान के मुख्य उत्पाद बाजरा के लिए यहीं पर अनुसंधान संस्थान खुलवाना मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल था. अब बाड़मेर को देश के पहले बाजरा अनुसंधान संस्थान की सौगात मिलने की प्रक्रिया प्रारंभ हुई है. अखिल भारतीय समन्वित बाजरा अनुसंधान परियोजना ने इसके लिए 100 एकड़ जमीन जिला प्रशासन से मांग ली है.

किसानों की आय के साथ बढ़ेंगे रोजगार के साधन

कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि जिले में खुलने वाले बाजरा अनुसंधान संस्थान से प्रदेश को बाजरे के बीज और उत्पादन को लेकर स्वावलंबी बनाने की ओर बड़ा कदम होगा. इससे बाजरे की जैव विविधता, उच्च गुणवत्ता युक्त वाजिब दाम, प्रमाणित बीज, मूल्य संवर्धन आधारित बाजरा, बीज एवं जैविक प्रमाणीकरण संस्थान, बीजों के व्यापार संबंधित उद्योग व कृषि आधारित कुटीर उद्योग का विकास होगा. साथ ही किसानों की आय में वृद्धि के साथ रोजगार के साधन भी बढ़ जाएगें. निश्चित रूप से यह किसानों की समृद्धि की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा.

किसान संगठनों की दशकों पुरानी मांग पूरी हुई

बाड़मेर जिले में बाजरे का अनुसंधान शोध केंद्र खोलने की मांग समय समय पर यहां के किसान संगठन उठाते रहे हैं. वर्तमान सांसद कैलाश चौधरी के 2019 में केंद्र सरकार में कृषि राज्यमंत्री का जिम्मा सम्भालने के बाद यह मांग पूरी होने की उम्मीदें बढ़ गई थी. क्षेत्र के किसान संगठन पत्र लिखकर और ज्ञापन देकर बाड़मेर जिला मुख्यालय पर बाजरे का अनुसंधान केंद्र खोलने की मांग कर रहे थे.

ऐसे में अब बाजरा अनुसंधान संस्थान खुलने से उनकी दशकों पुरानी मांग पूरी हो गई है. किसान संगठनों का कहना था कि राजस्थान में सबसे ज्यादा बाड़मेर, जैसलमेर, जालोर में बाजरे का उत्पादन होता है. ऐसे में बाड़मेर में अनुसंधान संस्थान होना जरूरी है. इससे अन्य कृषि आधारित कुटीर उद्योगों के विकास के साथ किसानों की आय में भी वृद्धि होगी.

English Summary: India's first national millet research institute to open in Barmer, Rajasthan
Published on: 18 March 2021, 12:11 PM IST

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