किसानों तक हर जरूरी जानकारी और उनका काम आसान बनाने के उद्देश्य से कृषि जागरण बीते 26 सालों से कृषि को समर्पित है. संस्था द्वारा समय- समय पर कई पहल की जाती हैं, जिसमें ‘फार्मर द जर्नलिस्ट’ (FTJ), एग्रीकल्चर जर्नलिस्ट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (AJAI), ‘मिलेट पर विशेष संस्करण’ आदि वर्तमान में चलाई जा रही कुछ प्रमुख पहल हैं. इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए कृषि जागरण 24 जनवरी 2023 को भारत के पहले एफपीओ कॉल सेंटर का उद्घाटन करने जा रहा है, जो कि कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव (मार्केटिंग) डॉ. विजया लक्ष्मी नडेंदला द्वारा किया जाएगा. इसके अलावा एएफसी इंडिया लिमिटेड के एमडी, मशर वेलापुरथ भी शामिल होंगे.
ये लोग रहेंगे मौजूद
कृषि जागरण की इस पहल में कृषि जागरण एंड एग्रीकल्चर वर्ल्ड के संस्थापक और अध्यक्ष, एम सी डोमिनिक और कृषि जागरण एंड एग्रीकल्चर वर्ल्ड की प्रबंध निदेशक शाईनी डोमिनिक भी मौजूद रहेंगी. साथ ही केवी सोमानी सीएमडी, सोमानी कनक सीड्ज और Dehaat के वीपी न्यू इनिशिएटिव डॉ. दिनेश चौहान मौजूद होंगे. इनके अलावा एफपीओ के जुड़े कुछ किसान भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे, जिनमें यूपी एफपीओ एसोसिएशन के अध्यक्ष दया शंकर सिंह, एमडी तफरी एफपीसीएल अतुल कृष्ण अवस्थी, नीलोखेड़ी किसान पीसीएल डॉ. सरदार सिंह, संरक्षक एफपीसीएल धर्मेंद्र प्रधान, मनीष पटेल फूड गुड एफपीओ सागर, डॉ. रंजीत चौहान समाधान समृद्धि बायो एनर्जी एफपीसीएल गाजीपुर, भगवान राम शेखावाटी एफपीसीएल सीकर, हितेश चौधरी प्रखंड बायो एनर्जी किसान पीसीएल, प्रीतम सिंह जैव ऊर्जा एफपीओ बुलंदशहर, सौरभ श्रीवास्तव एफपीओ परियोजना समन्वयक एनजीओ-सर सैय्यद ट्रस्ट, आदि.
किसान उत्पादक संगठन (FPO) क्या है?
किसान उत्पादक संगठन (FPO), किसानों का एक स्वंय सहायता समूह है. एफपीओ के माध्यम से किसान एक- दूसरे के साथ जुड़ रहे हैं, जिससे उन्हें अपनी समस्या से निपटने का समाधान मिल रहा है. कहते हैं मुट्ठी में बहुत बल है, इसी प्रकार से किसान एफपीओ में जुड़ते हैं और वह सारे काम साथ मिलकर करते हैं. एफपीओ की सहायता के लिए सरकार भी आगे आ रही है. सरकारा द्वारा एफपीओ के संचालान और कृषि के जरूरी उपकरणों के लिए सब्सिडी भी दी जा रही है. जहां निम्न आय वर्ग का किसान ट्रैक्टर को खरीदने की क्षमता नहीं रख पाता था वहीं अब वह एफपीओ के सभी किसानों साथ मिलकर कम दामों में मशीनों का क्रय भी कर रहे हैं. एफपीओ से सबसे अधिक लाभ लघु तथा आर्थिक रूप से कमजोर किसानों को मिल रहा है.
कॉल सेंटर गठन का उद्देश्य
इस परियोजना के माध्यम से, कृषि जागरण और एएफसी का उद्देश्य एफपीओ को अपने संगठनों के सुचारू कामकाज के लिए सर्वोत्तम समाधान खोजने में मदद करना है. किसानों को एफपीओ से संबंधित कोई भी समस्या आती है, तो कृषि जागरण के इस कॉल सेंटर के माध्यम से निवारण किया जाएगा. इसके अलावा एफपीओ के लिए चलाई जा रही सरकारी योजना का लाभ पाने से संबंधित हर प्रश्न का जवाब यहां पर दिया जाएगा.
एफपीओ कॉल सेंटर कैसे काम करता है?
-
एफपीओ कॉल सेंटर टोल-फ्री नंबर- 1800 889 0459 से जुड़ा हुआ है और एफपीओ से आने वाली सभी कॉल को प्राप्त करने के लिए तैयार किया गया है.
-
एक बार एफपीओ/फेडरेशन/कोऑपरेशन द्वारा नंबर डायल करने के बाद, कॉल को उस क्षेत्र या कॉलर द्वारा पसंद की जाने वाली भाषा में डायवर्ट कर दिया जाएगा. इसके साथ ही कॉल को उपयुक्त विशेषज्ञों को स्थानांतरित कर दिया जाएगा.
-
अगर आपका पूछा गया प्रश्न अभी भी अनसुलझा है, तो आपसे एएफसी और एसएयू से प्रश्न समाधान समिति के सदस्य सर्वोत्तम समाधान प्रदान करने के लिए संपर्क करेंगे.
-
एफपीओ कॉल सेंटर की सुविधा पूरे भारत में अंग्रेजी, हिंदी, मलयालम, कन्नड़, असमिया, तेलुगु, तमिल, मराठी, गुजराती, पंजाबी, बंगाली और उड़िया सहित 12 भाषाओं में उपलब्ध है.
ये भी पढ़ेंः 24 जनवरी को दिल्ली में भारत के पहले एफपीओ कॉल सेंटर का उद्घाटन, किसानों को मिलेगा डायरेक्ट फायदा
आप भी जुड़ सकते हैं
भारत के पहले एफपीओ कॉल सेंटर के उद्घाटन समारोह में आप भी सम्मलित होना चाहते हैं तो 24 जनवरी 2023 की सुबह 11 बजे से जूम लिंक के माध्यम से जुड़ सकते हैं.