Success Story: एवोकाडो की खेती से भोपाल का यह युवा किसान कमा रहा शानदार मुनाफा, सालाना आमदनी 1 करोड़ रुपये से अधिक! NSC की बड़ी पहल, किसान अब घर बैठे ऑनलाइन आर्डर कर किफायती कीमत पर खरीद सकते हैं बासमती धान के बीज बिना रसायनों के आम को पकाने का घरेलू उपाय, यहां जानें पूरा तरीका भीषण गर्मी और लू से पशुओं में हीट स्ट्रोक की समस्या, पशुपालन विभाग ने जारी की एडवाइजरी भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! आम की फसल पर फल मक्खी कीट के प्रकोप का बढ़ा खतरा, जानें बचाव करने का सबसे सही तरीका
Updated on: 28 November, 2023 4:13 PM IST
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर

जलवायु परिवर्तन पर युनाइटेड नेशन्‍स फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्‍लाइमेट चेंज (यूएनएफसीसीसी) (सीओपी-28)  की बैठक 30 नवंबर से 12 दिसंबर 2023 तक दुबई में होगी. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इस बैठक में भारतीय शिष्टमंडल की भागीदारी के लिए चल रही तैयारियों के साथ ही कृषि क्षेत्र में कार्बन क्रेडिट की क्षमता की समीक्षा की. तोमर ने बताया कि मंत्रालय द्वारा बैठक में अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु अनुकूल श्रीअन्न, प्राकृतिक खेती, मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन, जलवायु अनुकूल गांवों के वैश्विक महत्व सहित देश की उपलब्धियां साइड इवेंट्स में प्रदर्शित होगी.

केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा है कि कृषि को जलवायु परिवर्तन के अनुकूलन किया जाना चाहिए ताकि कृषक समुदाय इससे लाभान्‍वित हो सके. उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत जैसा अत्यधिक आबादी वाला देश शमन व लक्षित मीथेन कटौती की आड़ में खाद्य सुरक्षा पर समझौता नहीं कर सकता है. समीक्षा बैठक में, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण सचिव मनोज अहूजा ने मंत्री तोमर को सीओपी बैठक के महत्व, जलवायु परिवर्तन व भारतीय कृषि पर लिए गए निर्णयों के प्रभाव के बारे में जानकारी दी.

मंत्रालय के एनआरएम डिवीजन के संयुक्त सचिव फ्रैंकलिन एल. खोबुंग ने खाद्य सुरक्षा पहलुओं तथा भारतीय कृषि की स्थिरता के संबंध में जलवायु परिवर्तन के मुद्दों पर ऐतिहासिक निर्णयों और भारत के रूख पर विवरण प्रस्तुत किया. बैठक में डेयर के सचिव एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक ने भी अधिकारियों के साथ भाग लिया.

संयुक्त सचिव (एनआरएम) ने कार्बन क्रेडिट के महत्व को भी प्रस्तुत किया, जो जलवायु अनुकूल टिकाऊ प्रथाओं को अपनाने के माध्यम से कृषि में उत्पन्न किया जा सकता है. राष्ट्रीय सतत् कृषि मिशन (एनएमएसए) के अंतर्गत कृषि वानिकी, सूक्ष्म सिंचाई, फसल विविधीकरण, राष्ट्रीय बांस मिशन, प्राकृतिक/जैविक खेती, एकीकृत कृषि प्रणाली आदि जैसे अनेक उपायों का आयोजन किया गया है. मिट्टी में कार्बन को अनुक्रमित करने की क्षमता है जिससे जीएचजी व ग्लोबल वार्मिंग में योगदान कम हो जाता है.

तोमर ने सुझाव दिया कि कार्बन क्रेडिट का लाभ कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके), राज्य कृषि विश्वविद्यालयों, राष्ट्रीय बीज निगम के बीज फार्मों और आईसीएआर संस्थानों में मॉडल फार्मों की स्थापना के माध्यम से किसानों तक पहुंचना चाहिए. उन्होंने कहा कि केवीके को कृषक समुदाय के बीच जागरूकता पैदा करने में भी शामिल होना चाहिए, ताकि किसानों की आय बढ़ाई जा सकें.

ये भी पढ़ें: अंतरराष्ट्रीय लवी मेले में जाइका के लिबास व ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स की धूम, किन्नौरी पट्टी से निर्मित कोट एवं चोली की खूब हुई बिक्री

कार्बन क्रेडिट, किसानों को सतत् कृषि का अभ्यास करने में प्रोत्‍साहन के लिए एक महत्वपूर्ण पहल हो सकती है. तोमर ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों को सफल बनाने के लिए कार्बन क्रेडिट के ज्ञान वाले किसानों को साथ लिया जा सकता है.

English Summary: india will also be present in the climate change convention agriculture minister narendra singh tomar carbon credit potential in agriculture sector
Published on: 28 November 2023, 04:19 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now