Fake Seeds: बीज खरीदते समय अपनाएं ये उपाएं, फसल और मेहनत दोनों की होगी बचत India-US Trade Deal: डेयरी सेक्टर खोलने पर नहीं होगा समझौता, 8 करोड़ किसानों के हितों पर अडिग सरकार आईएआरआई में 'पूसा मैंगो फील्ड डे' का आयोजन, उन्नत किस्मों से किसान हुए उत्साहित किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 16 July, 2025 10:20 AM IST
भारत-अमेरिका ट्रेड डील पर फंसा पेंच: किसानों के हित में नहीं झुकेगी सरकार (Image Source: Pixabay)

India-America Trade Deal Update: भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील को लेकर बातचीत तेज़ हो रही है. भारतीय प्रतिनिधिमंडल एक बार फिर वाशिंगटन पहुंचा है. अनुमान है कि 1 अगस्त 2025 से पहले कोई बड़ा ऐलान किया जा सकता है. यह भी बताया जा रहा है कि ट्रेड डील खासतौर पर एग्रीकल्चर और डेयरी सेक्टर के मुद्दों पर अटकी हुई है.

बता दें कि अमेरिका चाहता है कि भारत अपना बाजार उसके डेयरी और कृषि उत्पादों के लिए खोले, लेकिन भारत सरकार किसानों के हितों के साथ कोई समझौता करने के मूड में नहीं है.

SBI रिपोर्ट ने दिखाई तस्वीर

SBI की एक ताज़ा रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि अगर भारत ने अमेरिकी डेयरी प्रोडक्ट्स के लिए अपना बाजार खोल दिया, तो इससे देश के 8 करोड़ डेयरी किसानों को बड़ा नुकसान हो सकता है. रिपोर्ट के अनुसार, इससे भारतीय किसानों को सालाना 1.03 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है और दूध की कीमतें 15-20% तक गिर सकती हैं. इससे न सिर्फ किसानों की कमाई घटेगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी प्रभावित होगी.

क्यों है ये मुद्दा इतना बड़ा?

भारत का डेयरी सेक्टर न केवल ग्रामीण आय का बड़ा स्रोत है, बल्कि राष्ट्रीय सकल मूल्य संवर्धन (GVA) में भी इसकी 2.5-3% की हिस्सेदारी है. यहां करीब 8 करोड़ लोग इस क्षेत्र से सीधे जुड़े हैं. ऐसे में किसी भी बाहरी दबाव में आकर अगर सरकार ने बाज़ार खोला, तो छोटे किसानों की आजीविका पर इसका सीधा असर देखने को मिलेगा.

किसानों के साथ कोई समझौता नहीं

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्पष्ट कहा है कि किसी भी तरह की ट्रेड डील भारतीय किसानों के हितों को ध्यान में रखकर ही की जाएगी. वहीं, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि FTA (Free Trade Agreement) तभी होगा जब दोनों देशों को समान रूप से फायदा होगा.

GTRI की चेतावनी 

ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अमेरिका के अत्यधिक सब्सिडी वाले डेयरी, पोल्ट्री और चावल जैसे उत्पाद भारत की कृषि अर्थव्यवस्था को कमजोर कर सकते हैं. इससे खाद्य सुरक्षा पर भी खतरा मंडरा सकता है.

English Summary: India US trade deal no compromise on dairy sector government stands with 8 crore farmers
Published on: 16 July 2025, 10:25 AM IST

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