ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में ब्रिटेन से आगे निकल गया है. भारतीय अर्थव्यवस्था ने 2021 के अंतिम तीन महीनों में यूके को उसके स्थान से पीछे छोड़ दिया. दरअसल, रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च तिमाही के आखिरी दिन डॉलर विनिमय दर का उपयोग करते हुए भारत की 'नाममात्र' जीडीपी $ 854.70 बिलियन थी, जबकि ब्रिटेन की $ 816 बिलियन थी.
इस साल भारत की अर्थव्यवस्था के 7प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है, जबकि यूके की अर्थव्यवस्था उच्च ऊर्जा कीमतों और बढ़ती उपभोक्ता मुद्रास्फीति से जूझ रही है.
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दस साल पहले भारत का था ये स्थान
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) ने अनुमान लगाया कि भारत इस साल ब्रिटेन को पीछे छोड़ देगा, लेकिन अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी से पीछे रहेगा. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि एक दशक पहले भारतीय अर्थव्यवस्था 11वीं सबसे बड़ी थी, जबकि ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था पांचवें स्थान पर थी, लेकिन अब भारतीय अर्थव्यवस्था ने ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था की जगह लेते हुए पीछे छोड़ दिया है.
अप्रैल-जून तिमाही में भारत का सकल घरेलू (GDP) उत्पाद 13.5 फीसदी की तेजी से बढ़ा, जो अनुकूल आधार, कृषि, सेवाओं, निर्माण और निजी खपत में मजबूत वृद्धि के कारण हुआ. सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (Ministry of Statistics and Programme Implementation) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछली तिमाही (वित्त वर्ष 22 के जनवरी-मार्च) में, देश का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 4.1प्रतिशत बढ़ा.
वित्त सचिव टी वी सोमनाथन ने बुधवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष में 7प्रतिशत से अधिक विकास दर हासिल करने के लिए है, आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल-जून तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद में 13.5प्रतिशत की वृद्धि हुई है. पहली तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद के आंकड़ों पर टिप्पणी करते हुए, सोमनाथन ने कहा कि अर्थव्यवस्था पूर्व-कोविड स्तरों से 4 प्रतिशत ऊपर है.