GFBN Story: अपूर्वा त्रिपाठी - विलुप्तप्राय दुर्लभ वनौषधियों के जनजातीय पारंपरिक ज्ञान, महिला सशक्तिकरण और हर्बल नवाचार की जीवंत मिसाल खुशखबरी: ढेंचा उगाने पर राज्य सरकार देगी 1,000 रुपये प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि, जानें कैसे उठाएं योजना का लाभ छत या बालकनी में करें ग्रो बैग से खेती, कम लागत में मिलेगा अधिक मुनाफा, जानें पूरी विधि किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ Diggi Subsidy Scheme: किसानों को डिग्गी निर्माण पर मिलेगा 3,40,000 रुपये का अनुदान, जानें कैसे करें आवेदन फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 3 October, 2023 6:44 PM IST
भारत में चावल के बढ़ते दामों को लेकर सरकार ने चावल का निर्यात पर प्रतिबंध

भारत में चावल के बढ़ते दामों को लेकर सरकार ने चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. जिसके चलते दुनियाभर के कई देशों में इसका असर देखने को मिल रहा है. आपको बता दें भारत दुनिया में चावल का सबसे बड़ा निर्यातक देश है. जो लगभग हर साल 40 से 50 मिलियन टन चावल का निर्यात करता है. लेकिन भारत में चावल के बढ़ते दामों को लेकर सरकार ने इसके निर्यात पर रोक लगा दी है. चावल पर लगी यह रोक अन्य देशों में इसके दामों में 35 से 40 प्रतिशत वृद्धि के तौर पर दिखाई दे रही है.

20 प्रतिशत तक लगाईं एक्सपोर्ट ड्यूटी

भारत ने देश में बढ़ते चावल के दामों को लेकर रोक लगा रखी है जिसके चलते भारत में तो चावल के दामों में स्थिरता दिखाई दे रही है ,लेकिन अन्य देशों में इसका असर बखूबी देखा जा सकता है. भारत ने 26 अगस्त को उसना चावल (पारबॉयल्ड राइस) पर 20 परसेंट एक्सपोर्ट ड्यूटी भी लगाईं है.

कई देश कर रहे प्रतिबंध  हटाने की मांग

आपको बता दें कि भारत के चावल की मांग दुनिया भर के देशों में है. जिन देशों में चीन, वियानाम, थाईलैंड, अफ्रीका जैसे देश शामिल हैं. जिसमें बासमती, उसना जैसी चावल की किस्मों की मांग कई देशों में लगातार बनी ही रहती है. लेकिन भारत के इस प्रतिबंध के बाद कई देशों में इसे हटाने की मांग की है. चावल का निर्यात न हो पाने के कारण उनके देशों में चावल के मूल्य में 40 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है. लेकिन भारत अभी इस बारे में कोई भी प्रतिक्रिया देने के मूड में नहीं है. साथ ही अब वह इसके निर्यात पर 20 प्रतिशत की एक्सपोर्ट ड्यूटी भी लगा रखा है.

पश्चिमी अफ्रीका में 35% तक बढ़े दाम

इस निर्णय के बाद दुनिया भर देशों में कोहराम सा मचा हुआ है. उनके अनुसार भारत को यह निर्णय वापस लेकर देशों की अर्थव्यवस्था राहत देना चाहिए. आपको जानकारी लिए बता दें कि पश्चिमी अफ्रीका में चावल की निर्यात पर रोक से पहले 25 किलो के उसना चावल 14000 फ्रैंक्स का था, लेकिन भारत से एक्सपोर्ट पर बैन लगने के बाद इसका दाम 19,000 फ्रैंक्स तक हो गया है. 

यह भी देखें- डायबिटीज में खा सकते हैं लाल केला! भारत के कई राज्यों में होती है इसकी खेती

अफ्रीका में भारत का उसना चावल सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला चावल है.

English Summary: India imposed ban on export of rice Rice prices increased by 40 percent in many countries
Published on: 03 October 2023, 06:47 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now