भारत में चावल के बढ़ते दामों को लेकर सरकार ने चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. जिसके चलते दुनियाभर के कई देशों में इसका असर देखने को मिल रहा है. आपको बता दें भारत दुनिया में चावल का सबसे बड़ा निर्यातक देश है. जो लगभग हर साल 40 से 50 मिलियन टन चावल का निर्यात करता है. लेकिन भारत में चावल के बढ़ते दामों को लेकर सरकार ने इसके निर्यात पर रोक लगा दी है. चावल पर लगी यह रोक अन्य देशों में इसके दामों में 35 से 40 प्रतिशत वृद्धि के तौर पर दिखाई दे रही है.
20 प्रतिशत तक लगाईं एक्सपोर्ट ड्यूटी
भारत ने देश में बढ़ते चावल के दामों को लेकर रोक लगा रखी है जिसके चलते भारत में तो चावल के दामों में स्थिरता दिखाई दे रही है ,लेकिन अन्य देशों में इसका असर बखूबी देखा जा सकता है. भारत ने 26 अगस्त को उसना चावल (पारबॉयल्ड राइस) पर 20 परसेंट एक्सपोर्ट ड्यूटी भी लगाईं है.
कई देश कर रहे प्रतिबंध हटाने की मांग
आपको बता दें कि भारत के चावल की मांग दुनिया भर के देशों में है. जिन देशों में चीन, वियानाम, थाईलैंड, अफ्रीका जैसे देश शामिल हैं. जिसमें बासमती, उसना जैसी चावल की किस्मों की मांग कई देशों में लगातार बनी ही रहती है. लेकिन भारत के इस प्रतिबंध के बाद कई देशों में इसे हटाने की मांग की है. चावल का निर्यात न हो पाने के कारण उनके देशों में चावल के मूल्य में 40 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है. लेकिन भारत अभी इस बारे में कोई भी प्रतिक्रिया देने के मूड में नहीं है. साथ ही अब वह इसके निर्यात पर 20 प्रतिशत की एक्सपोर्ट ड्यूटी भी लगा रखा है.
पश्चिमी अफ्रीका में 35% तक बढ़े दाम
इस निर्णय के बाद दुनिया भर देशों में कोहराम सा मचा हुआ है. उनके अनुसार भारत को यह निर्णय वापस लेकर देशों की अर्थव्यवस्था राहत देना चाहिए. आपको जानकारी लिए बता दें कि पश्चिमी अफ्रीका में चावल की निर्यात पर रोक से पहले 25 किलो के उसना चावल 14000 फ्रैंक्स का था, लेकिन भारत से एक्सपोर्ट पर बैन लगने के बाद इसका दाम 19,000 फ्रैंक्स तक हो गया है.
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अफ्रीका में भारत का उसना चावल सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला चावल है.