Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 22 December, 2021 12:31 AM IST
Animal Husbandary

देश में बढ़ती महंगाई के बीच एकमात्र पशुपालन (Animal Husbandry) ही ऐसा व्यवसाय माना जाता है, जिसे कम लागत के साथ आसानी से शुरू किया जाता है. पशुपालन के व्यवसाय को कहीं भी और किसी भी समय शुरू किया जा सकता है. इसके लिए ज्यादा पशुओं की आवश्यकता नहीं होती है.

बता दें कि देश में किसानों की अर्थव्यवस्था खेती-बाड़ी और पशुपालन पर ही निर्भर रहती है. देश में लगभग 70 प्रतिशत नागरिक किसान है, जो अपनी आजीविका पशुपालन और खेती-बाड़ी से ही चला रहे हैं. पशुपालन की बढ़ती मांग और उभरते व्यवसाय को देखकर सरकार भी इन्हें बढ़ावा देने के लिए कई तरह की योजनाओं को संचालित करती रहती है.

हाल ही में, कानपुर जिले में चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (CSA) के कृषि वैज्ञानिकों द्वारा पशुपालन के नए शोधों और विकास से संबंधित दो दिवसीय कार्यशाला (Two Day Workshop ) आयोजित किया गया है. इसमें भारत को पशुपालन के क्षेत्र में विश्व में पहले दूसरे और तीसरे स्थान दिया गया है. यह देश के किसानों और नागरिकों के लिए एक गर्व की बात है.

कई वैज्ञानिक ने लिया भाग (Many Scientists Participated)

चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर में आयोजित कार्यक्रम में कई वैज्ञनिकों ने भाग लिया. इस कार्यक्रम में उन्होंने पशुपालन को लेकर अपने – अपने विचार व्यक्त किए. वहीं, विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ वेदप्रकाश ने पशुओं में होने वाली बीमारियों से बचाव के विषय पर जानकारी दी. प्रोफेसर डॉ एमपीएस यादव ने दुग्ध विपणन एवं प्रसंस्करण विषय पर विस्तार से प्रतिभागियों को बताया.

इस खबर को भी पढें - पशुपालन करने वाले किसानों के लिए 5 महत्वपूर्ण बातें, होगी कमाई बढ़ेगा उत्पादन

प्रशिक्षण समन्वयक डॉ एस बी पाल ने प्रशिक्षण की रूपरेखा विस्तार से प्रस्तुत की. इस अवसर पर डॉ धनंजय सिंह, डॉक्टर सोहनलाल वर्मा, डॉक्टर अनिल कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारी एवं 25 से अधिक विभिन्न कृषि विज्ञान केंद्र से आए कृषि वैज्ञानिक उपस्थित रहे.

गाय, बकरी और भैंस पालन में स्थान (Place in Cow, Goat and Buffalo Rearing)

मिली जानकारी के अनुसार, भारत जैसे कृषि प्रधान देश में पशुपालन का महत्वपूर्ण स्थान है. विश्व की कुल गायों की संख्या के स्तर से देखा जाए, तो हमारा देश इनकी संख्या के मामले में प्रथम स्थान पर आता है. वहीं, बकरियों व भैंसों के मामले में द्वितीय और तृतीय स्थान पर हैं. वहीं, अंडा उत्पादन के मामले में तृतीय स्थान पर है.

English Summary: india got high status in animal husbandry sector, cow rearing at first place
Published on: 22 December 2021, 02:08 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now