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Updated on: 10 January, 2018 12:00 AM IST

प्लांटबायोटिक्स किसानों में एक जाना-पहचाना नाम है. प्लांटबायोटिक्स कंपनी, जोकि जायटेक्स ग्रुप की कृषि डिवीजन है, यह जीवाणु आधारित कृषि जैविक उत्पाद बनाने वाली अग्रणी कंपनी है. शुरूआत से ही किसान प्लांटबायोटिक्स के जैविक उत्पादों का इस्तेमाल कई राज्यों में कर रहे है. इसके रिजल्ट को देखते हुए इन उत्पादों की मांग बढ़ रही है, यह कंपनी अभी 4 राज्यों में कार्यरत है, कंपनी का कहना है कि जिस तकनीकी पर काम कर रही है वह हमारे किसान भाइयों के लिए नई है, यह तकनीक भविष्य के लिए बहुत जरुरी है, तो पहले हम इन 4 राज्यों (महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़) के किसानो की सेवा कर उन्हें इस तकनीकी में पारंगत बनाएंगे, फिर अन्य राज्यों में काम शुरू करेंगे हम इसके कुछ उत्पादों कि विशेषता और फसल में उपयोग की विधि के बारे में बता रहे हैं.

किसान साथियों, यदि आप प्याज या लहसुन की खेती करने की सोच रहे है तो आपके लिए इस कंपनी के कई उत्पाद उपलब्ध है जो आपको स्वस्थ उत्पादन के साथ मुनाफा भी प्रदान करने में मदद करेंगे.

एक्स्प्लोरर और रुबिट्रोल प्रयोग की विधि:

प्याज या लहसुन की नर्सरी लगाते समय एक्सप्लोरर प्लस और रूबीट्रोल (Uplorer plus & rubitrol) का प्रयोग करें. इस उत्पाद का प्रयोग क्रमशः 4 किलो व 1 किलो प्रति एकड़ की दर से करें. इस उत्पादों को नर्सरी की गई खेत की मिट्टी में खूब अच्छी तरह मिला दें. नर्सरी तैयार होने के बाद ही पौधरोपण करें.

लाभ:

Xplorer plus & Rubitrol के प्रयोग से पौधो को आवश्यक पोषक तत्व व फॉस्फोरस मिलता है. एक्सप्लोरर मिट्टी में मौजूद पानी को अवशोषित कर पौधों को देता है जिससे पौधो में हमेशा नमी बनी रहती है और वे हरा भरा रहते हैं.

Xplorer plus & Rubitrol के प्रयोग से जड़े मजबूती से जमीन के अंदर जाती है जिससे स्वस्थ व मजबूत पौधे उगते हैं जो किसानों को ज्यादा उत्पादन देने में मददगार साबित होते हैं. साथ ही पौधों में ट्रान्सप्लान्ट शॉक (झटका) से जल्दी उबरने की क्षमता बढ़ जाती है.

Xplorer plus & Rubitrol के प्रयोग से पौधे मजबूत बनते हैं जो हर विषम परिस्थिति में स्वस्थ व निरोगी रहते हैं. पौधों में प्रतिकूल मौसम को सहने की क्षमता बढ़ जाती है.

Xplorer plus & Rubitrol के प्रयोग से पौधों में फल फूल लगने की संभावना बहुत बढ़ जाती है. यानी पौधों की बाँझपन पूरी तरह समाप्त हो जाती है.

पौधरोपण के बाद जब पौधा 30 दिन का हो जाता है तो उसकी देखभाल करना व उसे जरूरी पोषण देना अति आवश्यक हो जाता है. इसके लिए प्लांट बायोटिक्स कंपनी ने अच्छे उत्पाद तैयार किए हैं. जिसका विवरण निम्न प्रकार से किया जा रहा है. 30 से 45 दिन के पश्चात् प्रयोग होने वाले उत्पादों का विवरण इस प्रकार है.

क्रॉपमेट और पी राइज (Cropmate + P*rise)

प्रयोग की विधि:

पौधरोपण के बाद इन दो उत्पादों का प्रयोग आवश्यक हो जाता है, इन दोनों उत्पादों का प्रयोग क्रमशः 11 किलो प्रति एकड़ की दर से किया जाएगा. इन दोनों उत्पाद को अच्छी तरह मिलाकर सिंचाई के साथ इसका प्रयोग करें.

लाभ:

इस उत्पाद के प्रयोग से जड़ों में मजबूती आती है और वे ज्यादा गहराई तक अपनी पकड़ बनाती हैं. जिसकी मदद से पौधों का उचित विकास होता है.

रूबीट्रोल व जूमग्रो (Rubitrol + ZoomGro)

प्रयोग की विधि:

यह दो उत्पाद भी प्याज व लहसुन के लिए बहुत फायदेमंद है. इसका प्रयोग स्पे्र के द्वारा यानी की पौधों पर छिड़काव विधि के द्वारा किया जाता है. इसके लिए आप रूबीट्रोल को 2.5 ग्राम प्रति लिटर व जूमग्रो को 2 ग्राम प्रति लिटर पानी की दर से करें. (लगभग 250 - 250 ग्राम प्रति एकड़.

लाभ:

इसके प्रयोग से पौधो में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है. पौधे ताकतवर बनते हैं. पौधों में जैविक तथा अजैविक रूप से उत्पन्न तनाव या बिमारियों से लड़ने की क्षमता विकसित होती है जिससे पौधे कभी रोगी नहीं होते है.

फ्रूटअप (fruitup)

प्रयोग की विधि:

फ्रूटअप (fruitup) के प्रयोग भी स्प्रे या छिड़काव के माध्यम से किया जाता है. इसको 2 ग्राम प्रति लिटर की दर से पानी में मिलाकर छिड़काव किया जाता है.

लाभ:

इसके प्रयोग से पौधों को आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं जिससे पोधौं का समुचित विकास होता है. इतना ही नहीं इसके प्रयोग से प्याज व लहसुन की उपज में बढोत्तरी होती है तथा साइज और स्वाद में भी बढोत्तरी होती है. जिसका सीधा लाभ किसानों को मिलता है. इसके छिड़काव करने के बाद पौधों में फोटोसिंथेटिक मेटाबोलिक क्रियाएं बढ़ जाती हैं जिसके कारण उपज में निश्चित रूप से बढ़ोत्तरी होता है.

बीपी 100 (BP 100)

प्रयोग की विधि:

बीपी 100 का प्रयोग भी ड्रिप विधि द्वारा या कम्पोस्ट खाद में अच्छी तरह मिलाकर किया जाता है. बीपी100 का प्रयोग 5 लिटर प्रति एकड़ की दर से किया जाता है.

लाभ:

इसके प्रयोग से प्याज व लहसुन की खेती में अतिरिक्त मात्रा में उर्वरक की जरूरत नहीं पड़ती. इसके प्रयोग से पौधों को आवश्यक पोषक तत्व प्राप्त होते हैं. इसका असर मिट्टी में लम्बे समय तक रहता है. इसके प्रयोग से किसी रसायनिक खाद के प्रयोग की आवश्यकता नहीं पड़ती बल्कि यह खुद मिट्टी में मौजूद पोषक तत्व को लेने में पौधे की मदद करता है. यह मिट्टी में मौजूद नाइट्रोजन को बढ़ाता है जिससे पौध निरोगी रहते हैं.

इसके प्रयोग से पौधे तेजी से विकसित होते हैं व उनमें जल्दी फसल लगती है. यह उत्पाद पौधों में जरूरी नमी को भी पूरा करता है जिससे पौधे स्वस्थ व हरे भरे रहते हैं. किसान भाइयों, यदि आप प्लांट बायोटेक्स के इन अनोखे उत्पादों का प्रयोग प्याज एवं लहसुन या किसी अन्य फसल की खेती करने के दौरान करेंगे तो आप निश्चित रूप से लाभ पाएंगे. किसान शिवरतन पटेल ने इन उत्पादों को इस्तेमाल किया. एक्सप्लोरर प्लस एवं रूबीट्रॉल, ग्राम-चिमन खेड़ी, देपालपुर, किसान ने एक्स्प्लोर और रूबीट्रोल का प्रयोग बुवाई के समय प्याज में किया था, और 1 महीने में किसान ने जो परिणाम देखा वो विश्वास करने योग्य नहीं था, और वो हमसे भी साझा किया.

किसान अनिल पाटीदार ने एक्सप्लोरर प्लस एवं रूबीट्रॉल को इस्तेमाल किया. ग्राम-ज्ञानपुरा, धार, किसान ने एक्स्प्लोरर और रूबीट्रोल का प्रयोग बुवाई के समय लहसून में किया था, और 1 महीने में जड़ो की लम्बाई देखकर किसी को विश्वास ही न हो ऐसे परिणाम देख हम भी चकरा से गए.

किसान संजय कामदार निवासी ग्राम-रानीपुरा, धार, किसान ने एक्स्प्लोरर और रूबीट्रोल का प्रयोग बुवाई के समय लहसुन में किया था, और फसल के उत्पादन में 1.5 क्विन्टल का अधिक उत्पादन मिला.    

कृषि जागरण मासिक पत्रिका, जनवरी माह

नई दिल्ली

English Summary: Increasing yields of onions and garlic
Published on: 10 January 2018, 05:09 AM IST

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