मौसम में असामान्य बदलाव ने किसानों को झकझोर के रख दिया है. पिछले कुछ दिनों में हुई बारिश से कई किसानों को खेती में भारी नुकसान हुआ. बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित उत्तर भारत के पश्चिमी क्षेत्र हुआ है. जहाँ दो महीने से अधिक समय तक असामान्य जलवायु देखी गई, जिसमें सब्जियों और गन्ने सहित बड़े पैमाने पर फसलों को नुकसान हुआ.
बता दें कि उत्तर भारत के पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों में गन्ने की फसल में पिंक बोरर कीट (Pink Borer Insect) का संक्रमण देखा गया है. जो फसलों को नुकसान पहुंचा रहा है. आमतौर पर यह कीट धान और गेहूं की फसल (Paddy And Wheat Crop) पर लगने वाला कीट होता है, लेकिन अब इसका प्रकोप गन्ने की फसल पर भी हो रहा है.
यह कीट गन्ने की फसल को नुकसान भारी मात्रा में पहुंचा रहे हैं. ऐसे में हरियाणा के भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के गन्ना प्रजनन संस्थान क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र (Indian Council Of Agricultural Research Sugarcane Breeding Institute Regional Research Center ) के वैज्ञानिकों ने फसलों का सर्वे किया, तो उस दौरान फसलों में यह कीट का संक्रमण पाया, इसलिए वैज्ञानिकों ने किसानों को इस कीट के प्रकोप से बचाव के लिए सलाह दी.
गन्ने की फसल में पिंक बोरर कीट (Pink Borer Pest In Sugarcane Crop)
वैज्ञानिकों का कहना है कि इस कीट की सुंडी गुलाबी रंग की होती है, इसलिए इससे पिंक बोरर कहा जाता है. ये कीट गन्ने की शुरुआती अवस्था में लगता है और उनको नुकसान पहुंचाते हैं, गन्ने बुवाई बाद जब उसमें किल्ले निकलते हैं, तो ये ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं. वहीँ इस कीट के छेद करने का तरीका भी अलग होता है.
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समय-समय पर खेत में ट्राइकोग्रामा किलोसिस छोड़ते रहें.
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इसके आलवा खेत में जलभराव नहीं होना चाहिए.
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मिटटी में जलनिकासी की व्यवस्था होनी चाहिए.
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बुवाई करते समय पौध से पौध की दूरी चार फीट होनी चाहिए.