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Updated on: 18 March, 2023 4:55 PM IST
वैश्विक मिलेट्स (श्री अन्न) सम्मेलन का शुभारंभ

भारत सरकार की अगुवाई में अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के उत्सव के अंतर्गत आयोजित दो दिवसीय वैश्विक मिलेट्स (श्री अन्न) सम्मेलन का शुभारंभ आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया. इस उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री ने डाक टिकट व सिक्के का अनावरण तथा श्री अन्न स्टार्टअप और श्री अन्न मानकों के संग्रह को डिजिटल रूप से लॉन्च किया.

साथ हीकेंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) से संबंधित भारतीय मिलेट्स अनुसंधान संस्थान (आईआईएमआर) को बजट में की गई घोषणा के क्रम में उत्कृष्टता का केंद्र घोषित किया. प्रधानमंत्री ने केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमरवाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयलस्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा रसायन व उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया और कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी के साथप्रदर्शनी सह क्रेता-विक्रेता सम्मिलन मंडप का भी उद्घाटन किया. सम्मेलन में मोदी ने कहा कि अन्न समृद्धि व समग्र विकास का माध्यम बन रहा है. इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी लाभ मिलेगावहीं स्वागत भाषण में तोमर ने कहा कि देश के छोटे किसानों की ताकत बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने श्री अन्न को प्रतिष्ठा प्रदान की है.

प्रधानमंत्री मोदी ने विदेशी प्रतिनिधियों को श्री अन्न के लिए भारत की ब्रांडिंग पहल के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि श्री अन्न केवल भोजन या खेती तक ही सीमित नहीं हैं. भारतीय परंपरा से परिचित लोग किसी भी चीज के आगे श्री लगाने के महत्व को समझेंगे. श्री अन्न गांवों व गरीबों से जुड़ा हुआ है. श्री अन्न देश के छोटे किसानों के लिए समृद्धि का द्वारकरोड़ों देशवासियों के पोषण की आधारशिला व आदिवासी समुदाय का सम्मान है. श्री अन्न की फसल कम पानी में अधिक प्राप्त की जा सकती हैरसायनमुक्त खेती के लिए यह नींव हैवहीं जलवायु परिवर्तन से निपटने में मददगार है.

पीएम मोदी ने कहा कि श्री अन्न को एक वैश्विक आंदोलन में बदलने के लिए सरकार के लगातार प्रयासों को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि 2018 में मिलेट्स को पोषक-अनाज घोषित किया गया थाजहां किसानों को इसके लाभों के बारे में जागरूक करने से लेकर इसमें रूचि पैदा करने तक सभी स्तरों पर काम किया गया. मोटे तौर पर देश के 12-13 राज्यों में श्री अन्न की खेती की जाती है और प्रति व्यक्ति प्रति माह घरेलू खपत दो-तीन किलो थीजो बढ़कर अब 14 किलो प्रति माह हो गई है. मिलेट्स खाद्य उत्पादों की बिक्री में भी लगभग 30% की वृद्धि देखी गई हैवहीं एक जिला-एक उत्पाद योजना के तहत 19 जिलों में मिलेट्स भी चुना गया है. श्री अन्न से संबंधित उद्यमों व खेती के लिए स्टार्टअप लाने की युवाओं की पहल की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि यह श्री अन्न के लिए भारत की प्रतिबद्धता का संकेत है. यह सूचित करते हुए कि लगभग 2.5 करोड़ छोटे किसान भारत में मिलेट्स उत्पादन में प्रत्यक्ष रूप से शामिल हैंप्रधानमंत्री ने कहा कि बहुत कम भूमि होने के बावजूद उन्हें जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना करना पड़ता हैइनके लिए भारत का मिलेट मिशनश्री अन्न का अभियान वरदान साबित होगा.

आजादी के बाद पहली बार सरकार ने मिलेट्स उगाने वाले 2.5 करोड़ छोटे किसानों की सुध ली है. श्री अन्न अब प्रसंस्कृत व पैकेज्ड खाद्य पदार्थों के माध्यम से दुकानों-बाजारों तक पहुंच रहा है. श्री अन्न बाजार को बढ़ावा मिलने से इन 2.5 करोड़ छोटे किसानों की आय बढ़ेगीजिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी. प्रधानमंत्री ने बताया कि श्री अन्न पर काम कर रहे 500 से अधिक स्टार्टअप सामने आए हैं और पिछले कुछ वर्षों में बड़ी संख्या में एफपीओ भी आगे आ रहे हैं. देश में एक पूरी आपूर्ति श्रृंखला विकसित की जा रही हैजहां छोटे गांवों में स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं श्री अन्न के उत्पाद बना रही हैंजो मॉल और सुपरमार्केट में पहुंच रहे हैं.

जी-20 अध्यक्षता के लिए भारत के एक पृथ्वीएक परिवारएक भविष्य के आदर्श वाक्य पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि पूरी दुनिया को एक परिवार के रूप में मानना अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष में भी परिलक्षित होता है. भारत ने हमेशा विश्व के प्रति कर्तव्य की भावना और मानवता की सेवा के संकल्प को प्राथमिकता दी है. योग का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के जरिए यह सुनिश्चित किया है कि योग का लाभ पूरी दुनिया तक पहुंचे. आज विश्व के 100 से अधिक देशों में योग को बढ़ावा दिया जा रहा हैविश्व के 30 से अधिक देशों ने आयुर्वेद को भी मान्यता प्रदान की है. उन्होंने जोर दिया कि खेत से बाजार तक और एक देश से दूसरे देश में साझा जिम्मेदारियों के साथ श्री अन्न की एक नई आपूर्ति श्रृंखला विकसित की जानी चाहिए

सम्मेलन में केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि यह मिलेट्स (श्री अन्न) वर्ष के शुभारंभ का उत्सव है. मिलेट्स के विषय को लेकर जब भी कोई सवाल आया तो यशस्वी प्रधानमंत्री मोदी ने उत्साह से मार्गदर्शन कियापरिणामस्वरूप यह कार्यकम उत्तरोत्तर ऊंचाइयों पर पहुंच रहा है. आज विश्वभर के लोग इस कार्यक्रम में शिरकत कर रहे हैं. इस कार्यक्रम में भी प्रधानमंत्री की उपस्थिति हम सबका उत्सावर्धन करती है. सारी दुनिया इस बात की साक्षी है कि हमारे प्रधानमंत्री मोदी जितना भारत को आगे बढ़ाने के लिए प्रयत्न करते हैंउसी तरह से विश्व का कल्याण होविश्व में शांति होदुनिया के सामने विद्यमान चुनौतियों का समाधान हो सकेइसके लिए भी उनका प्रयास रहता है.

वसुधैव कुटुंबकम की अवधारण को मूर्तरूप देने के लिए वे अपने जीवन का एक-एक पल समर्पित करते हैं. जब उन्होंने प्रधानमंत्री का पद संभालाउसके बाद देश की समस्याओं के समाधान के लिए योजनाओं का सृजन किया और सफलतापूर्वक क्रियान्वयन भी किया है. उससे भारत की ताकत और प्रतिष्ठा बढ़ी है. साथ ही भारतीय विधा भारतीय योग के महत्व को समझाया है. प्रधानमंत्री जी की मान्यता रही है कि हम स्वास्थ्य सुविधाएं कितनी भी बढ़ा लेंलेकिन अगर रोग बढ़ेंगे तो सुविधा कम पड़ जाएगी. उनकी कोशिश है कि रोग कम से कम होंइसके लिए देश में स्थान-स्थान पर वेलनेस सेंटर की स्थापना करने का काम किया है. सारी दुनिया ने प्रधानमंत्री के आग्रह को स्वीकार किया और योग को अपनायायह हमारे लिए गर्व का विषय है.

इसी प्रकार प्रधानमंत्री लगातार इस बात की चिंता करते रहे हैं कि देश-दुनिया के छोटे किसानवर्षा आधारित खेती करने वाले किसानों की ताकत बढऩी चाहिए. खाद्यान्न की प्रचुरता हैलेकिन भोजन की थाली में पोषकता के अभाव को भरने की कोशिश करनी चाहिए. इसके लिए वर्ष 2018 में मिलेट्स को पोषक-अनाज के रूप में अधिसूचित किया गयाताकि भोजन की थाली में मोटे अनाज को प्रतिष्ठा मिलेछोटे किसान की ताकत बढ़ेइसकी खेती को प्रोत्साहित किया जा सके.

इससे श्री अन्न का उत्पादन व मांग भी बढ़ी है. 2018 में मिलेट्स के महत्व को बताते हुए प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव रखाजिसने 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष घोषित किया. मिलेट्समोटा अनाज को श्री अन्न कहकर जो प्रतिष्ठा दी हैउसके लिए प्रधानमंत्रीजी का अभिनंदन है.

तोमर ने कहा कि श्री अन्न समूची दुनिया के लिए महत्वपूर्ण कृषि उत्पाद है. पोषक तत्वों से भरपूर श्री अन्न की खेती को सामान्य भूमि में किया जा सकता है. इसमें फर्टिलाइजर की आवश्यकता नहीं होती है. मिलेट्स का पौधा भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने में योगदान करता है. साथ ही इसकी खेती पर्यावरण को भी संरक्षित करती है. मिलेट्स आधारित उत्पादन के उपयोग से थाली में जो पोषक तत्वों का अभाव हैउसे पूरा किया जा सकता है. 2023 इंटरनेशनल मिलेट्स ईयर की तैयारी में प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में देशभर में भारत सरकार द्वारा राज्य सरकारोंइंडस्ट्रीजआयातकों-निर्यातकोंस्कूल-कॉलेजों सबके साथ मिलकर इसे प्रोत्साहित किया है. आज कहीं भी बात चलती है तो मिलेट्स की बात जरूर आती है. बजट में भी मिलेट्स की खेती को बढ़ावा देने हेतु प्रावधान किया है.

अंतर्राष्ट्रीय नेताओं ने इस अवसर पर अपने संदेश दिए. इथियोपिया के राष्ट्रपति सहले-वर्क ज़ेवडे ने आयोजन के लिए भारत सरकार को बधाई देते हुए कहा कि मिलेट्स एक सस्ता व पौष्टिक विकल्प प्रदान करता है. उन्होंने मिलेट्स के प्रसार के लिए आवश्यक नीतिगत व्यवस्था व पारिस्थितिकी तंत्र अनुसार फसलों की उपयुक्तता का अध्ययन करने हेतु आयोजन की उपयोगिता को रेखांकित किया.

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गुयाना के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद इरफ़ान अली ने कहा कि भारत ने मिलेट्स को बढ़ावा देने में वैश्विक नेतृत्व ग्रहण किया है व ऐसा करने में यह बाकी दुनिया के उपयोग के लिए अपनी विशेषज्ञता दे रहा है. उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष की सफलता एसडीजी हासिल करने में काफी मददगार साबित होगी. उन्होंने कहा कि गुयाना ने खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मिलेट्स को एक महत्वपूर्ण कारक के रूप में मान्यता दी है. गुयाना विशिष्ट मिलेट्स उत्पादन के लिए 200 एकड़ भूमि निर्धारित करके बाजरा के बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए भारत के साथ सहयोग शुरू कर रहा हैजहां भारत प्रौद्योगिकी के साथ तकनीकी मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करेगा.

English Summary: Inauguration of the Global Millets Conference, the Prime Minister described Shri Anna as the medium of prosperity and overall development
Published on: 18 March 2023, 05:04 PM IST

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