भारतीय रिजर्व बैंक ने 2021 में बैंक लॉकर से संबंधित नियमों में बदलाव किया जो जनवरी 2022 से प्रभावी हैं. इन बैंक लॉकर नियमों का प्राथमिक उद्देश्य महंगी संपत्ति को चोर व चोरी से बचाना है. देश की लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था व महंगाई के इस दौर में महंगी व कीमती चीजों को बचाने के लिए लोग अक्सर उन्हें बैंक के लॉकर में रखते हैं.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आरबीआई ने ये बैंक लॉकर नियम जारी किए हैं. सामान्य तौर पर, बैंक अक्सर यह कहते हुए चोरी के मामलों से बच जाते हैं कि लॉकर के अंदर रखे किसी भी सामान के लिए बैंक जिम्मेदार नहीं हैं. चूंकि बैंक जवाबदेही से इनकार करते हैं, ग्राहक कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए बाध्य हैं. जनवरी 2022 के बाद बैंक लॉकर से सामान खराब होने या नुकसान होने की स्थिति में बैंक अपनी देनदारी से बच नहीं पाए हैं. जानें कौन से है वो नियम.
बैंकों को देना होगा किराए का 100 गुना मुआवजा
रिजर्व बैंक ने बैंक लॉकर नियम पेश किया जिसमें कहा गया है कि अगर लॉकर से कुछ भी चोरी हो जाता है, तो बैंक को ग्राहक को क्षतिपूरक नुकसान के रूप में 100 गुना भुगतान करना होगा. इस नियम को जारी करने के पीछे का कारण बैंक लॉकरों में चोरी की शिकायतें थीं.
बैंकों को खाली लॉकरों की दिखानी होगी सूची
सार्वजनिक क्षेत्र के विभागों में पारदर्शिता की कमी हमेशा से एक चिंता का विषय रही है. आज तक बैंक चोरी की घटनाओं को यह कहकर दरकिनार कर देते थे कि वे इसके लिए जिम्मेदार नहीं हैं. आरबीआई ने आदेश दिया है कि बैंकों को खाली लॉकरों की सूची और लॉकर की प्रतीक्षा सूची का नंबर दिखाना होगा.
एसएमएस अलर्ट और ई-मेल
जब भी आप लॉकर तक पहुंचेंगे, तो आपको बैंक के माध्यम से ई-मेल और एसएमएस के माध्यम से सतर्क किया जाएगा. नियम का उद्देश्य धोखाधड़ी को रोकना है. साथ ही, बैंक को एक लॉकर को अधिकतम तीन साल की अवधि के लिए किराए पर देने का अधिकार है. उदाहरण के लिए, यदि लॉकर का किराया 2000 रुपये है, तो बैंक को अन्य रखरखाव शुल्कों को छोड़कर, आपसे 6000 रुपये से अधिक शुल्क नहीं लेना चाहिए.
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लॉकर रूम का उपयोग करने वाले लोगों के लिए सीसीटीवी फुटेज अनिवार्य
आरबीआई ने लॉकर रूम में आने-जाने वाले लोगों पर सीसीटीवी कैमरे से नजर रखना अनिवार्य कर दिया है. साथ ही सीसीटीवी फुटेज का डाटा छह महीने तक स्टोर करना होगा. सुरक्षा में चूक या चोरी की स्थिति में पुलिस सीसीटीवी फुटेज के जरिए जांच कर सकेगी.