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Updated on: 27 May, 2021 2:50 PM IST
Crops

अमूमन, जिस बात को लेकर खौफ दिखाया जाता है, वो होता नहीं है और जो होता है, उस पर विश्वास होता नहीं है. ऐसा ही कुछ किसान आंदोलन के दौरान भी देखने को मिल रहा है. इसे लेकर ज्यादा कुछ बताने की दरकार नहीं है कि इस आंदोलन को लेकर दो तरह के गुटों का ईजाद तो पहले से ही हो चुका था. एक वो जो लगातार इस कानून को लेकर समर्थन कर रहे हैं और एक वे जो लगातार इस कानून का विरोध कर रहे हैं.

वहीं, सरकार ने भी अपना रूख स्पष्ट करते हुए साफ कह दिया है कि इस कानून को किसी भी कीमत पर वापस नहीं लिया जाएगा, मगर किसान भाई इसे मानने को तैयार नहीं हों रहे हैं. उनका साफ कहना है कि जब तक इस कानून को वापस नहीं लिया जाएगा, तब तक हमारा यह आंदोलन बेरोक जारी रहेगा. अब ऐसे में सरकार आगे चलकर क्या कुछ कदम उठाती है. यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा, मगर इससे पहले हम आपको कृषि मंत्रालय के उन आंकड़ों से रूबरू कराए चलते हैं, जिस पर जिसकी भी निगाहें जा रही है, उसके होश फाख्ता हो रहे हैं.

जानें, कृषि मंत्रालय का यह आंकड़ा

दरअसल, कृषि मंत्रालय का यह आंकड़ा इस बात की तस्दीक करता हुआ नजर आ रहा है कि जब किसान भाई सड़कों पर कृषि कानून के खिलाफ आंदोलनरत थे, उसी वक्त फसलों ने अपने भारी मात्रा के उत्पादन से अपने पूर्ववर्ती रिकॉर्डों को ध्वस्त करके रख दिया है. मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, फसल वर्ष 2020-21 में भारत में खद्दान का उत्पादन 2.6 फीसद से बढ़कर 30.5 फीसद के रिकॉर्ड टन पर पहुंच जाने का अनुमान है.

इतना ही नहीं, पिछले साल मानसून अच्छा होने की वजह से गेहूं, चावल की पैदावार काफी मात्रा में हुई. इससे पहले 2019-20 में खाद्यान्न का 29.75 करोड़ टन था, लेकिन इस वर्ष खाद्यान्न की मात्रा में अच्छा खासा इजाफा दर्ज किया गया है. वहीं, चावल के उत्पादन में भी अच्छा खासा इजाफा दर्ज किया गया है. 2020-21 में चावल का उत्पादन 12.14 करोड़ टन होने का अनुमान है, जबकि इसके पिछले वर्ष में चावल का उत्पादन 11.88 करोड़ टन था. इस वर्ष गेहूं का उत्पादन 10.87 करोड़ टन होने का अनुमान है, जबकि इससे पिछले वर्ष गेहूं का उत्पादन 10.78 करोड़ टन हुआ था, जो कि इस वर्ष के मुकाबले कम माना जा रहा है.

दालों के उत्पादन में भी दिखी वृद्धि

वहीं, दालों के उत्पादन में भी वृद्धि दर्ज की गई है. इस साल दाल का उत्पादन 2.31 करोड़ टन होने का अनुमान जताया गया है, जबकि इससे पिछले वर्ष दाल का उत्पादन 2.55 करोड़ टन था. इसके साथ ही 2020-21 में तिलहन का उत्पादन 3.32 करोड़ होने का अनुमान जताया गया है, जबकि इसके पिछले वर्ष तिलहन का उत्पादन 3.65 करोड़ टन था. खैर, यह तो रहा इस वर्ष के अनाजों का उत्पादन का आंकड़ा. अब यह हकीकत में तब्दील कब तक हो पाता है. यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा.

ध्वस्त हो गए सारे कयास

दरअसल, किसान आंदोलन की वजह से लोगों को जिस बात का डर सता रहा था, गनीमत रही कि वो हकीकत में तब्दील नहीं हो पाया है. किसान आंदोलन की वजह से लोगों को इस बात का डर सता रहा था कि भारी संख्या में किसान भाई आंदोलनरत हैं, ऐसे में खेतों में फसल कौन उगाएगा. लोगों को इस बात का भय सताने लगा कि कहीं इससे खद्दान में कमी न आ जाए, मगर हाल ही में कृषि मंत्रालय द्वारा जारी किए आंकड़ें उन सभी कयासों को ध्वस्त करते हुए नजर आ रहे हैं.

English Summary: In this year we will have a lot of production of grain
Published on: 27 May 2021, 02:59 PM IST

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