कृषि मंत्री एवं किसान नेता कमल पटेल ने यूरिया, डीएपी व्यवस्था को लेकर बड़ा बयान दिया है. मंत्री पटेल ने प्रदेश के किसानों से कहा कि उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है. उनको मिलने वाला उर्वरक उनको मिलेगा ही. सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया और कृषि मंत्री होने के नाते यूरिया डीएपी की मॉनिटरिंग के लिए मुख्यमंत्री ने मॉनिटरिंग सेल बनाया है हम दोनों की देखरेख में उर्वरक की मॉनिटरिंग की जा रही है.
साथ ही सरकार इसकी व्यवस्था को सुनिश्चित कर रही है. कृषि मंत्री कमल पटेल ने किसान भाइयों से यूरिया डीएपी की कालाबाजारी को लेकर अपील की है कि आपकी सुविधा के लिए कमल सुविधा केंद्र खोला गया है. जिस पर किसान अपनी किसी भी समस्या की शिकायत कर सकते हैं. कमल सुविधा केंद्र का दूरभाष नंबर 0755- 2558823 के माध्यम से लोग अपनी समस्या साझा कर सकते हैं.
मध्यप्रदेश में खाद यूरिया की किल्लत नहीं
कमल पटेल ने विपक्ष पर बोलते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी और उनके नेताओं द्वारा जो भ्रम फैलाया जा रहा है कि प्रदेश के किसानों को यूरिया, डीएपी की किल्लत हो रही है जबकि ऐसा नहीं है. कमलनाथ और उनकी मंडली किसानों में भ्रम फैलाकर सत्ता पर काबिज हुए थे लेकिन झूठ, छलावा, धोखाधड़ी कांग्रेस के जींस में है.
सो वही हुआ, 15 महीने इनकी सरकार में किसान इनके झूठ के कारण छला गया. जिससे लाखों किसान डिफाल्टर हो गए, कर्जे के बोझ के तले दब गए. जैसे ही हमारी सरकार आई शिवराज सिंह मुख्यमंत्री बने और मैं कृषि मंत्री बना तो हमारी सरकार ने डिफाल्टर, अऋणी, ऋणी किसानों की कर्ज की गठरी उठाई. और जो कर्जा था. वह हमारी सरकार ने जमा करवाया है. कांग्रेस को तो किसानों को लेकर बोलने का नैतिक अधिकार ही नहीं है.
कृषि मंत्री कमल पटेल ने बताया कि किसानों की सुविधा के लिए यूरिया, डीएपी को डबल लॉक केंद्रों के साथ इस बार अतिरिक्त विक्रय काउंटर भी खोले जा रहे हैं. इसकी संख्या को बढ़ाकर 3 गुना किया जा रहा है. जिससे किसानों की लगने वाली लाइन और समय की बचत होगी. अतिरिक्त विक्रय केंद्रों पर सरकार ने सभी कलेक्टरों को पाबंद किया है कि विक्रय केंद्रों पर अतिरिक्त स्टाफ के साथ पीओएस मशीन की तत्काल व्यवस्था करें.
यह भी पढ़ें: November Agriculture Work: किसान नवंबर माह में इन फसलों की बुवाई करें, मिलेगा रिकॉर्ड तोड़ उत्पादन
मंत्री पटेल ने बताया कि निजी विक्रेताओं से भी विक्रय पर्ची लेकर यूरिया डीएपी किसान ले सकेंगे. जिसकी मॉनिटरिंग का काम राजस्व और कृषि विभाग को दिया गया है इसके अतिरिक्त जो किसान सहकारी समिति का सदस्य नहीं है, उसे तत्काल सदस्य बनाकर खादय विक्रय करवाया जाएगा.