भारी बारिश के कहर से राजस्थान के कई जिलों के लोग बेहाल हैं. आम जनजीवन भी अस्त-व्यस्त हो चुका है. ऐसे में भला किसान भाई खुद को कैसे महफूज रख सकते हैं. उनका तो पूरा काम ही मौसम के मिज़ाज़ पर निर्भर करता है. नतीजतन,फसलों को बहुत नुकसान पहुंचा है. कोटा में भारी बारिश से फसलें बर्बाद हो चुकी है. ऐसे में अब किसानों को कुछ समझ नहीं आ रहा है कि क्या किया जाए. आखिर उनकी मेहनत से उगायी गयी फसलें बारिश के कहर से नष्ट हो चुकी हैं, तो उनका चिंतित होना तो लाजिमी है. ऐसे में फसलों का बीमा करने वाली कंपनियों का क्या है कहना पढ़ें इस लेख में.
इस बीच कृषि आयुक्त ओमप्रकाश अपनी टीम के साथ कोटा पहुंचे और किसानों की नष्ट हुई फसलों का जायजा लिया. कोटा के इतर बूंदी जिले में भी किसानों की नष्ट हुई फसलों की जानकारी कृषि आयुक्त की तरफ से ली गई है. वहीं, कृषि आयुक्त के अनुसार किसानों को ७२ घंटे के भीतर अपनी नष्ट हुई फसलों की जानकारी बीमा कंपनियों को देना चाहिए. बीमा कंपनियों के प्रावधानों के मुताबिक, किसानों को अपनी नष्ट हुई फसलों की जानकारी महज 72 घंटे के भीतर बीमा कंपनियों को देनी होगी अन्यथा उन्हें क्लेम की रकम मिलने में मुश्किलों का समाना करना पड़ सकता है.
किस फसल को कितना नुकसान पहुंचा
वहीं, किसानों की फसलों के नुकसान का आकलन करें, तो कोटा संभाग में अब तक उड़द के 93 हजार 636 हैक्टेयर क्षेत्रफल में नुकसान हुआ है. एवं अन्य फसलें भी नष्ट हुई है . नुकसान के पूर्ण सर्वे के लिए कृषि प्रशासन की टीम काम कर रही है. डॉ. ओम प्रकाश ने रंगराजपुरा, अरनेठा, कापरेन, कोडक्या, नोताडा, देईखेडा एवं लबान आदि गांवों में जाकर नुकसान की जानकारी ली.
किसानों के पास क्या है विकल्प
किसान भाई महज 72 घंटे के अंदर फसलों के नुकसान के बारे में जानकारी बीमा कंपनियों को दे देवें ताकि क्लेम मिल सकें . इसके अलावा किसान भाई अपने मोबाइल में गूगल प्ले स्टोर से Crop Insurance ऐप डाउनलोड कर सकते हैं. किसान इस एप के जरिए भी अपनी फसलों के नुकसान की जानकारी दे सकते हैं.
कृषि से संबंधित हर जानकारी के लिए जरुर पढ़ें कृषि जागरण हिंदी पोर्टल की ख़बरें.