खुशखबरी: बकरी पालन के लिए मिलेगी 8 लाख रुपये तक की मदद, तुरंत करें ऑनलाइन आवेदन! बासमती चावल का निर्यात बढ़ाने के लिए इन 10 कीटनाशकों के उपयोग पर लगा प्रतिबंध Lemon Farming: नींबू की फसल में कैंसर का काम करता है यह कीट, जानें लक्षण और प्रबंधन केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक OMG: अब पेट्रोल से नहीं पानी से चलेगा स्कूटर, एक लीटर में तय करेगा 150 किलोमीटर!
Updated on: 6 September, 2024 12:13 PM IST
मौसम विभाग ने किसानों के लिए जारी की एडवाइजरी (प्रतीकात्मक तस्वीर)

IMD Advisory For Farmers:भारत के कई राज्यों में इन दिनों मानसून की भारी बारिश का सिलसिला जारी है, जिससे फसलों के खराब होने की आशंका है. ऐसे में मौसम विभाग ने इस स्थिति को देखते हुए किसानों के लिए फसलों से संबंधित एडवाइजरी जारी की है. इस एडवाइजरी में किसानों के लिए बारिश से अपनी फसल बचाने की सलाह दी गई है. विभाग ने भारी बरसात के चलते कपास, मक्का और सोयाबीन की फसल खराब होने की संभावना जताई है. इसके लिए मौसम विभाग ने किसानों से खेत में पानी जमा न होने और खेत से जल निकासी की व्यवस्था करने के लिए कहा है.

मौसम विभाग की किसानों के लिए एडवाइजरी

  • मौसम विभाग ने किसानों से सभी खरीफ फसलों में निराई-गुड़ाई करने की सलाह दी है, जिससे जड़ों की अच्छी वृद्धि और पानी की बचत होती है.
  • विभाग ने किसानों से कीटनाशकों और उर्वरकों का उपयोग करने पर रोक लगाने की सलाह दी है.
  • आईएमडी ने किसानों से खेत का अतिरिक्त पानी निकालने के लिए जल निकासी चैनल तैयार करने के लिए कहां है.
  • किसान अपनी फसल में बारिश के दौरान 0:52:32 (N:P:K) का छिड़काव करें खेत की निगरानी करें और प्रति वर्ग मीटर के अनुसार 3 से अधिक कीट पाए जाने पर कीटनाशकों का छिड़काव जरूर करें.
  • किसानों को इस दौरान धान के खेत में जल स्तर (2 से 4 सेमी) तक बनाए रखना है.
  • विभाग ने कम अंकुरण या फसल नष्ट होने पर किसानों से फसल आकस्मिक योजना के तहत कम अवधि वाली फसलों की बुवाई करने के लिए कहा है.
  • मौसम विभाग ने किसानों से वर्षा आधारित अरहर और अरंडी की फसल लगाने की सलाह दी है.
  • आगामी बारिश के दिनों को देखते हुए दलहन, तिलहन और सब्जियां लगाने के लिए किसानों से कहा हैं.

ये भी पढ़ें: एनआरएलएम-एसएचजी और पशुपालन योजनाओं के अभिसरण पर आयोजित हुआ वेबिनार

कपास के लिए एडवाइजरी

मौसम विभाग ने किसानों से कपास की खेती करने वाले किसानों के एडवाइजरी जारी करते हुए कहा है कि अपने खेत में जल निकासी की सही व्यवस्था करें, जिससे भारी बारिश के बाद जलभराव से बचाव हो सके. कपास की फसल में फली भरने की अवस्था के दौरान, फली छेदक और अनाज को नुकसान होने पर इंडोक्साकार्ब 15.80% ईसी को 333ML प्रति हेक्टेयर के हिसाब से छिड़काव करना चाहिए, जिससे फली छेदक कीट को नियंत्रित किया जा सकता है. इस अवस्था में चूहों के बिलों के पास फ्लोकोमाफेन 0.005% ब्लॉक बैट से बने जहरीले चारे को 15 से 20 ML प्रति हेक्टेयर के अनुसार रख देना चाहिए.

मक्का के लिए एडवाइजरी

मक्के की खेती करने वाले किसानों के लिए मौसम विभाग ने सलाह दी है कि अपने खेतों में जल निकासी की व्यवस्था तैयार करें. वहीं कुछ मक्के की फसलों में नमी की वजह से शीथ ब्लाइट संक्रमण और तना सड़न रोग देखने को मिला है, इसलिए इस संक्रमण से फसल के बचाव के लिए तने में कार्बेन्डाजिम 1.5 ग्राम प्रति लीटर या प्रोपिकोनाजोल 1 मिली प्रति लीटर पानी का छिड़काव करने के लिए कहा गया है.

सोयाबीन के लिए एडवाइजरी

मौसम विभाग ने सोयाबीन की खेती करने वाले किसानों अपने खेत में जल निकासी की उचित व्यवस्था बनाने की सलाह दी है. विभाग ने किसानों से सोयाबीन की फसल में अधिक नाइट्रोजन उर्वरक का प्रयोग करने के लिए मना किया है. किसान कॉपर ऑक्सीक्लोराइड को प्रति लीटर पानी में 3 ग्राम की दर से 12 से 15 दिनों के अंतराल पर छिड़काव करने की सलाह दी गई है.

English Summary: imd issued advisory for heavy rain cause damage to cotton, maize and soybean crops
Published on: 06 September 2024, 12:17 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now