देशभर में मौसम ने ली करवट! यूपी-बिहार में अब भी बारिश का अलर्ट, 18 सितंबर तक झमाझम का अनुमान, पढ़ें पूरा अपडेट सम्राट और सोनपरी नस्लें: बकरी पालक किसानों के लिए समृद्धि की नई राह गेंदा फूल की खेती से किसानों की बढ़ेगी आमदनी, मिलेगा प्रति हेक्टेयर 40,000 रुपये तक का अनुदान! किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 1 August, 2020 4:05 PM IST

आईआईटी कानपुर ने एक स्वदेशी बीज विकसित किया है, जिससे फसलों की खेती और बागवानी को एक नई दिशा मिल पाएगी. इस बीज को इमेजनरी लैब ने एग्निस वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड की मदद से बनाया गया है. इस बीज की खासियत है कि इससे गड्ढा खोदने के झंझट से मुक्ति मिल जाएगी. बता दें कि आईआईटी कानपुर ने बायोकम्पोस्ट समृद्ध इको-फ्रेंडली ग्लोबुले (बीईईजी) के नाम से स्वदेशी सीड बॉल को विकसित किया है.

बीज की खासियत

इस सीड बॉल को मानसून में दूर से फेंका जा सकेगा. जैसे ही यह बारिश के संपर्क में आएगा, यह बीज उर्वरक बन जाएगा. इह सीड बॉल में देशी किस्म के बीज, खाद और मिट्टी मिलाए गए हैं. इसके जरिए फिजिकल डिस्टैंसिंग का पालन करते हुए प्लांटेशन कर सकते हैं. इस बीज से गड्ढा खोदना और उसमें पौधा लगाना बहुत ही आसान है.  इसकी खासियत है कि प्लांटेशन के समय की जाने वाली तैयारियों में लगने वाला समय की बचत होगी. इसके अलावा बड़ी संख्या में पेड़ लगाना भी संभव हो पाएगा. इतना ही नहीं, इसमें वह सभी तत्व मौजूद हैं, जो किसी पेड़ या उसके विकास के लिए आवश्यक होते हैं.

ये खबर भी पढ़े: अगस्त में बुवाई: किसान ज़रूर करें इन सब्जियों की खेती, बाजार में बढ़ती मांग से मिलेगा बंपर मुनाफ़ा

सीड बॉल से लाभ

  • किसान को बस सीड बॉल को खेत में फेंकना होगा.

  • यह प्रकृति बाकी चीजों का ध्यान रखेगी.

  • बारिश के मौसम के लिए उपयुक्त है.

  • इसकी कीमत काफी कम रखी गई है.

  • बेरोजगार श्रमिकों और बागवानों को लाभ मिल पाएगा.

  • बीज को जल्द अंकुरित करने के लिए सही सामग्रियों से समृद्ध किया जाता है और यह मानसून इसके उपयोग करने का सबसे अच्छा समय है.

  • इससे सामाजिक दूरी बनाकर खेती की जा सकती है.

English Summary: IIT Kanpur has developed unique seeds for crops and horticulture
Published on: 01 August 2020, 04:11 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now