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Updated on: 1 August, 2020 4:05 PM IST

आईआईटी कानपुर ने एक स्वदेशी बीज विकसित किया है, जिससे फसलों की खेती और बागवानी को एक नई दिशा मिल पाएगी. इस बीज को इमेजनरी लैब ने एग्निस वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड की मदद से बनाया गया है. इस बीज की खासियत है कि इससे गड्ढा खोदने के झंझट से मुक्ति मिल जाएगी. बता दें कि आईआईटी कानपुर ने बायोकम्पोस्ट समृद्ध इको-फ्रेंडली ग्लोबुले (बीईईजी) के नाम से स्वदेशी सीड बॉल को विकसित किया है.

बीज की खासियत

इस सीड बॉल को मानसून में दूर से फेंका जा सकेगा. जैसे ही यह बारिश के संपर्क में आएगा, यह बीज उर्वरक बन जाएगा. इह सीड बॉल में देशी किस्म के बीज, खाद और मिट्टी मिलाए गए हैं. इसके जरिए फिजिकल डिस्टैंसिंग का पालन करते हुए प्लांटेशन कर सकते हैं. इस बीज से गड्ढा खोदना और उसमें पौधा लगाना बहुत ही आसान है.  इसकी खासियत है कि प्लांटेशन के समय की जाने वाली तैयारियों में लगने वाला समय की बचत होगी. इसके अलावा बड़ी संख्या में पेड़ लगाना भी संभव हो पाएगा. इतना ही नहीं, इसमें वह सभी तत्व मौजूद हैं, जो किसी पेड़ या उसके विकास के लिए आवश्यक होते हैं.

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सीड बॉल से लाभ

  • किसान को बस सीड बॉल को खेत में फेंकना होगा.

  • यह प्रकृति बाकी चीजों का ध्यान रखेगी.

  • बारिश के मौसम के लिए उपयुक्त है.

  • इसकी कीमत काफी कम रखी गई है.

  • बेरोजगार श्रमिकों और बागवानों को लाभ मिल पाएगा.

  • बीज को जल्द अंकुरित करने के लिए सही सामग्रियों से समृद्ध किया जाता है और यह मानसून इसके उपयोग करने का सबसे अच्छा समय है.

  • इससे सामाजिक दूरी बनाकर खेती की जा सकती है.

English Summary: IIT Kanpur has developed unique seeds for crops and horticulture
Published on: 01 August 2020, 04:11 PM IST

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